सारे गिले-शिकवे दूर केरेंगे लालू यादव

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सारे गिले-शिकवे दूर केरेंगे लालू यादव

आलोक कुमार 
पटना.आखिरकार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव 24 अक्टूबर को पटना आ ही गए.चारा घोटाले के मामले में 23 दिसंबर 2017 से रांची के जेल में बंद थे.अपने बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव की शादी में पैरोल पर पटना आए थे.पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मई 2018 में  आखिरी बार पटना आये थे.लालू यादव को 17 अप्रैल 2021 में जमानत मिल गई थी.उस समय लालू यादव दिल्ली एम्स में इलाज करवा रहे थे.सारी जमानत की औपचारिकता के बाद कोरोना काल में स्वास्थ्य कारणों की वजह से दिल्ली में मीसा भारती के घर पर रह रहे थे.3 साल 4 महीने बाद 24 अक्टूबर को लालू यादव पटना पहुंचे.यहां पर आने के बाद तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच हो रहे नुरा कुश्ती को अंत करवाने के बाद तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करने जाएंगे. 

दिल्ली से पटना आने पर ज्येष्ठ पुत्र तेजप्रताप यादव के घर नहीं जाने पर पुत्र का सपना चकनाचूर हो गया. दुखी तेजप्रताप की आंखों से आंसू बहने लगे. तेजप्रताप यादव अपने आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. उनका आरोप था कि लालू यादव से उन्हें मिलने नहीं दिया गया. जब तक वह लालू यादव से मिल नहीं लेते धरने पर बैठे रहेंगे. गेट पर काफी देर तक पिता का इंतजार करते रहे फिर कहा, 'सब बर्बाद हो गया. मैं काफी दुखी हूं.' उन्होंने जगदानंद सिंह, सुनील सिंह और संजय पर राजद को बर्बाद करने का आरोप लगाया.तेजप्रताप ने यह मैसेज देने की कोशिश की कि परिवार में और पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.  

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नाराज तेजप्रताप यादव को मना लिया है. उन्होंने खुद उनके सरकारी आवास पर जाकर उनसे बात की और फिर धरना दे रहे बेटे को अपने साथ लेकर अंदर चले गए. लालू के साथ राबड़ी देवी भी मौजूद थीं.मालूम रहे कि पिता के घर नहीं आने से नाराज तेजप्रताप गेट के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए. बाद में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजप्रताप के घर आए और उन्हें मनाकर सारे गिले-शिकवे दूर किये. 

रविवार की ही देर रात लालू प्रसाद और राबड़ी देवी तेजप्रताप यादव के आवास पर पहुंचे तब जाकर उनका गुस्सा शांत हुआ. गुस्से में लाल हो रहे तेजप्रताप यादव अपने पिता लालू प्रसाद के आते ही शांत हो गए. इसके पहले तेजप्रताप यादव ने रास्ता को झाड़ू से साफ कर दिया.वहीं तेजप्रताप दूध से भी अपने पिता का पैर धोना चाहते थे, लेकिन उन्हें पिताजी के द्वारा मना कर दिया गया.तब जाकर उनका पैर पानी से धोया.  

अपने पुत्र तेजप्रताप को मनाने में लालू जी सफल हो गये.आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव दिल्ली से पटना रवाना होने के पहले बिहार के सियासी हालात और कांग्रेस से गठबंधन टूटने की खबरों पर अपनी बात रख रहे थे. उन्होंने कहा कि क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन. हारने के लिए उसको दे देते हम. जमानत जब्त कराने के लिए. वहीं भक्तचरण दास के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए आरजेडी सुप्रीमो ने उन्हें 'भकचोन्हर दास' तक कह डाला और यही राजनीतिक बवाल का कारण है. 

पटना महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष शशि रंजन ने कहा कि राजद सुप्रीमो को हमारे बिहार के प्रभारी नेता के संबंध में अमर्यादित टिप्पणी करने वाले को मर्यादा का पालन करने चाहिए. 


 

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