आलोक कुमार
पटना.ऐसा लग रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पटना नहीं लौट पाएंगे.रांची जेल में रहने के बाद 23 जनवरी 2021 को लालू यादव दिल्ली के एम्स में अपने इलाज के लिए शिफ्ट किए गए थे. मई के महीने में उन्हें जमानत मिली थी, लेकिन कोरोना की वजह से वह पटना नहीं आ पाए थे.अब जिस तेजी से डोरंडा कोषागार मामले की सुनवाई हो रही है, उससे साफ लगता है लालू यादव के समर्थकों का उन्हें देखने का सपना अभी पूरा नहीं होने वाला है. लालू यादव अभी पटना नहीं आने वाले हैं.
रांची के सीबीआई कोर्ट में अब बचाव पक्ष रखेगा
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव जमानत पर हैं.अब 9 अगस्त से इस मामले में बचाव पक्ष अपनी बात कोर्ट में रखेगा. रांची में सीबीआई के विशेष न्यायधीश एसके शशि की कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है. आरसी-47 ए/ 96 मामला डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में ऑनलाइन सुनवाई चल रही है़ अभियोजन ने 575 गवाह के बयान के आधार बहस पूरी की़.
जल्द फैसला आने की संभावना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में जल्द फैसला आने की संभावना है. मामले में सीबीआई की ओर से जारी बहस शनिवार को पूरी हो गयी.अब बचाव पक्ष की ओर से बहस होना है.बचाव पक्ष की बहस पूरी होते ही मामला फैसले पर चला जाएगा. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख नौ अगस्त निर्धारित की है.
चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 575 गवाहों के बयान पर आधार पर बहस पूरी की.इस मामले में अभियोजन की ओर से 15 ट्रंक में रखे दस्तावेज का उल्लेख करते हुए बहस की गई.सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र और विपत्र से की गई. इसमें पशु, चारा, दवा और उपकरणों की बिना आपूर्ति किए इस राशि की निकासी की गई.
पशु ढुलाई के लिए स्कूटर
सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 139.35 करोड़ के अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र, विपत्र के द्वारा की गयी थी. इसमें पशु, चारा, दवा व उपकरण बिना आपूर्ति किये उक्त राशि की निकासी की गयी़ इस मामले में गवाहों ने यह भी बताया था कि पशु ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक, ऑटो, जीप आदि का प्रयोग किया गया था़ यह बातें देशभर से इस मामले में गवाही के लिए आये 150 डीटीओ की गवाही में सामने आयी है़ इसमें पशुपालन विभाग की बजट से 229 प्रतिशत अधिक निकासी की गयी थी़ इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी, वित्त विभाग के अधिकारी, बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री लालू प्रसाद तथा तत्कालीन पशुपालन मंत्री की साठगांठ से उक्त राशि की अवैध निकासी की गयी थी.
मामले में 170 आरोपी
बिहार के पूर्व सीएम व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद सहित 110 आरोपी इस मामले में ट्रायल फेस कर रहे है़ं मामले में 170 आरोपी थे, जिसमें कुछ की मृत्यु हो गयी. पांच आरोपी फरार हैं, जबकि कुछ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है़ इसमें मुख्य आरोपियों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, पूर्व विधायक आरके राणा, अधिकारियों में तत्कालीन पशुपालन विभाग के अधिकारी फुलचंद सिंह, वित्त सचिव बैक जुलियस, संयुक्त सचिव के एम प्रसाद सहित कई अधिकारी व आपूर्तिकर्ता शामिल है.
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