फरियादी मुख्यमंत्री के आगे कमीशन और गड़बड़ झाले की ही शिकायत करते हैं

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फरियादी मुख्यमंत्री के आगे कमीशन और गड़बड़ झाले की ही शिकायत करते हैं

पटना.जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम.यहां पर अधिकारियों की शिकायत खूब पहुंच रही हैं.एसडीओ से लेकर बीडीओ साहब तक की शिकायत पर फरियादी लेकर पहुंच रहे हैं.सबसे अधिक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की 3069 शिकायत लेकर फरियादी पहुंचे हैं.उसके बाद शिक्षा विभाग की 3010 शिकायत दर्ज है.सबसे कम गन्ना उद्योग विभाग की 6 शिकायत है. 
 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार माह के पहले सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान-भूतत्व तथा सामान्य विभाग से संबंधित मामले सुनते हैं.कार्यक्रम की शुरुआत 11 बजे होती है. 

दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी, कला संस्कृति ए‌वं युवा, वित्त, श्रम संसाधन और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामले लिये जाते हैं. 

तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास ए‌वं आवास, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना विकास, भवन निर्माण, पर्यटन, सूचना ए‌वं जनसंपर्क, वाणिज्य तथा सामान्य प्रशासन विभाग के मामले सुने जाते हैं. 

अबतक कुल 18350 शिकायते आयी है.जो इस प्रकार है.आवेदन संख्या- 1.कृषि 372, 2.पशु एवं मत्स्य संसाधन 106, 3.कला, संस्कृति एवं युवा विभाग 87, 4.पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण 149, 5.भवन निर्माण 191, 6.सहकारिता 129,7.वाणिज्य कर 20, 8. आपदा प्रबंधन 350, 9.शिक्षा 3010,10.ऊर्जा 471, 11.पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन 58, 12.वित्त 372, 13.खाद्य एवं उपभोक्ता 605, 14.सामान्य प्रशासन 1610, 15. स्वास्थ्य 763,16.गृह 1368, 17. उद्योग 193,18.सूचना एवं जन संपर्क विभाग 77, 19.सूचना प्रावैधिकी 80, 20.श्रम संसाधन 191, 21.खान एवं भू-तत्व विभाग 40, 22. लघु जल संसाधन 82, 
23.अल्पसंख्यक कल्याण 52, 24.पंचायती राज 1040, 25. योजना एवं विकास 502, 26.मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन 77, 
27. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण 126, 28. राजस्व एवं भूमि सुधार 3069, 29.पथ निर्माण 451, 30.ग्रामीण विकास 535, 31. ग्रामीण कार्य 356, 32.अनु0 जाती एवं अनु0 जनजाति कल्याण 205, 33.विज्ञान एवं प्रावैधिकी 74, 34.समाज कल्याण 619, 
35.गन्ना उद्योग 6, 36. पर्यटन 27, 37.परिवहन 162, 38. नगर विकास एवं आवास विभाग 433, 39.निगरानी 67 और 40.जल संसाधन 225. कुल 18350 आवेदनों का फोलोअप नहीं हुआ है.कितने आवेदकों की समस्याओं का समाधान हो सका है.यह ज्वलंत सवाल है. 
  
इन दिनों मुख्यमंत्री शिकायत सुनते-सुनते इतने परेशान हो चुके हैं कि अब ऑन कैमरा वह ज्यादा शिकायत सुनने से परहेज करते हैं. यही कारण है कि ऐसे फरियादियों को मुख्यमंत्री अपने सामने अब ज्यादा देर तक नहीं बैठने देते. जनता दरबार में शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री कई बार परेशान होते हैं तो कई बार नाराज भी होते हैं. अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अक्टूबर महीने का तीसरा और अंतिम जनता दरबार में पहुंचे फरियादी की शिकायत सुन रहे थे. तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.फरियादियों की शिकायत सुन मुख्यमंत्री अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे. एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि धान की अधिप्राप्ति के 6 महीने बाद भी पैसा नहीं मिला है.पैसे के अभाव में अपनी मां का इलाज नहीं करा पा रहे.यह शिकायत सुन सीएम नीतीश परेशान हो गये. 

इसी तरह एक रिटायर्ड प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने सीएम के जनता दरबार में खूब शोर-शराबा किया.फरियादी ने कहा कि 2013 से मुख्यमंत्री जी एक पैसा हमको नहीं मिला है. 2018 में बिना पगार के ही हम रिटायर कर गए हैं. कोई सेवांत लाभ आजतक नहीं मिला है.भीख मांगकर खा रहे हैं.मैं कृषि पदाधिकारी था, आपके 20 मीटिंग में बतौर कृषि पदाधिकारी शामिल हुआ हूं. निर्मली, गोपालगंज में सीएम जी आपका कार्यक्रम था उसमें मैं हाजिर था. एक बेटा है, एक बेटी है, पैसे के अभाव में बेटी घर पर बैठी हुई है. 

मुख्यमंत्री ने रिटायर्ड प्रखंड कृषि पदाधिकारी की शिकायत सुन कृषि विभाग के पास भेजने को कहा.इस पर वृद्ध व्यक्ति ने कहा कि बिहार बहुत बड़ा है हम भीख मांग लेंगे लेकिन कृषि विभाग में नहीं जायेंगे.क्यों कि कृषि विभाग ने निदेशक ने ही तो सारा खेल खेला और हमारा पेंशन रोक रखा है. यह कहकर रिटायर्ड शख्स जोर-जोर से चिल्लाने लगा. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया.कहा कि हल्ला क्यों कर रहे, कृषि विभाग के पास भेजे हैं वहां जाइए.फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पता लगाइए कि वो कृषि विभाग में क्यों नहीं जाना चाहता. वह किस तरह का व्यक्ति है ? इसके बाद सीएम सचिवालय के अधिकारी भागे-भागे रिटायर्ड व्यक्ति की तरफ गये.

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