दुर्घटना से बचने के लिए ऊपरी पैदल पुल बनवा दीजिए

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दुर्घटना से बचने के लिए ऊपरी पैदल पुल बनवा दीजिए

आलोक कुमार 
पटना.विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों से होने वाली मौतों में चार पहिया वाले हल्के वाहनों के चालकों की मौतें 6 प्रतिशत, चार पहिया वाले हल्के पैसेंजर वाहनों के सवारों की 12 प्रतिशत, दो या तीन पहिया वाहन चालकों की सर्वाधिक 40 प्रतिशत, साइकिल चालकों की 2 प्रतिशत, पैदल चलने वालों की 10 प्रतिशत, भारी वाहन चालकों की 11 प्रतिशत, बस चालकों एवं पैसेंजरों की 7 प्रतिशत तथा अन्य की 13 प्रतिशत मौतें दर्ज हुई हैं. कुल मिलाकर मृत्यु दर प्रति लाख जनसंख्या पर 12 आंकी गई है. 
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सड़क दुर्घटना से संबंधित ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट में यह आंकड़ा लगभग 2,99,000 बताया गया है.संगठन के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की दर प्रति 100,000 पर 6 है. 

इसी तरह ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के आंकड़ों के अनुसार भारत में सड़क दुर्घटना में पिछले 10 सालों में 13,81,314 लोगों की मौत और 50,30,707 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.देश में हर 3.5 मिनट में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है.इससे बचने के लिए मिलर स्कूल के सामने ऊपरी पैदल पुल निर्माण करने के लिए बच्चों ने बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री को  ज्ञापन सौंपा है. 

आज मंगलवार को पटना नगर निगम के वार्ड संख्या 21 के अंतर्गत आने वाले विभिन्न स्लम बस्तियों के बच्चे श्री नितिन नवीन, माननीय मंत्री, पथ निर्माण विभाग, बिहार सरकार से उनके आवास पर मिले.उनसे मुलाक़ात कर मिलर स्कूल के सामने सड़क पार करने के लिए ऊपरी पैदल पुल निर्माण कराने के संदर्भ में लिखित ज्ञापन सौंपा. 

पटना के कमला नेहरू नगर, केतारी मुहल्ला, अदालतगंज, आर.ब्लॉक, गौस नगर स्लमों के 16 बच्चों का एक दल बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री से मिलकर उन्हें अपने स्कूल जाने के दौरान संभावित खतरों से अवगत कराया. बच्चों ने कहा कि मिलर स्कूल में हमारे मुहल्ले से सैकड़ों बच्चे पढ़ने जाते हैं साथ ही साथ मिलर स्कूल के पीछे संचालित 3 अलग-अलग मध्य विद्यालयों में विभिन्न पारियों में लगभग 1200 बच्चे पढ़ते हैं. 

हमारे मुहल्लों के बच्चे-बच्चियाँ भी इन स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ते हैं. स्कूल जाने के लिए बच्चों को वीर चंद पटेल पथ पार करना पड़ता है.यह सड़क काफी व्यस्त है.आर. ब्लॉक पुल के बनने के बाद इस सड़क पर और ज्यादा गाडियाँ चलने लगीं हैं तथा सड़क अच्छा होने के कारण गाड़ियों की स्पीड भी बहुत होता है. इस सड़क को पार करते हुये बच्चे दुर्घटना का शिकार होते है और हो सकते हैं. 

बच्चों के दल का प्रतिनिधित्व करते हुये रौशनी कुमारी और कृष्णा कुमार ने बताया कि अभी हाल ही में इस सड़क पर एक बच्चे के एक्सीडेंट भी हुआ है.बच्चों ने मंत्री महोदय से ज्ञापन सौंप कर मांग किया कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुये मिलर स्कूल के सामने ऊपरी पैदल पुल का निर्माण कराया जाए.साथ ही साथ बच्चों ने कमला नेहरू नगर और अदालतगंज से गुजरने वाला बड़ा खुला नाला ढंकवाने का भी मांग किया.इस संदर्भ में बच्चों ने कहा कि खुला नाला होने से हमारे मुहल्ले में ना केवल बीमारी फैलने का खतरा है बल्कि उस नाला में कोई भी गिर सकता है और एक बड़ा हादसा हो सकता है. 

माननीय मंत्री श्री नितिन नवीन ने बच्चों की सराहना करते हुये कहा कि उन्हें खुशी हैं कि बच्चों ने उन्हे अपनी वास्तविक समस्या से अवगत कराया है.वे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये मिलर स्कूल के सामने ऊपरी पैदल पुल बनवाने के लिए अपने स्तर से यथासंभव प्रयास करेंगे. 

इस अवसर पर बच्चों के मुद्दों पर काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था सेव द चिल्ड्रन के मॉनिटरिंग व ईवैलुएशन पदाधिकारी अभयकान्त श्रीवास्तव ने कहा कि संस्था पटना के वार्ड संख्या 19 तथा वार्ड संख्या 21 में बच्चों के विकास, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सहभागिता के मुद्दों पर काम करती है. 

उन्होने कहा कि स्लम में रहने वाले बच्चों में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है.परंतु उचित मार्गदर्शन और अवसर के अभाव में बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है. इसे ध्यान में रखते हुये बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने तथा उनमें आत्मसम्मान, आत्मविश्वास तथा अपनी जिम्मेवारियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए उनका प्रशिक्षण करते है. इसी क्रम में बच्चों को सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, विभिन्न एजेंसियों के प्रतिनिधियों से मिलाया जाता है जहां बच्चे अपनी समस्याओं को विषय में चर्चा करते हैं तथा सरकार के संरचनाओं तथा उसके कार्यप्रणालियों को समझते हैं.बच्चों के भीतर आत्मविश्वास बढ़ता है तथा वे अपनी बातों को सही तरीके से तथा सही जगह पर रखना सीखते हैं.इससे बच्चों में संचार कौशल का विकास होता है जो उन्हें उम्र भी काम आएगा. 

इस दौरान सेव द चिल्ड्रन के सामुदायिक कार्यकर्ता मंजुला डुंगडुंग, राजीव कुमार, राणा रणजीत, इबरना नाज़ तथा जय प्रकाश कुमार उपस्थित थे.ये लोग संस्था की तरफ से पटना के विभिन्न स्लमों में बच्चों के साथ काम करते हैं.

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