कांग्रेस नेता सदानंद सिंह नहीं रहे

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कांग्रेस नेता सदानंद सिंह नहीं रहे

आलोक कुमार 
पटना.और सदानंद बाबू नहीं रहे.जी हां बिहार के दिग्गज कांग्रेस नेता सदानंद सिंह नहीं रहे. बुधवार 8 सितंबर को उनका पटना के सगुना मोड़ स्थित क्यूरिस अस्पताल में हुआ.मूल रूप से भागलपुर जिले के रहने वाले 76 साल के सदानंद सिंह लंबे समय से लिवर सिरोसिस की बीमारी से जूझ रहे थे. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसकी वजह से उनको इलाज के लिए पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.बुधवार को सदानंद सिंह ने अंतिम सांस ली.उनके निधन पर सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई है. 

सदानंद सिंह भागलपुर ज‍िले के कहलगांव के विधानसभा से नौ बार जीतकर विधायक बने.सदानंद सिंह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके थे.इसके अलावा वो ब‍िहार सरकार में स‍िंचाई मंत्री के पद को भी संभाल चुके थे.बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी थे.सदानंद बाबू भागलपुर ज‍िले के कहलगांव अनुमंडल में धुआवै के रहने वाले थे.बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष रामजतन सिन्हा( 2003 -2005) के बाद सदानंद सिंह (2005-2008) तक अध्यक्ष रहे. 

सदानंद बाबू 1969 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर कहलगांव विधानसभा से चुनाव जीतें. 1985 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर एक बार निर्दलीय भी जीते हालांकि उनकी जीत लगातार नहीं रही. 1990, 1995 और अक्टूबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी हार हो गई थी, जबकि फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में वो  जीत गए थे.बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक नौ बार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी इस दिग्गज कांग्रेसी राजनेता के नाम है. 

सदानंद सिंह की पहचान बिहार के जमीनी नेताओं में होती है.साल 1969 में वो पहली बार कहलगांव सीट से विधायक बने थे.1969 से 2015 तक लगातार 12 बार कहलगांव सीट से चुनाव लड़े और नौ बार जीते.साल 1977 की कांग्रेस विरोधी लहर में भी सिंह कहलगांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही जीते थे.2020 विधानसभा चुनाव में उनकी जगह बेटे शुभानंद मुकेश ने ली थी. हालांकि, वह भाजपा के पवन यादव से करीब 42 हजार वोटों से हार गए थे. 


बिहार कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता सदानंद सिंह के निधन पर  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदानंद सिंह के निधन पर शोक जताया है.सीएम नीतीश के सदानंद सिंह से अच्छे निजी संबंध थे.अलग-अलग गठबंधनों के बावजूद जब भी नीतीश भागलपुर जाते थे तो उनका सदानंद सिंह के घर जाना तय रहता था.सीएम नीतीश ने ऐलान किया है कि सदानंद सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. 

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्विटर के जरिए दी.उनकी मौत की जानकारी देते हुए जीतन राम मांझी ने लिखा कि आज मेरे पुराने साथी ने मेरा साथ छोड दिया.सदानंद बाबू हमें छोडकर चले गएं.ईश्वर उनके आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. 

कांग्रेस नेता सदांनद सिंह के निधन पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने भी गहरा दु:ख जताया है.तेजस्‍वी ने एक ट्वीट में कहा कि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं.उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा. वो एक कुशल राजनेता थे.ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. 

सदानंद सिंह के निधन पर द:ख जताते हुए बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष डॉ.मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार के सर्वमान्य नेता, कांग्रेस के योद्धा, मेरे पिता तुल्य सदानंद सिंह जी का आज स्वर्गवास हो गया.एक राजनीतिक युग का अवसान हुआ है.आपका हँसता हुआ चेहरा हमेशा याद आएगा.ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस असहनीय दुःखद घड़ी को सहने की शक्ति दे.पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में शोक की लहर है और सदानंद सिंह के सम्मान में सदाकत आश्रम में झंडा झुका दिया गया है. 
 

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