रामभक्त अखिलेश यादव !

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

रामभक्त अखिलेश यादव !

राजेंद्र कुमार  
लखनऊ. अब से 31 साल पहले 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या आंदोलन के दौरान कारसेवकों को जान गंवानी पड़ी थी. सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उस दिन अयोध्या में भगवान राम का नाम ले रहे निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलवाई थी. तो अर्द्ध सैनिकों की गोली से राम मंदिर के गुंबद पर झंडा फहराते हुए पांच कारसेवकों की मौत हुई थी, जबकि पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज से करीब चालीस कारसेवक पुलिस के लाठीचार्ज और गोलीबारी से घायल हुए थे. इस घटना के चलते ही मुलायम सिंह यादव देश भर में "मौलाना मुलायम" कहे जाने लगे. उनकी यह हिंदू विरोधी छवि अब तक मुलायम सिंह यादव और उनकी समाजवादी पार्टी से हटी नहीं है. वही दूसरी तरफ 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों के खिलाफ तत्कालीन सरकार के दमनकारी प्रयास ही मंदिर निर्माण की खाद बन गए. अयोध्या का मंदिर आंदोलन जन आंदोलन में तब्दील हो गया और देखते ही देखते बीजेपी राज्य और केंद्र की सत्ता पर काबिज हो गई.  

जिन अफसर, नेता और पत्रकारों ने 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में कारसेवकों और तत्कालीन सरकार के बीच हुए संघर्ष को देखा था, उनका यह कहना है. लखनऊ में ऐसे तमाम पत्रकार, अधिकारी और नेता मौजूद हैं, जिन्होंने 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या जो कुछ हुआ था उसे देखा था. इन लोगों के अनुसार, अयोध्या आंदोलन के क्रम में विश्व हिंदू परिषद ने हिंदू साधु-संतों द्वारा अयोध्या में कारसेवा करने का ऐलान किया था. जिसके तहत देश भर के साधु संत और श्रद्धालुओं को अयोध्या कूच करने को कहा गया. विहिप के इस कार्यक्रम को फ्लॉप करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने यह ऐलान किया गया कि सरकार के सुरक्षा प्रबंधों के चलते अयोध्या में कोई परिंदा पर भी नहीं मार सकता है. उनके इस ऐलान के बाद भी देशभर से लाखों की संख्या में कारसेवक सुरक्षा प्रबंधों को धत्ता बताते हुए चोरी छुपे अयोध्या पहुंच गए.  

अयोध्या में 31 साल पहले कैसे उस दिन (30 अक्टूबर) लाठीचार्ज, आंसूगैस और गोलीबारी के बीच कारसेवकों ने मंदिर परिसर में पहुचकर कारसेवा की थी, उसे सैंकड़ो पत्रकारों और अफसरों ने देखा था. यहीं नहीं उस दिन कैसे जयश्री राम का नारा लगाते हुए कारसेवकों ने सरकार को फेल किया था, यह भी उक्त घटना को कवर करने वाले पत्रकार भूले नहीं हैं. उस दिन सरकार के तमाम सुरक्षा प्रबंधों को नेस्तानाबूद करते हुए लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंच थे. विश्वहिंदू परिषद के तत्कालीन महामंत्री अशोक सिंघल की अगुवाई में सुबह हजारों कारसेवकों ने जब राममंदिर की तरफ बढ़ाना शुरू किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. अशोक सिंघल के सर पर पुलिस की लाठी पड़ी, उनका सर फटा, सर से खून निकला. तो  कारसेवकों में राममंदिर पहुंचने का जूनून सवार हो गया. फिर देखते ही देखते अयोध्या में गली -गली से कारसेवकों के जत्थे निकलने लगे और सब लोग रामजन्मभूमि मंदिर की ओर चल पड़े. कारसेवकों को रोकने के लिए बनाए गए वैरीकेट एक-एक कर ध्वस्त होने लगे. पुलिस और कारसेवकों के बीच करीब छह घंटे तक हुए संघर्ष में लाखों कारसेवक रामजन्मभूमि परिसर के समीप तक पहुचने में सफल हो गए. इनमें से सैंकड़ों कारसेवकों ने सरकार के सुरक्षा इंतजामों को फेल करते हुए विवादित ढ़ांचे के गुंबद पर झंडा फहरा दिया. गुंबद, दीवार, खिडकियों को कारसेवकों ने क्षतिग्रस्त किया गया तो अर्द्धसैनिक बलों ने तीन बार गोलियां चलाकर कारसेवकों को रोकने की कोशिश की. तो गुंबद पर झंडा फहराते हुए दो कारसेवक मरे. तीन नींव खोदते हुए मरे. तीस से अधिक कारसेवक घायल हुए.  

