पंकज चतुर्वेदी
'अब नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दिया .उन्होंने लिखा किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. इसीलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूँ
दरअसल, जब पंजाब में मंत्रियों के नाम तय किए गए तब राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बातचीत कर इसका फैसला किया. इसमें कहीं भी नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया. पहले दिन की मीटिंग में उन्हें जरूर बुलाया गया लेकिन जब राहुल गांधी शिमला से लौटकर आए तब की मीटिंग में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया. दूसरी वजह से भी मानी जा रही है कि सीएम चन्नी ने जिन भी लोगों के नाम तय करने शुरू किए चाहे वो डीजीपी हों या एडवोकेट जनरल हों, इसमें भी सिद्धू की नहीं मानी गई.
यानी मंत्रियों के नाम तय करने में हाईकमान ने उन्हें शामिल नहीं किया, पोर्टफोलियो तय करने में उनसे नहीं पूछा गया और साथ ही महत्वपूर्ण पदों (डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी जैसे पद) पर नियुक्ति के विषय में भी सीएम सिद्धू की सलाह नहीं रहे हैं. ऐसे में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उन्होंन हाईकमान के सामने अपनी नाराजगी दर्ज करने की कोशिश की है.
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