आलोक कुमार
सुपौल.आज सोमवार को कोशी नव निर्माण मंच द्वारा सुपौल जिले के समाहरणालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया गया.इस अवसर पर सप्तकोशी की बाढ़ व कटाव से पीड़ितों ने अपनी आवाज बुलंद किये. कोशी नव निर्माण मंच नामक जन संगठन के संस्थापक महेन्द्र यादव ने कहा कि कोशी से प्रभावित बाढ़ व कटाव पीड़ितों के साथ प्रशासन के द्वारा उदासीनता व सौतेलापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए बने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) व तय मानदर के तहत मिलने वाली साहाय्य राशि व क्षतिपूर्ति का भुगतान नही हो रहा है.इसके खिलाफ सोमवार को कोशी नव निर्माण मंच के बैनर तले 11 बजे दिन से समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया.
कोशी नव निर्माण मंच नामक जन संगठन के संस्थापक महेन्द्र यादव व जिला अध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह संयुक्त रूप से बताया कि
इस वर्ष कोशी तटबंध के बीच के लोग अनेक बार बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.कभी पानी घटता है कभी बढ़ता है. उनके घर आंगन में एक-एक सप्ताह से अधिक समय तक पानी अनेक बार रहा है.
द्वय नेताओं ने आगे कहा कि कोशी की विकराल धारा से किशनपुर प्रखंड के बौराहा पंचायत के सोनवर्षा, व दुबियाही पंचायत का बेला, मरौना प्रखंड के सिसौनी पंचायत के जोबहा, घोघररिया पंचायत का माना टोला खोखनाहा व अमिन टोला खोखनाहा का कुछ भाग, सुपौल प्रखंड के बलवा पंचायत के सोकेल, तेलवा पंचायत का बेला इत्यादि गाँवों के सैकड़ों घर नदी की धारा में समाहित हो गये है.
बताया गया कि मानक संचालन प्रक्रिया और मानदर के तहत सरकार द्वारा साहाय्य राशि छह हज़ार रुपये अभी तक निर्गत नहीं किए गए है और न ही कटाव पीड़ितों के गृह क्षति, पशु सेड की क्षति, बर्तन कपड़ों के लिए मिलने वाली क्षतिपूर्ति ही मिली हैं. पुनर्वास की विसंगतियों के कारण वे लोग तटबंध के बीच हृदय विदारक पीड़ा झेलने को विवश हैं. उस पर भी प्रशासन व सरकार नहीं सुन रही है.कटाव पीड़ितों में कुछ को मात्र पन्नी ही मिला है. उदासीनता का आलम यह है कि उनके लिए शिविर संचालित करते हुए बसाने की पहल करने की बात कौन करे चुड़ा और चीनी तक देना मुनासिब नहीं समझा गया.
जबकि जन संगठन के द्वारा आपदा में सकारात्मक सहयोग करते हुए बार-बार प्रशासन से संवाद कायम कर स्थिति से अवगत कराया गया है.इसके सम्बन्ध में जिला पदाधिकारी से संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ 12 जुलाई 2021 को वार्ता भी हुई थी. जिसमें घाटों पर नावों का बोर्ड लगाने, सहाय्य राशि की सूची जिले वेबसाईट पर अपलोड करने, तटबंध के बीच कोविड टीकाकरण की नाव से भेजने, मानक संचालन प्रक्रिया और तय मानदर के तहत बाढ़ राहत के सभी कार्य करने सहित अनेक आश्वासन मिले थे जो एक भी कार्य धरातल पर नही दिखते है.इसी वादाखिलाफी के खिलाफ धरना आयोजित हो रहा है.
कोशी नव निर्माण मंच नामक जन संगठन के संस्थापक महेन्द्र यादव ने कहा कि मौके पर 11 सूत्रीय मांग पत्र डीएम सुपौल को देते हुए वार्ता हुई. जिसमें अधिकांश मांगों पर सहमति बनी.आशा है प्रशासन इसे पूरा करेगा नहीं, तो पुनः अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा.डीएम साहब को अल्टीमेटम दिया गया.आज के कार्यक्रम में दो-तीन नदी पारकर मीलों बालू व पानी में चलते आये सभी साथियों के आभारी है साथ ही व्यवस्था में लगे सभी साथियों को धन्यवाद.लड़ेंगे ! जीतेंगे!!कोशी नव निर्माण मंच जिन्दाबाद.
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