आलोक कुमार
पटना.राजधानी पटना में है इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस).आईजीआईएमएस की स्थापना 19 नवंबर 1983 को अखिल भारतीय संस्थान की तर्ज पर एक स्वायत्त संगठन के रूप में की गई थी.कर्मचारियों का कहना है- '38 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब वेतन समय से नहीं मिला है।'यहां की नर्सों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन में शामिल हो गयी. नो पे नो वर्क, वी वांट जस्टिस,दे दी,ताली और थाली और अब कर दी जेब खाली,नर्सेज है बेहाल आईजीआईएमएस तेरा यह कमाल आदि पोस्टर नर्सों ने लिख अपनी भावना व्यक्त की.और गुरुवार को नर्सों ने हड़ताल कर दी है.
गुरुवार को नर्स नई बिल्डिंग के पास जमा होने लगीं और काम से अलग हो गईं.संस्थान की तरफ से बार-बार मांग करने के बाद भी राशि नहीं मिलने के कारण आक्रोश बढ़ गया. संस्थान की तरफ से कर्मचारियों को मनाने की तैयारी की जा रही थी.कहा जा रहा था कि वेतन शीघ्र आ जाएगा, लेकिन कर्मचारियों में भारी आक्रोश था. उनका कहना है कि 15 दिनों से वह वेतन का इंतजार कर रहे थे. कर्ज में हैं और अब तो परिवार में भी समस्या हो गई.
इसके आलोक में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में नर्सों ने हड़ताल कर दी.उन्होंने काम ठप कर विरोध शुरू कर दिया.इससे इलाज कराने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा. OPD पूरी तरह से ठप हो गई.इनडोर व्यवस्था भी बाधित हो गई. पहले से एडमिट मरीज भी परेशान हो गये.गुरुवार को 14 से अधिक ऑपरेशन शेड्यूल थे, जो अब तक नहीं हो सके.
नर्स अगस्त महीने की सैलेरी की मांग कर रही हैं, जो अब तक नहीं मिली है.कर्मचारियों का कहना है- '38 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब वेतन समय से नहीं मिला है.' 1500 से अधिक कर्मियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी. उन्होंने काम बंदकर प्रदर्शन करने लगे.अन्य कर्मचारी भी हड़ताल का समर्थन करने लगे. प्रदर्शन अगस्त माह की सेलरी नहीं मिलने को लेकर चला.
निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने पहले ही हड़ताल की आशंका में स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा था. विभाग ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया व कर्मचारी हड़ताल पर जाने लगे.
आईजीआईएमएस के लगभग 1500 से अधिक कर्मियों ने हड़ताल को लेकर निदेशक को पत्र दिया था.गुरुवार को लेकर चेतावनी दी गई थी.उन्होंने कहा था कि अगर अगस्त माह का वेतन नहीं मिला तो वह गुरुवार से हड़ताल पर जाएंगे.
15 सितंबर तक अगस्त माह का वेतन नहीं मिलने से गुस्साए कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी को निदेशक ने गंभीरता से लिया था और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया था. कर्मचारियों की चेतावनी से परेशान संस्थान के निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई थी. उन्होंने कहा कि अगर सेलरी नहीं दी जाती है तो हड़ताल से पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा सकती है.
निदेशक डॉ एन आर विश्वास ने पहले का था कि अब हालात बेकाबू हो रहे हैं.इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में 1000 से अधिक मरीजों की ओपीडी है और अधिक संख्या में मरीज भर्ती भी हो रहे हैं.
वायरल के कारण ओपीडी में लगातार मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. ऐसे में अगर कर्मचारियों की हड़ताल हुई तो इलाज में काफी मुश्किल होगी और फिर भार पटना मेडिकल कॉलेज पर बढ़ेगा. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के सीजन में हेल्थ वर्करों की हड़ताल भारी पड़ सकती है. निदेशक डॉ एन आर विश्वास का कहना है कि राशि के अभाव में कर्मचारियों के अगस्त माह का वेतन अभी तक नहीं दिया जा सका है.इस मामले में तत्काल समाधान नहीं किया गया तो समस्या होगी.
कर्मचारियों का कहना है कि बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ही तरह मनमानी करने के कारण ऐसा हुआ है कि उन्हें सितंबर माह में आधा महीना बीतने के बाद भी अगस्त की सेलरी नहीं दी गई है.बिहार सरकार के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को राशि आंवटित नहीं होने से सेलरी नहीं दी जा रही है.अब तो हरेक चीज ऑन लाइन हो रहा है.पैसे के अभाव में परिवार चलाना मुश्किल है.
संस्थान की तरफ से कर्मचारियों को मनाने की तैयारी की जा रही है. कहा जा रहा है कि वेतन शीघ्र आ जाएगा लेकिन कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.उनका कहना है कि 15 दिनों से वह वेतन का इंतजार कर रहे हैं.कर्ज में हैं और अब तो परिवार में भी समस्या हो गई है.
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