राजेंद्र कुमार
लखनऊ. आम आदमी पार्टी (आप) के लिए उत्तर प्रदेश का आगामी विधान सभा चुनाव महज चुनाव नहीं है बल्कि पार्टी के लिए यह राष्ट्रीय विस्तार का मौका है. इसी सोच के तहत आप इस बार यूपी के साथ उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भी चुनाव लड़ रही है. उत्तर प्रदेश में आप का कोई आधार नहीं है. ऐसे में पार्टी के आधार को व्यापक करने की मंशा के तहत आप के चीफ अरविंद केजरीवाल ने यूपी की 403 तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा करने का फैसला किया है. इसके साथ ही अब आप के नेताओं ने यूपी की जनता को फ्री बिजली देने और किसानों के बकाया बिल को माफ़ करने का भ्रमजाल फैलाना शुरू किया है. आप नेताओं के ये वादे जनता को कितना प्रभावित करेंगे, यह तो वक्त बताएगा लेकिन यूपी के चुनावों को लेकर पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल 'अभी नहीं तो कभी नहीं' की स्थिति में हैं. अब अगर यूपी की जनता केजरीवाल के फ्री बिजली के भ्रमजाल में नहीं फंसी तो आप दिल्ली में ही सिमट कर रह जाएगी. उसकी अन्य राज्यों में फैलने के उम्मीदें ध्वस्त हो जाएंगी.
सूबे की राजनीति के जानकारों का यह मत है. यूपी की जातीय राजनीति में पीएचडी करने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर सुशील पांडेय कहते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इमेज आरोप लगाने वाले शातिर मुख्यमंत्री की हैं. अन्ना आंदोलन की उपज और अन्ना हजारे के साथ उनके व्यवहार को लेकर यूपी के लोगों की राय अरविंद केजरीवाल के लिए ठीक नहीं हैं. यहीं कोरोना संकट के दौरान जिस तरह से उन्होंने यूपी के श्रमिकों को रातो रात दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर किया, उसके चलते भी इस पार्टी के प्रति सूबे के लोगों की राय गरीबों की हमदर्द पार्टी की नहीं बनी है. हालांकि बीते एक साल से पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह यूपी में डेरा डाले हुए हैं और रोज ही प्रेस कांफ्रेस कर पार्टी के यूपी में सक्रिय होने का संकेत दे रहे हैं. ऐसे में बीते माह आप के नंबर दो नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यूपी में घरेलू उपभोक्ताओं की 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को फ्री बिजली दी जाएगी और बकाया बिजली बिल माफ़ किया जाएगा. सिसोदिया ने सरकार बनने पर बेहतर शिक्षा के लिए बजट की राशि का 25 प्रतिशत खर्च करने का वायदा भी किया लेकिन दिल्ली में चलाई जा रही मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजना यूपी में चलाए जाने पर चुप्पी साधे रखी.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं को सूबे के लोग हवा हवाई बता रहे हैं. सपा, रालोद और कांग्रेस के नेता भी आप की चुनावी घोषणाओं को जनता को भ्रमित करने वाली बताते हैं. कांग्रेस नेता अमरनाथ अग्रवाल के अनुसार, बिजली को लेकर आप की घोषणाएं प्रदेश का नुकसान पहुंचाने वाली हैं. यूपी के 2.43 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए यूपी में करीब 2.43 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने के लिए 21,186 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देनी पड़ेगी. मौजूदा समय में प्रदेश में किसानों और बीपीएल उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार 11,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है यानी 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने और मौजूदा सस्ती बिजली को बरकरार रखने के लिए सरकार को करीब 32,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी होगी. यह रकम कहां से आएगी? अमरनाथ कहते हैं कि अगर सरकार 32,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी हर साल बिजली पर देगी, तो प्रदेश की विकास योजनाओं पर इसका असर पड़ सकता है. दिल्ली में फ्री बिजली देने का फार्मूला यूपी में नहीं लागू हो सकता. अमरनाथ के अनुसार, दिल्ली में फ्री बिजली का जो फार्मूला है उसमें ज्यादातर उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका लोड कम है. दिल्ली में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या तो ज्यादा है. मगर इनका बिजली का बिल बहुत ज्यादा नहीं आता, जिससे राज्य सरकार पर बड़ा दबाव नहीं पड़ता है.
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा आप के फ्री बिजली देने संबंधी वायदे को जनता को भ्रमित करने वाला बताते हैं. वर्मा के मुताबिक 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के बजाय सस्ती बिजली देने का फार्मूला ज्यादा कारगर हो सकता है, पर इस तरह का वायदा आप ने किया नहीं है. ऐसे में यूपी की जनता को आप के नेता भ्रमित नहीं कर पाएंगे. अवधेश की तरह ही यूपी के हर जिले में लोग आप की दिल्ली में चल रही फ्री पानी तथा मोहल्ला क्लीनिक को लेकर भी सवाल कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि आज भी दिल्ली की बस्तियों में लोग टैंकरों से पानी खरीद रहें है. जबकि केजरीवाल ने वायदा किया था कि दिल्ली के लोगों को टैकरों से पानी खरीदना नहीं पड़ेगा और सभी को शुद्ध पानी मिलेगा, परन्तु अब तक यह वायदा पूरा नहीं हुआ हैं. इसके चलते ही अब यह कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी यूपी की जनता को छलने के लिए फ्री बिजली और पानी देने का भ्रमजाल फैला रही हैं, जबकि दिल्ली में आज भी हजारों लोग टैंकरों से लाए गए पानी को खरीद रहे हैं.
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