आलोक कुमार
पटना.पटना के एक पत्रकार विवेक चन्द्र की बर्बर पिटाई हाजीपुर की पुलिस ने कर दी.इस पिटाई ने यूपी और बिहार की पुलिस में ज्यादा फर्क नहीं दिखा.योगी जी के शासन में पुलिस मनीष गुप्ता जैसे कारोबारी की जान ले लेती है और नीतीश जी के सुशासन में पत्रकार को गाड़ी चेकिंग के दौरान इस तरह बेरहमी से पीटा जाता है.उसके शरीर पर निशान बन गया है.
पटना के पत्रकार विवेक चन्द्र की बर्बर पिटाई हाजीपुर की पुलिस ने कर दी है.पत्रकार विवेक अपनी बीमार माता जी को पटना एम्स में दिखाने के बाद उन्हें घर पहुंचाने मुजफ्फरपुर जा रहे थे. हाजीपुर के रामशीष चौक के पास रौंग साइड का हवाला देकर पुलिस ने पहले गाड़ी रोकी. नियमों के मुताबिक विवेक चालान लेने को तैयार थे. लेकिन उन्होंने पुलिस वालों से केवल इतना पूछा कि रौंग साइड का बोर्ड या निर्देश क्यों नहीं लिखा है?
वर्तमान समय में सवाल पूछना गुनाह है.पत्रकार के द्वारा पूछा पुलिस को सवाल इतना नागवार गुजरा की वो गाली-गलौज पर उतर आयी.मां साथ में थीं.विवेक भाई को कुछ समझ में नहीं आया तो उन्होंने अपने मोबाइल से इस अप्रत्याशित स्थिति को रिकॉर्ड करना चाहा.बस फिर क्या था.पुलिस ने एक शांत स्वभाव वाले पत्रकार की जमकर पिटाई कर दी.
इस दौरान एक महिला पुलिस अधिकारी ने विवेक को खूब भला-बुरा कहा. विवेक ने बिहार पुलिस के एक बड़े अधिकारी को परिस्थिति की जानकारी दी.उन्होने तत्काल संबंधित पुलिस कप्तान को फोन भी किया लेकिन उन्होंने भी विवेक चन्द्रा को ही सुना डाला.सवाल जब खाकी पर हो तो सभी एक कतार में खड़े नजर आते हैं.विवेक जो दूसरों की खबर करते हैं खुद खबर बन गए.
उन्होंने इसकी जानकारी दूसरे दोस्त पत्रकार को घर पहुंचकर दी. नीतीश सरकार से क्या उम्मीद किया जाए कि वो दोषी पुलिसकर्मियों पर एक्शन लेगी? ट्रैफिक नियमों को तोड़ने की सजा यह बर्बर पिटाई तो कभी नहीं हो सकती. सुशासन पर सवाल तो पहले भी उठते रहे हैं लेकिन अब सवाल यह है कि बिहार में भी किसी मनीष के चले जाने तक पुलिस को निरंकुश होने दिया जाएगा?
इस संदर्भ मे पत्रकार एसकेराजीव राजीव का कहना है इसे गम्भीरता से लेते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की माँग DGP और CM से हमलोगों को मिलकर करनी चाहिए .कमलेश सिंह ने इसे अंधेर नगरी चौपट राजा और निरंकुश प्रशासक कहा.
रजनीश कुमार आर्या ने कहा कि यही नीतीश कुमार की सुशासन सरकार है. चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए सुशासन की सरकार कहने वालों को.मुकेश कुमार ने कहा कि जिस सरकार के कार्य कलापों की हम अपने कलम से बड़े बड़े सुर्खिया बनाते है हम उनसे ऐसे पुलिस कर्मियों के कुकर्म रवैये पर सरकार से कार्रवाई करने का गुहार लगाए, ऐसे भरवे को कलम की धार से ... में डंडा कर देना चाहिए,ताकि की पुलिस पत्रकारो पर हाथ उठाने की कोशिश ना करे.नेहा गुप्ता ने कहा कि पुलिस का रवैया निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है.
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