अयोध्या में घटी इस घटना का अब आकलन करें तो यह पता चलता है कि उक्त घटना से उत्तर प्रदेश से लेकर देश की सियासत बहुत बदल हुए. इस घटना के बाद से ही मुलायम सिंह यादव को हिंदू विरोधी कहा गया. फिर धीरे -धीरे कारसेवकों पर गोली चलवाने को लेकर मुलायम सिंह यादव को 'मुल्ला मुलायम' कहा जाने लगा. तमाम हिंदूवादी संगठनों ने उन्हें हिंदू विरोधी और मुस्लिम परस्त नेता भी कहा. जिसका नुकसान मुलायम सिंह को हुआ. वर्ष 1991 में हुए विधानसभा चुनावों में मुलायम सिंह बुरी तरह हारे और बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल हुई. कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है. जबकि अयोध्या में घटी 31 साल पहले की उक्त घटना के बाद भी मुलायम सिंह जनता की बीच बनी अपनी इस छवि पूरी तरह तोड़ नहीं सके हैं. अब तो मुलायम सिंह यादव राजनीति में पहले की तरह सक्रिय नहीं हैं, फिर भी लोगों के मन में मुलायम सिंह यादव की इमेज बदल नहीं रही है.  

वहीं अयोध्या का राममंदिर बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हुआ है. मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों का यह कहते भी हैं. इस आंदोलन को वर्षों से कवर करने वाले हरिशंकर व्यास के अनुसार वर्ष 1980 में बीजेपी का गठन हुआ और पार्टी के बनने के बाद ही उसने खुलकर राम मंदिर आंदोलन का मोर्चा संभाला. बीजेपी के गठन के 4 साल बाद चुनाव हुए तो पार्टी के केवल दो सांसद जीते. 1989 में बीजेपी ने पालमपुर अधिवेशन में राम मंदिर आंदोलन को धार देने का फैसला किया गया. तो दूसरी तरफ राजीव गांधी ने विवादित स्थल के पास राम मंदिर का शिलान्यास करने की इजाजत दे दी. इसका फायदा भी बीजेपी को मिला और बीजेपी वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में 2 सीट से बढ़कर 85 पर पहुंच गई. फिर उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त राजनीतिक फायदा मिला और बीजेपी 85 सीट से बढ़कर 120 पर पहुंच गई. इसके बाद 1996 में चुनाव में हुए तो केंद्र में बीजेपी सरकार बनी हालांकि ये महज 13 दिन चली. इसके बाद 1998 और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी, जो 2004 तक चली. वर्ष 2014 में बीजेपी केंद्र और वर्ष 2017 में यूपी की सत्ता पर काबिज हुई. अब केंद्र तथा राज्य की देखरेख में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. जबकि केजरीवाल सहित तमाम राजनीतिक दल अयोध्या जाकर राम मंदिर में पूजा कर अपने को हिंदू नेता साबित करने में जुटे हैं. वही कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह यादव के पुत्र और प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश यादव भी अब अपने को राम भक्त कह रहें हैं. 

 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :