वोट लेकर भाग जाने वालों से मोहभंग

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वोट लेकर भाग जाने वालों से मोहभंग

आलोक कुमार 
बेतिया.बिहार में मार्च-अप्रैल में मतदान होना था, लेकिन कोरोनाकाल को लेकर पंचायत चुनाव का समय आगे बढ़ा दिया गया था. पहली बार ईवीएम से संपन्न हो रहे पंचायत चुनाव में पंचायतों और ग्राम कचहरियों के विभिन्न पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के चार पदों पर मतदान ईवीएम से कराए जाएंगे. हालांकि, ग्राम कचहरी के दो पदों के लिए बैलट पेपर से चुनाव होंगे. 
बिहार में 11 चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव के तहत 2 लाख 55 हजार 22 पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम कचहरी पंच और ग्राम पंचायत सदस्य का नामांकन शुल्क 250 रुपया निर्धारित है जबकि महिला, एससी, एसटी व अति पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क 125 रुपये निर्धारित है.वहीं, मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति सदस्यों के नामांकन शुल्क प्रति प्रत्याशी एक हजार निर्धारित किया है. इन तीनों पदों के लिए महिला, एससी, एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को आधा शुल्क के रूप में 500 रुपये देने होंगे. 
जबकि जिला परिषद के सदस्य के रूप में नामांकन करने पर नामांकन शुल्क दो हजार रुपये प्रति सदस्य निर्धारित है जबकि महिला, एससी, एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी को एक हजार नामांकन शुल्क देय होगा. नामांकन करने के बाद यह शुल्क किसी भी दशा में प्रत्याशियों को वापस नहीं किया जा सकेगा.इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी एक पद के लिए कोई प्रत्याशी अधिकतम दो सेट में ही नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है. हालांकि उस प्रत्याशी को एक ही नामांकन शुल्क देना होगा. 
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबकि उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने के समय नियम 40 के अनुसार नामांकन शुल्क देना होगा. नामांकन शुल्क की निर्धारित राशि को कोषागार चालान या नगद राशि जमा कर नाजिर रसीद लगाना होगा. साथ ही नाम निर्देशन शुल्क किसी भी दशा में वापस नहीं किया जाएगा. 

वहीं, जिला परिषद के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के लिए नाम निर्देशन पत्र अनुमंडल कार्यालय में दाखिल किया जाएगा. जबकि ग्राम कचहरी, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति सदस्य व प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के लिए नाम निर्देशन पत्र प्रखंड कार्यालय में दाखिल किया जाएगा. नाम निर्देशन पत्र अभ्यर्थी के द्वारा स्वयं निर्वाची पदाधिकारी या सहायक निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना है. किसी भी हालत में डाक या प्रस्तावक या किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा दाखिल नहीं किया जाएगा. 

किसी पद विशेष के लिए कोई भी व्यक्ति एक से अधिक अभ्यर्थी का प्रस्तावक नहीं बनेगा. कोई व्यक्ति जो स्वयं किसी निर्वाचन क्षेत्र का व्यक्ति है, उस निर्वाचन क्षेत्र के किसी अन्य व्यक्ति का प्रस्तावक नहीं होगा. अनारक्षित पद पर आरक्षित कोटि का कोई भी अभ्यर्थी चुनाव लड़ सकता है. 

आपको बताएं कि पंचायत चुनाव के लिए 24 सितंबर, 29 सितंबर, 8 अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 3 नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, 8 दिसंबर और 12 दिसंबर को मतदान होगा. चुनाव आयोग ने बताया कि मुखिया के 8072 पद, ग्राम पंचायत सदस्य के 113307 पद, पंचायत समिति सदस्य के 11104 पद, जिला परिषद सदस्य के 1160, ग्राम कचहरी सरपंच के लिए 8072 और पंच के लिए 113307 पदों पर चुनाव होंगे. कुल 255022 पदों के लिए वोट डाले जाएंगे. 

बताते चले कि भारत की आजादी के बाद पहली बार जब बिहार-झारखंड संयुक्त राज्य था, तब बिहार में पहला पंचायत चुनाव 1952 में हुआ था. शुरुआती दिनों में ग्राम पंचायत का कार्यकाल 5 वर्ष की जगह 3 वर्ष का ही हुआ करता था. 

आजादी मिलने के साथ ही राज्यों में लोगों को सशक्त बनाना या गांव के लोगों की उसकी भागीदारी बढ़ाने के लिए कल्याणकारी योजनाओं में गति लाने और स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे विवादों के आपस में समझाने के उद्देश्य से पंचायत का गठन किया गया था.देखें रिपोर्टशुरुआती दिनों में ग्राम पंचायत का कार्यकाल 3 वर्ष ही हुआ करता था. बिहार में पंचायत राज को सशक्त बनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया था. तब सरकार ही पंचायत चुनाव करवाती थी.1952 के बाद दूसरी बार साल 1955 में पंचायत चुनाव हुआ, फिर 1958, 1961 और 1964 में पंचायत चुनाव हुआ था. साल 1964 के बाद फिर कानूनी प्रक्रिया के कारण पेंच फंस गया और 1977 में अंतिम बार पंचायत चुनाव हुआ. उसके बाद नीतियों के अभाव में पंचायत स्थगित हो गई. 

1977 के बाद फिर लंबे समय तक बिहार में पंचायत चुनाव हुआ ही नहीं. 2001 में सरकार ने पंचायत चुनाव की घोषणा की. 24 साल बाद फिर से पंचायत चुनाव हुआ. तब से हर 5 साल पर चुनाव हो रहे हैं. 2006, 2011 और 2016 में पंचायत चुनाव कराए गए. 2021 में फिर पंचायत चुनाव हो रहे हैं. इस तरह से अभी तक कुल 10 बार पंचायत चुनाव हो चुके हैं. 

इस समय बिहार में पंचायत चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है.सभी छह पदों के लिए उम्मीदवार अपना नामांकन कर रहे हैं.बिहार में 11 चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव का प्रथम चरण का चुनाव 24 सितंबर को है.चुनाव प्रचार चरम पर है. 

चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 31की प्रत्याशी आरजू परवीन ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रत्याशी पति नसीम अहमद उर्फ पिंटू बाबू के नेतृत्व में जनसम्पर्क अभियान तेज कर दिया गया है. 

पश्चिम चम्पारण जिला में 42 जिला परिषद सीट है.इसमें चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र में 3 सीट है.त्रिस्तरीय चुनाव के द्वितीय चरण का नामांकन 7 से 13 सितंबर तक है.अब तक जिला परिषद के द्वितीय चरण में सात प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है.चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र के 3 सीट में क्षेत्र संख्या 31 महिला आरक्षित सीट है.चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 31की प्रत्याशी आरजू परवीन ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.उनका उदय प्रताप ठाकुर प्रस्तावक थे.बी.ए.उर्तीण आरजू परवीन सादगी की प्रतिमूर्ति हैं.  

प्रत्याशी पति नसीम अहमद उर्फ पिंटू बाबू ने कहा कि गुरवलिया,   टुनिया बिशुनपुर, कुरवा मठिया,चुहड़ी, पश्चिम तुरहा पट्टी, चरगाहा, पूर्वी तुरहापट्टी और सीरसिया के लगभग पचास हजार वोटर हैं.इसी पंचायत में जनसम्पर्क व प्रचार किया जा रहा है.हालांकि द्वितीय चरण का मतदान 29 सितंबर को है,फिर भी अभी से ही चुनावी माहौल बनने लगा है. वहीं मतदाता मन बना चुके हैं कि जिसने काम किया है, उसी को वोट देंगे. 

इस संवाददाता ने चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 31की प्रत्याशी आरजू परवीन के चुनाव क्षेत्र के लोगों का मिजाज समझने की कोशिश की.वहां के लोगों का कहना है पिछले चुनावों की तरह ही सभी विकास की बात करते हैं, लेकिन हमलोगों ने भी तय कर लिया है कि वोट उसी को देंगे, जो वास्तव में काम करेंगे. 

ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 5 सालों में जितनी उम्मीद थी, उतना विकास नहीं हो पाया है. जिस वजह से उन लोगों को काफी निराशा भी है. लिहाजा अभी तो मतदान की तारीख में काफी वक्त है, तबतक हम लोग हर तरह से आकलन करेंगे और उसी आधार पर फैसला लेंगे.इस बार महिला प्रत्याशी आरजू परवीन पर लोग विश्वास करना शुरू कर दिये हैं. 

पश्चिम चम्पारण जिले में है चुहड़ी पल्ली.यहां पर विख्यात ऑवर लेडी ऑफ असम्पसन चर्च है.चुहड़ी पल्ली की स्थापना वर्ष 1769 में हुआ था.इस तरह चुहड़ी पल्ली 252 साल का हो गया.मगर जन प्रतिनिधियों के द्वारा चुहड़ी पल्ली का समुचित विकास नहीं किया गया.जमीन से जुड़े त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने चुहड़ी पंचायत का सर्वागीण विकास नहीं किया गया.यहां के ग्रामीण जनता का कहना है कि जिला परिषद के जिला पार्षद वोट लेकर कुर्सी पर जाकर कुर्सी चिपक गया.आसन्न चुनाव में वोटर सोच समझकर वोट डालने का मन बना लिया है. 

आज पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 31 महिला आरक्षित सीट के आठ पंचायतों में से चुहड़ी पंचायत के चुहड़ी पल्ली में जनसम्पर्क अभियान चलाया गया.राजन क्लेमेंट साह,संजय पीटर,मुकेश,गोल्डेन आदि ने जमकर जनसम्पर्क अभियान चलाया.प्राप्त जानकारी के अनुसार चनपटिया जिला परिषद क्षेत्र संख्या 31की प्रत्याशी आरजू परवीन के प्रत्याशी पति नसीम अहमद उर्फ पिंटू बाबू भी जोरदार ढंग से जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं. 

 

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