शिक्षा माफिया के खिलाफ आवाज उठाने पर लाठीचार्ज

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शिक्षा माफिया के खिलाफ आवाज उठाने पर लाठीचार्ज

पटना.छात्रों की शिक्षा का करे जो व्यापार वो सरकार निक्कमी है. जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है.शिक्षा माफियाओ के खिलाफ आवाज उठाने पर एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव व बिहार प्रभारी रोशन लाल बिट्टू जी व अन्य साथियों पर बिहार पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना सरकार की माफिया से सांठगांठ को दर्शाता है.  
एनएसयूआई के पक्ष में खड़े होकर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष विधान पार्षद डॉ.मदन मोहन झा ने कहा है कि बिहार पुलिस की लाठी आम नागरिकों व कार्यकर्ताओं पर कुछ ज़्यादा ही तेज चलती है पर अपराधियों व शराब माफियाओं के सामने इनकी आवाज तक नहीं निकलती है.आगे कहा कि बार बार हमारे साथियों पर किस के आदेश पर लाठीचार्ज किया जाता है ? यह लड़ाई व्यक्तिगत तो है नहीं.यह आदेश देने वाले यह ना भूले की जिस दिन सत्ता में परिवर्तन हुआ ,यह लाठियों की दिशा खुद बदल जाएगी. क्या एनएसयूआई की मांग निजी है ? क्या है मांग जायज नहीं ? एनएसयूआई के बिहार प्रभारी रोशन लाल बिट्टू जी,प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह सहित कई साथियो पर लाठीचार्ज कर फिर से अपनी उसी मानसिकता का परिचय दिया है. 

राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के  आह्वान पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अनेक छात्रों के साथ प्रदेशाध्यक्ष चुन्नू सिंह के नेतृत्व में राजभवन के पास  प्रदर्शन किया व जे.ई.ई पेपर लीक मामले में जल्द से जल्द जाँच पूरी करवाने की माँग रखी. 

छात्र संगठन एनएसयूआई की प्रमुख माँग यह रही कि इस मामले की जाँच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की देखरेख में की जाए.प्रदर्शन के माध्यम से एनएसयूआई ने यह भी चिंता जताई है कि, यदि इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया गया और आरोपियों को सज़ा नहीं दी गयी तो यह छात्र वर्ग में असंतोष की भावना पैदा करेगा.साथ ही यह भी कहा कि पेपर लीक की इस घटना के बाद नैशनल टेस्टिंग एजेन्सी द्वारा करवाई गयीं बाकी परीक्षाएँ भी शक के घेरे में है. 

एनएसयूआई ने अपना रुख़ स्पष्ट करते हुए कहा है कि, “सीबीआई द्वारा दर्ज हुई शिकायत में जिनके नाम हैं उनके ख़िलाफ़ जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए. जे.ई.ई जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में ऐसी घटना होना,आज हर उस छात्र के लिए चिंता का विषय बन गयी है जो प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी जो कि देश में कई महत्वपूर्ण परीक्षा करवाने की ज़िम्मेदार है आज शक के घेरे में है.केंद्र सरकार की नाक के नीचे ऐसी घटना का होना मोदी कैबिनेट की एक और नाकामी का सबूत है.” एनएसयूआई ने दावा किया है कि, इस पेपर लीक की सीधी सीधी ज़िम्मेदार मोदी सरकार ही है क्योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी हाल ही में नवंबर 2017 में इसी केंद्र सरकार द्वारा स्थापित की गयी थी. 

एनएसयूआई प्रदर्शनकारीयों ने धरनास्थल पर जमकर नारेबाज़ी की.नारेबाज़ी के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को ‘पेपर-लीक सरकार’ कहकर हमला बोला.जे.ई.ई परीक्षा में हुई धांधली को लेकर कांग्रेस द्वारा दिल्ली की गयी प्रेस वार्ता के बाद और राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के देशव्यापी प्रदर्शन के  आह्वान के चलते बिहार में भी इस पेपर लीक के ख़िलाफ़ आवाज़ उठायी गयी. 

एनएसयूआई का कहना है कि, “मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तब से लगातार छात्रों के मुद्दों को नज़रंदाज़ करती रही है जिसका नतीजा है कि जे.ई.ई. जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक होने लगे हैं. छात्र वर्ग के सामने आज यह सवाल खड़ा हो गया है कि यदि ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षाएँ ही सुरक्षित नहीं रही हैं तो बाकी परीक्षाओं पर कैसे भरोसा कर लिया जाए कि वह सूरिक्षित व निष्पक्ष हैं. 

एनएसयूआई ने धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफ़े की भी माँग की है और कहा है कि उनको नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए क्योंकि यही एक रास्ता है जिससे मोदी सरकार छात्रों के मुद्दों के प्रति अपनी संवेदनशीलता साबित कर सकती है. 
प्रदर्शन कर रहे एन0एस0यू0आई0 के छात्रों को पुलिस प्रशासन द्वारा गिरपतार कर कोतवाली थाना लाया गया जिसमें भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के सचिव सह बिहार प्रभारी श्री रोशन लाल बिट्टू, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन बिहार के प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह, अरविन्द चौधरी, प्रशांत ओझा, निशांत सिंह, आदित्य शिल्टू, शाश्वत शेखर, मुकुल यादव, बिट्टू यादव, हरिओम कश्यप के अलावे बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे. 
 

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