लालू यादव 20 अक्टूबर को पटना पहुंचेंगे

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लालू यादव 20 अक्टूबर को पटना पहुंचेंगे

आलोक कुमार 
पटना.राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव 20 अक्टूबर को पटना आएंगे.चारा घोटाले के मामले में 23 दिसंबर 2017 से रांची के जेल में बंद थे.अपने बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव की शादी में पैरोल पर पटना आए थे.पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मई 2018 में  आखिरी बार पटना आये थे.लालू यादव को 17 अप्रैल 2021 में जमानत मिल गई थी.उस समय लालू यादव दिल्ली एम्स में इलाज करवा रहे थे.सारी जमानत की औपचारिकता के बाद कोरोना काल में स्वास्थ्य कारणों की वजह से दिल्ली में मीसा भारती के घर पर रह रहे थे.3 साल 4 महीने बाद 20 अक्टूबर को लालू यादव पटना पहुंचेंगे.यहां पर आने के बाद तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में प्रचार करेंगे. 

बताते चले कि मई में बेल मिलने के बाद कोरोना काल में लालू प्रसाद दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के सरकारी आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.दो दिन पहले ही लालू यादव ने कार्यकर्ताओं को आनलाइन संबोधित करते हुए कहा था कि जल्द ही आप लोगों के बीच आएंगे. 

इस बीच राजधानी पटना में शुक्रवार को राबड़ी आवास पर तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में राजद विधायक दल की बैठक की गई. इस बैठक में राज्य में होने वाले दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया.वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव इस बैठक में शामिल नहीं हुए.बैठक के बाद राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 20 अक्टूबर को लालू यादव बिहार आ रहे हैं. 
लालू प्रसाद यादव मई 2018 में आखिरी बार तेज प्रताप यादव की शादी में पैरोल पर पटना आए थे.  

बता दें कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा था कि लालू प्रसाद को दिल्ली में बंधक बना लिया गया है. तेजप्रताप ने कहा था कि चार पांच लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लिए उन्हें दिल्ली में बंधक बना लिया है. तेजप्रताप का इशारा तेजस्वी यादव और मीसा भारती की तरफ था. अब तेजप्रताप को लालू पटना आने पर जवाब देंगे कि उनको कोई माई के लाल बंधक बना नहीं सकता. अब जब लालू प्रसाद बिहार लौटेंगे तो फिर तेजप्रताप के आरोपों में कोई दम नहीं रहेगा. 

वहीं राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने बताया कि स्टार प्रचारकों की सूची में लालू यादव का नाम है तो वह चुनाव प्रचार में शामिल होंगे ही.इसके लिए वह बिल्कुल फिजिकल रूप में हमारे साथ मौजूद रहेंगे.अब वर्चुअली जुड़ने का सवाल ही नहीं है.बता दें कि राजद की तरफ से उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई है. 20 सदस्यीय सूची में एक ओर जहां तेजप्रताप यादव का नाम गायब था. वहीं राजद सुप्रीमो का नाम सबसे ऊपर था.इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह उपचुनाव से पहले ही बिहार पहुंच जाएंगे. 

राजद द्वारा स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई है. लालू प्रसाद, तेजस्वी प्रसाद यादव,अब्दुलबारी सिद्दकी,जयप्रकाश यादव, उदय नारायण चौधरी,श्याम रजक,भोला यादव,वृषण पटेल,ललित कुमार यादव,मनोज कुमार झा,डॉ.तनवीर हसन, आलोक कुमार मेहता, शिवचंद्र राम,अनिल कुमार सहनी,श्रीमती लवली आनंद ,चंद्रहास चौहान,भरत बिंद,रामवृक्ष सादा,अनिल कुमार फर्फ साधू पासवान और भरत मंडल.उक्त 20 सदस्यीय सूची में तेजप्रताप यादव का नाम गायब है.वहीं देखा मां राबड़ी देवी और दीदी मीसा भारती का नाम गोल है.तब उन्होंने गम को ट्वीट कर इजहार किया कि   
ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया 
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया… 
मेरा नाम रहता ना रहता मां और दीदी का नाम रहना चाहिए था… 
इस गलती के लिए बिहार की महिलाएं कभी माफ नहीं करेगीं,दशहरा में हम मां की ही अराधना करतें हैं ना जी…  

लालू यादव दिसंबर 2017 में जेल गए थे, तब से वे प्रत्यक्ष रूप से राजनैतिक गतिविधियों से दूर रहे. अब जब वे बिहार आ रहे हैं, तो काफी कुछ बदल गया है. उनके दोनों बेटों तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच दूरियां बढ़ गई हैं.  उनके जेल में रहते ही 2020 का विधानसभा चुनाव भी हुआ. लेकिन पार्टी ने उनकी गैर मौजूदगी में भी अच्छा प्रदर्शन किया भले ही सरकार नहीं बन पाई.  
 

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