आलोक कुमार
पटना.आज न्याय और शान्ति के लिए 12 दिवसीय वैश्विक पदयात्रा का आगाज हुआ. यह एकता परिषद और सर्वोदय समाज द्वारा निकाली जा रही 12 दिवसीय पदयात्रा है.“न्याय और शान्ति पदयात्रा - 2021”पदयात्रा देश के 105 जिलों के साथ-साथ विश्व के 25 देशों में आयोजित की जा रही है.इसी तरह बिहार के 15 जिले में की जा रही है. इस अनूठी वैश्विक पदयात्रा का शुभारंभ गाँधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने बिहार की राजधानी पटना से एक दिवसीय उपवास के साथ की है.
पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे राजगोपाल पी.व्ही. ने इस मौके पर कहा कि पदयात्रा की शुरुआत अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस के मौके पर की जा रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर, अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौके पर की जाएगी.यह पदयात्रा अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है, इस यात्रा में सैकड़ों युवा शामिल होंगे जो इस दौरान लोगों से न्याय और शांति आधारित समाज के बारे में बात करेंगे.भारत में इस प्रकार की यह बड़ी पहल तो है ही, साथ ही साथ वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण पहलों में से एक है.
यह पदयात्रा देश के 105 जिलों के साथ-साथ विश्व के 25 देशों में आयोजित की जा रही है.वहीं मध्यप्रदेश में इस यात्रा का आयोजन 27 जिलों में चल रही है। यात्रा के दौरान लगभग पांच हजार पदयात्री पैदल चलेंगे और लगभग दस हजार किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.12 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, अहिंसात्मक अर्थव्यवस्था, पलायन, युवाओं में अहिंसा आधारित नेतृत्व कौशल विकसित करने, आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही यात्रा के दौरान आने वाले गावों में शान्ति कैसे स्थापित हो, गावं को कैसे सुंदर बनाया जाए, शुद्ध और पीने युक्त पानी तक सबकी पहुँच कैसे सुनिश्चित हो आदि जैसे स्थानीय मुद्दों पर भी बातचीत की जाएगी और स्थानीय समस्याओं के अहिंसात्मक समाधान की भी तलाश की जाएगी.
पदयात्रा की अगुआई कर रहे गाँधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. पदयात्रा के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहते हैं कि 21 सितम्बर, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस से 2 अक्तूबर, अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस तक का जो महत्वपूर्ण समय हमारे पास है उसका हम किस प्रकार से सदुपयोग करें जिससे हम विश्व में अहिंसा, न्याय और शांति को फैला सकें.कोई भी दिवस मनाना महत्वपूर्ण नहीं होता है, लेकिन उस दिवस के इर्द-गिर्द हम क्या और किस प्रकार का कार्यक्रम करते हैं यह महत्वपूर्ण होता है. हमारा मकसद है, यात्रा के दौरान सैकड़ों युवा इन दिवसों को अपने कमरे और कैम्पस में मनाने के बजाय हमारे साथ सड़कों पर यात्रा में शामिल होकर और समाज के विभिन्न मुद्दों से रूबरू होकर इन पर बातचीत करे.पदयात्रा के दौरान न्याय, शांति और अहिंसा की बात जोरदार ढंग से होगी और हमारी यह कोशिश रहेगी ऐसी बातें केवल शहर तक सीमित ना होकर गाँव और छोटे कस्बों तक पहुंचे. पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज को न्याय, शांति और अहिंसा के लिए तैयार करना है.इसके साथ ही समाज में न्याय और शान्ति आधारित व्यवस्था के बारे में भी समझ को विकसित करना है.
पदयात्रा के दो महत्वपूर्ण लक्ष्यों के बारे में बताते हुए राजगोपाल कहते हैं कि पदयात्रा का एक लक्ष्य यह भी है कि हमें सरकार के समक्ष अहिंसा एवं शांति मंत्रालय की स्थापना हो इस मुद्दे को भी उठाना है.हम यात्रा के दरम्यान अहिंसा एवं शांति मंत्रालय की स्थापना को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चालएंगे.वहीं हमारा दूसरा लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र संघ को अहिंसात्मक अर्थव्यवस्था को लेकर लिखने का है. इसमें हम यह कहने जा रहें हैं कि वर्तमान में जो अर्थव्यवस्था है वह बेहद ही हिंसात्मक है, कुछ लोगों के पास बहुत अधिक है तो वहीं कुछ लोगों के पास कुछ भी नहीं है. इसलिए हम संयुक्त राष्ट्र संघ से अहिंसात्मक अर्थव्यवस्था की बात करेंगे और इसको लेकर भी हम हस्ताक्षर अभियान चालएंगे.कुल मिलाकर इस यात्रा का उद्देश्य भारत सरकार के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य देशों के सरकारों को भी न्याय, शांति अहिंसा पर आधारित व्यवस्था को लेकर प्रभावित करना है.
आज “न्याय और शान्ति पदयात्रा - 2021”पदयात्रा सहरसा जिले
पतरघट प्रखंड के पंचायत धबौली (west)के भेलवापट्टी से पतरघट नहर के किनारे बसे ग्रामीणों ने उपवास कार्यक्रम में शामिल हुए.ओमप्रकाश सादा, हीरालाल सादा, सत्यनारायण पोद्दार, कमलेश्वरी दास, रामदय देवी, कमोदिया देवी एवं अन्य सभी.
शांति के सिपाही देख, गांव गांव जा रहे,गाँव-गाँव जा रहे,न्याय गीत गा रहे.भूख की जंग में-हमसब संग में.जय जगत का नारा है सारा संसार हमारा है नारा बुलंद कर रहे थे.
21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस से 2 अक्टूवर अहिंसा दिवस तक “न्याय और शान्ति पदयात्रा कुढ़नी, मुजफ्फरपुर इकाई द्वारा 21 सितंबर को तुर्की मेला गाछी से पदयात्रा की शुरुआत होगी तथा 2 अक्टूवर को फतहपुर में इसका समापन होगा.पदयात्रा के दौरान हर दिन अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी.वृक्षारोपण भी किए जायेंगे.
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