मोदी ने नीतीश कुमार को मिलने का समय दिया

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मोदी ने नीतीश कुमार को मिलने का समय दिया

आलोक कुमार 
पटना.तमाम तरह के अटकलों के बीच पीएम मोदी ने सीएम नीतीश को मुलाकात करने का समय दे दिए हैं.बिहार के सीएम नीतीश कुमार अब पीएम मोदी से जातीय जनगणना को लेकर बातचीत कर सकेंगे.आखिरकार पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को मिलने का समय दे दिया है.सीएम नीतीश अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ 23 अगस्त को पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. दरअसल जेडीयू बिहार में जातीय जनगणना  कराना चाहती है, लेकिन बीजेपी उनके रुख से सहमत नहीं है. जिसके बाद राज्य में दोनों सहयोगी पार्टियों में तनातनी देखने को मिल रही है. 

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुका है. गौरतलब है कि विपक्ष के नेताओं ने तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में 30 जुलाई को विधानसभा में सीएम से मिलकर जातीय जनगणना को लेकर पीएम को पत्र लिखने का आग्रह किया था. विपक्षी नेताओं की मांग थी कि बिहार का प्रतिनिधिमंडल सीएम के नेतृत्व में पीएम से मिलकर जातीय जनगणना कराने पर अपनी बात रखे.इसके बाद सीएम ने पत्र लिखकर पीएम से मिलने का समय मांगा. 

इस संबंध में सीएम ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार अगर देश में जातीय जनगणना नहीं कराती है तो बिहार में किस जाति की कितनी संख्या है, इसकी गणना राज्य स्तर पर करायी जा सकती है. इसके लिए वे आपस में विचार-विमर्श करेंगे.तेजस्वी ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं कराती है तो राज्य सरकार को जाति आधारित गणना करानी चाहिए. 

मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश ने चार अगस्त को पत्र लिखकर प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का वक्त प्रधानमंत्री से मांगा था. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मुख्यमंत्री को पत्र मिलने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रधानमंत्री जब समय देंगे तब जाकर मिलेंगे.बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर बिहार में सियासत गर्म है, विपक्षी पार्टियों के अलावा सत्ताधारी जदयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर रहा है. 

वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी. तेजस्वी ने मांग की थी कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर केंद्र को अपने रुख पर फिर से विचार करना चाहिए. आरजेडी नेता ने कहा था कि बिना जातिगत जनगणना के पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के एजुकेशन, राजनीतिक, इकनोमिक स्थिति का पता नहीं चल सकेगा. इसके बिना उनके हक से संबंधित नीतियां भी नहीं बन सकेंगी. बिना जातिगत जनगणना के पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए बजट का आवंटन भी ठीक से नहीं हो सकेगा. 

सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा था , जिस पर काफी समय बीत जाने पर भी पीएम की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला था. इस मुद्दे को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम पर नीतीश के अपमान का आरोप लगाया था. तेजस्वी ने कहा था कि जातिगत जनगणना पर मीटिंग न करके पीएम ने सीएम नीतीश का अपमान किया है. 

मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने 13 अगस्त को मुख्यमंत्री को इसकी लिखित सूचना भी दी थी कि आपका पत्र मिल गया है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मिलने का समय देंगे. इसके बाद हमलोग उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे. मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली जाने वालों में माले के महबूब आलम, हम के जीतन राम मांझी, वीआईपी के मुकेश सहनी जाएंगे. 


पीएम मोदी की तरफ से मुलाकात का समय मिलने पर सीएम नीतीश ने उनका आभार जताया है.उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जाति आधारित जनगणना करने के लिए बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था.आदरणीय प्रधानमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद कि 23 अगस्त को मिलने का उन्होंने समय दिया है. 

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखे थे.इस पर मोदी जातीय जनगणना के सावल पर बात करने को राजी हो गए हैं.इस सवाल को बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सबसे पहले विधानसभा में भी उठाया था.उनको भी बातचीत करने के लिए पीएम ने बुलाया है. 

 

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