आलोक कुमार
पटना.कोरोना से बचने के लिए एक ओर सरकार टीका लेने के लिए जोर दे रही है तो दूसरी ओर वैक्सीनेशन के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को लेकर राजनीति शुरू हो गई. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को ट्वीट कर वैक्सीनेशन के बाद मिलने वाले प्रमाण पत्र पर सिर्फ प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाए जाने पर आपत्ति जताई. कहा कि सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति के साथ स्थानीय मुख्यमंत्री का नाम भी होना चाहिए.
बिहार एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने रविवार को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली.वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद मांझी को टीकाकरण सर्टिफिकेट मिला, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी हुई थी. इसके बाद जीतन राम मांझी ने एनडीए गठबंधन से अलग लाइन पर जाकर पीएम मोदी की तस्वीर पर सवाल उठा दिया. मांझी ने कहा कि इसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, अगर लगानी हो तो पीएम के अलावा स्थानीय सीएम की फोटो भी लगे.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा है कि आज कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज महकार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर लिया.
आग्रह है आप सभी कोविड वैक्सीन ज़रूर लें और इसे लेने के लिए दूसरों के प्रेरित करें.
इसके बाद राजनीतिक बयान दे मारा कि को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है.
देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की भी तस्वीर हो.
इस पर मनोज माल्यानिल ने कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर भी लगनी चाहिए !
ठाकुर अविनाश ने कहा कि यही है अच्छे दिन जरा गौर से देखिए आदरणीय जीतन राम मांझी जी.फ़ोटो के लिए ही तो सरकार बनाई गई है. जनता की फ़ोटो दीवार पर टंगवाने का खेल चल रहा है.बिल्कुल सुनियोजित तरीके से.वैसे आपका भी फ़ोटो चलेगा. बहुत बहुत धन्यवाद आपका कोरोना काल मे इतने गंभीर विचार व्यक्त करने के लिए.
एक ने कहा कि जीतन राम मांझी जी आपसे यह उम्मीद नहीं थी मैं यह कहना चाहता हूं कि अब भविष्य में किसी भी तरह का कोई भी मूर्ति और तस्वीर जैसे फालतू चीजों में पैसा खर्च ना हो.उसकी जगह अस्पताल और हर जिला में एक अस्पताल ऐसा होना चाहिए.जहां हाईटेक तरीके की व्यवस्था हो और ऑक्सीजन प्लांट और जरूरी दवाएं.
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