महागठबंधन की ओर से बंद का आह्वान बिहार से

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महागठबंधन की ओर से बंद का आह्वान बिहार से

आलोक कुमार 
पटना.माले के राज्य सचिव कुणाल कह रहे थे कि अब तक महागठबंधन कांग्रेस और राजद की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.हम चाहते थे कि महागठबंधन द्वारा प्रेस कांफ्रेस किया जाता और महागठबंधन की ओर से बंद का आह्वान बिहार में किया जाता तो इसका असर ज्यादा होता.तो शुक्रवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास में किसानों द्वारा 27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन करने के लिए महागठबंधन के नेताओं की बैठक हुई. 

बता दें कि 10 सर्कुलर रोड पर महागठबंधन की बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया को यह जानकारी दी है.जातीय जनगणना (Caste Census) पर केंद्र सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है. जिसके बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर जातीय जनगणना के मुद्दा गर्म हो गया है. विपक्ष ने अब सीधे इस मामले को सीएम नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) के पाले में डाल दिया है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना पर हमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया का इंतजार है. 


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग को ठुकराए जाने के बाद बिहार के सीएम इस पर क्या प्रतिक्रिया देतें हैं, पहले हम इसका इंतजार करेंगे. वो कुछ बोंले उसके बाद ही हम कोई फैसला करेंगे. क्योंकि जातीय जनगणना की मांग लेकर सीएम नीतीश कुमार भी केंद्र के पास गए थे.बयान देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादवतेजस्वी यादव ने ये भी कहा 27 सितंबर को किसानों के प्रस्तावित भारत बंद को महागठबंधन का पूरा समर्थन रहेगा. हम सभी दल किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे.जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के हलफनामे को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि हम सभी ने निर्णय किया है कि हम दो-तीन दिनों तक मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे. उसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे. बैठक में कांग्रेस, सीपीआई , सीपीएम और सीपीआई एम एल के नेता भी शामिल थे. 

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वाम दल के नेता और तेजस्वी यादव नें बैठक की. बताया जा रहा है कि महागठबंधन के सभी नेताओं ने किसान आंदोलन के 27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन किए जाने पर सहमति जताई है.बताया गया कि कांग्रेसी नेताओं के साथ खुद तेजस्वी यादव भी पटना की सड़क पर किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे. 

पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.किसानों का ये आंदोलन अब और तेज होने वाला है.दरअसल प्रदर्शन कर रहे किसानों ने  27 सितंबर को 'भारत बंद' बुलाया है.किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों, किसान संघों, युवाओं, शिक्षकों, स्‍टूडेंट्स, महिलाओं, मजदूर संघों से भी 27 सितंबर को आहूत भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है. 

इसके अलावा देश में बढ़ती महंगाई और पेट्रोल डीजल की कीमतों के खिलाफ भी तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार और बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का काम करेंगे. भारत बंद के दौरान ही कांग्रेस आरजेडी और वामपंथी समेत तमाम दल के नेता देश में जातीय जनगणना कराने की मांग भी केंद्र सरकार से करेंगे. बताया जा रहा है कि महागठबंधन के सभी नेताओं ने किसान आंदोलन के 27 सितंबर को भारत बंद का समर्थन किए जाने पर सहमति जताई है. बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का 8 दिसंबर 2020 को भी भारत बंद किया था जिसे कांग्रेस समेत कई दलों ने समर्थन दिया था. 

 

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