आलोक कुमार
पटना.बिहार में जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन यादव उर्फ पप्पू यादव को आखिरकार 11 मई को गिरफ्तार कर लिया गया.उनको रिहाई करने की मांग को लेकर मशाल जुलूस निकाला गया.
बताते चले कि उनको पटना स्थित आवास से मंगलवार की सुबह लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.बाद में बताया गया कि मधेपुरा की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्हें करीब 30 साल पुराने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार किया गया.मधेपुरा की कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश मंगलवार की देर शाम दिया. वीरपुर जेल के बाद डीएमसीएस चिकित्सा के लिए भेजे गये.19 दिनों से पुलिस कस्टडी में हैं.
दरअसल 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार पूर्व सांसद पप्पू यादव को शनिवार को मधेपुरा की जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से भी जमानत नहीं मिल पाई.जिस वजह से उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.इससे पहले पप्पू यादव की जमानत याचिका उनके ट्रायल कोर्ट से रिजेक्ट हो चुकी थी.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चन्द्र मालवीय की अदालत में वर्चुअल माध्यम से पप्पू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई की गयी.जिसमें पप्पू यादव के अधिवक्ता संजीव कुमार ने जमानत के पक्ष में अपनी दलील दी.जिस पर न्यायालय ने एक जून को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की. इस दौरान निचली अदालत से केस का रेकॉर्ड मंगवाने का आदेश दिया गया.
बता दें कि इससे पहले मधेपुरा के एसीजेएम कोर्ट में भी पप्पू यादव की जमानत अर्जी लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था. इस सुनवाई में मुरलीगंज कांड संख्या 9/89 के गवाह भी शामिल थे. जिन्होंने कोर्ट से कहा कि अपहरण की घटना नहीं हुई थी.ACJM-1 अनूप कुमार सिंह ने पप्पू यादव को सेशन कोर्ट में अपील करने को कहा था. इस जमानत याचिका में पप्पू के अधिवक्ता ने उनकी ख़राब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया है. अब अगली सुनवाई एक जून को निर्धारित है.
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