न्याय नहीं मिलने तब ये सत्याग्रह जारी रहेगा

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न्याय नहीं मिलने तब ये सत्याग्रह जारी रहेगा

लखीमपुर.कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा में जान गंवाने वाले किसान लवप्रीत के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने परिवार से मिलकर उनका दुख बांटा. राहुल गांधी ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह जारी रहेगा. उन्होंने पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से भी मुलाकात की, जिनकी हिंसा में मौत हो गई थी. 

लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को देर रात प्रियंका गांधी लखनऊ पहुंची.सोमवार यानी 4 अक्टूबर को 4 बजे उनको सीतापुर में हिरासत में ले लिया जाता है.इसको पूर्व प्रधानमंती व दादी इंदिरा गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है.इंदिरा गांधी के खिलाफ जांच के लिए शाह आयोग का गठन किया गया. 3 अक्टूबर 1977 के दिन शाम के वक्त सीबीआई की टीम इंदिरा गांधी के आवास पर पहुंची. गिरफ्तारी के लिए घंटे भर का वक्त दिया गया. इंदिरा गांधी बाहर आती हैं और हथकड़ी लगाने के लिए कहती हैं. खूब हंगामा होता है और रातभर उनको फरीदाबाद के एक गेस्ट हाउस में रखा जाता है. अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को उनको मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है.पुलिस के पास सबूत नहीं थे और उनको रिहा कर दिया जाता है. 


हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी का अनूठा विरोध 
लखीमपुर खीरी में मचे बवाल के बाद देर रात 3 अक्टूबर को ही प्रियंका गांधी लखनऊ पहुंच जाती हैं. पुलिस प्रशासन और उनके बीच यहां बहस भी होती है.लखनऊ से निकलकर लखीमपुर खीरी जाने के लिए लुका छुपी का खेल चलता रहा. वह लखनऊ के रास्ते सिधौली जा पहुंचती हैं.पुलिस का जगह- जगह पहरा रहता है फिर भी वो चकमा देकर दूसरे रास्ते से निकल जाती हैं.प्रियंका गांधी दूसरे से निकल जाती हैं। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस के होश उड़ जाते हैं.सोमवार यानी 4 अक्टूबर को 4 बजे उनको सीतापुर में हिरासत में ले लिया जाता है. इसके विरोध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अनशन भी शुरू कर दिया.सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में उनका अनूठा विरोध सामने आया वह फर्श पर झाड़ू लगाते हुए भी नजर आईं.उनको हिरासत में लिए जाने पर कई जगहों पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीड़ितों से मिलने पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब हिरासत में नहीं हैं, बल्कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. खबर है कि प्रियंका गांधी के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रियंका गांधी को सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में गिरफ्तार करके रखा गया गया है. बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में हिंसा भड़की थी और उसी रात प्रियंका लखनऊ पहुंच गई थीं. रात को ही प्रियंका लखीमपुर के लिए रवाना हो गई थीं और सोमवार तड़के उन्हें हरगांव में पुलिस ने उन्हें रोक दिया था.  

लखीमपुर हिंसा के बाद मचे बवाल के बीच किसानों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के बारे में यूपी पुलिस ने स्थिति स्‍पष्‍ट कर दी है. पुलिस के मुताबिक प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किया गया है.उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्‍ट हाउस में अस्‍थाई जेल बनाई गई है.प्रियंका गांधी, हरियाणा से कांग्रेस के राज्‍यसभा सांसद दीपेन्‍द्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय लल्‍लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत केस दर्ज कर लिया है. 

पुलिस का कहना है कि प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी चार अक्‍टूबर की सुबह साढ़े चार बजे की गई थी.गिरफ्तारी के बाद उन्‍हें सीतापुर में पीएसी बटालियन के गेस्‍ट हाउस में रखा गया है. इस गेस्‍ट हाउस को उनके लिए अस्‍थाई जेल बनाया गया है. 

प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपना गुस्‍सा जताया है.पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्‍बरम ने मुखर विरोध करते हुए कहा कि यह पूरी तरह गैरकानूनी और बेहद शर्मनाक है.उन्‍होंने कहा कि प्रियंका गांधी को सर्योदय से पहले साढ़े चार बजे एक पुरुष पुलिस अधिकारी द्वारा गिरफ्तार किया गया.इसके बाद उन्‍हें अभी तक किसी ज्‍यूडिशियल मजिस्‍ट्रेट के सामने नहीं पेश किया गया. 

पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले उजागर हुए जिसमें ये देखा गया कि पुलिस कर्मियों द्वारा महिलाओं को देर रात गिरफ़्तार करने को लेकर परेशान किया जाता है.जिसके बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के हितों को देखते हुए एक आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी भी महिला को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस किसी भी महिला को पूछताछ के लिए थाने भी नहीं बुला सकती है. 

अगर पुलिस के साथ महिला पुलिस भी हो उस स्थिति में भी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता है. अपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 46(4) 1973, महिलाओं की गिरफ़्तारी से जुड़े प्रावधानों को स्पष्ट करता है। जिसके मुताबिक कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किसी महिला को गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है. 

वहीं विशेष परिस्थिति में महिला की गिरफ़्तारी के समय किसी महिला पुलिस अधिकारी का होना ज़रूरी है.इतना ही नहीं साथ में लोकल फर्स्ट क्लास न्यायिक मजिस्ट्रेट का लिखा हुआ वारंट भी होना चाहिए. बता दें कि 21 दिसम्बर 2012 को भारती बनाम जाधव केस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस क़ानून का प्रयोग करते हुए सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ़्तारी पर रोक लगाई थी. 

धारा-47(2) के अनुसार महिला की तलाशी केवल दूसरी महिला द्वारा ही शालीन तरीके से ली जाएगी. महिला चाहे तो पुलिस से अपनी गिरफ़्तारी का कारण पूछ सकती है और चाहे तो तलाशी लेने वाली महिला पुलिसकर्मी की भी तलाशी ले सकती है. गिरफ़्तारी के बाद महिला को केवल महिलाओं के लिए बने लॉकअप में ही रखा जाएगा.लॉकअप नहीं होने की स्थिति में महिला को किसी कमरे में बंद कर रखा जा सकता है. 

पुलिस द्वारा मार-पीट या दुर्व्यवहार के मामले में महिला मजिस्ट्रेट से डॉक्टरी जांच की मांग कर सकती है.इस बीज 06 अक्टूबर को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को सीतापुर के पीएसी गेस्‍ट हाउस में अस्‍थाई जेल से मुक्त कर दिया गया.तब जाकर भाई राहुल गांधी और बहन सोनिया गांधी लखीमपुर खीरी हिंसा में जान गंवाने वाले किसान लवप्रीत के परिजनों से मुलाकात की.शहीद लवप्रीत के परिवार से मिलकर दुख बाँटा लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा.तुम्हारा बलिदान भूलेंगे नहीं, लवप्रीत. 

वहीं पत्रकार शहीद रमन कश्यप के परिवार से मिलकर शोक व्यक्त किया.अपनों को अमानवीय क्रूरता के हाथों खोने वाले ये परिवार क्या चाहते हैं? न्याय- दोषियों को तुरंत गिरफ़्तार किया जाए व मिनिस्टर को पद से हटाया जाए.और अब न्याय करना होगा!  
 

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