कृष्णमोहन सिंह
नईदिल्ली। डीएवीपी में बड़े स्तर पर घोटाले की चर्चा तो पहले से ही थी अब राष्ट्रमंडल खेल में एक विवादास्पद कम्पनी को 246 करोड़ रूपये का प्रसारण का ठेका दिये जाने के मामले में भी अपना नाम उछलने से सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी व उनके समर्थक चिंतित हो गये हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष व यूपीए चेयर परसन सोनिया गांधी से मुलाकात करके सोनी इस बारे में अपनी बात रखेंगी और सफाई देंगी। सूत्रों के मुताबिक कई सांसदों ने डीएवीपी में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, यह कि कैसे यहांके अफसर अपने परिजनों,परिचितो के सहयोग से कई-कई दर्जन अखबार की फाइल कापी छपवाते हैं और उनको करोड़ो रूपये का विज्ञापन दिलवा कर मोटा पुष्पम-पत्रम पा रहे हैं।मात्र कुछ माह ही डीएवीपी की प्रमुख रहीं भारतीय सूचना सेवा की एक चर्चित महिला अफसर ने किस तरह उत्तराखंड के रामगढ़ के पास करोड़ो रूपये का फार्म हाउस खरीद लिया।यह महिला अफसर सीताराम केसरी से लगायत आनंद शर्मा तक की चहेती रही है।आनंद शर्मा के सूचना प्रसारण मंत्री रहने के दौरान इनके सितारे खूब चमके।अब इन पर सोनी की कृपा है।इसी तरह डीएवीपी के एक अफसर ने फरीदाबाद में करोड़ो रूपये की कोठी खड़ा कर लिया है। सांसदों के इस तरह के आरोपो की चर्चा मनमोहन सरकार के मंत्रालयों में चल ही रही थी, इसी दौरान राष्ट्रमंडल खेल के नाम पर की गई अरबो रूपये की लूट में सूचना प्रसारण मंत्रालय के भी शामिल होने का मामला उजागर हो गया। और इस मामले में फाइल आगे बढ़ाने वाले प्रसारभारती के करामाती सीईओ बीएस लाली और दूरदर्शन महानिदेशक अरूणा शर्मा को जब अपना गला फंसता दिखा तब इन दोनो ने अंबिका सोनी का नाम उगल दिया और कहा कि सब कुछ अबिका सोनी के कहने पर किया । लाली और अरूणा के इस खुलासे के बाद से अंबिका सोनी पर अपने को पाक-साफ साबित करने का दबाव बढ़ गया है।यह भी कहा जाने लगा है कि अंबिका ने तो पहले से ही सोनिया गांधी से आग्रह कर रखा है कि उनको( अंबिका) मंत्री पद से हटाकर संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी जाय। इधर राष्ट्रमंडल खेल के नाम पर हुई लूट में अपने को फंसता देख, राष्ट्रमंडल खेलों का प्रसारण अधिकार दिए जाने में घोटाले के आरोपी प्रसार भारती के सीईओ बीएस लाली ने अपने बचने के लिए कहा कि उन्होने जो कुछ किया वह सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी के कहने व सहमति पर किया। लाली का कहना है कि उनको बलि का बकरा बनाया जा रहा है।पहले से भी भ्रष्टाचार के आरोपों में गले तक डूबे प्रसार भारती के सीईओ बीएस लाली ने खुद को पाक-साफ करार देते हुए कहा कि ब्रिटेन स्थित एसआईएस लाइव को मंत्री अंबिका सोनी की सहमति के बाद ही प्रसारण का अधिकार दिया गया था।लेकिन इस लाली ने यह नहीं खुलासा किया कि दोनो के बीच कितने कट पर सहमति बनी थी। मालूम हो कि 246 करोड़ रूपये के इस करार में जिस तरह एसआईएस कंपनी की तरफदारी की गई थी वह सवालों के घेरे में था। लेकिन लाली ने खुद पर लग रहे आरोपों को खारिज करते हुए इसका जिम्मा सूचना प्रसारण मंत्रालय पर थोप दिया। सवालों का जवाब देते हुए लाली ने कहा कि मंत्री की पूरी रजामंदी के बाद कंपनी को सारे भुगतान निर्धारित तिथि के अनुसार किए गए ।उन्होंने कहा कि कंपनी का चयन भी सूचना और प्रसारण मंत्री की रजामंदी से ही किया गया था। दूरदर्शन महानिदेशक अरुणा शर्मा ने भी कहा कि छह कंपनियों का चयन किया गया था जिनमें से निंबस और एसआईएस लाइव ने बोलिया लगाई थीं। निंबस समूह केटूटने के बाद एसआईएस लाइव ही दौड़ में थी जिसे अनुबंध दिया गया।