रोजगारों के लिए नौकरी मांगी तो मुक़दमा ठोंक दिया

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रोजगारों के लिए नौकरी मांगी तो मुक़दमा ठोंक दिया

आलोक कुमार 
पटना.बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार के खिलाफ 23 मार्च को आरजेडी की ओर से किये प्रदर्शन, हंगामा व पथराव मामले में तेजस्वी समेत 22 नामजद व अन्य आरोपित बनाये गये हैं. इनमें कई वर्तमान और निर्वतमान विधायक भी शामिल हैं. 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि मैंने बेरोजगारों के लिए नौकरी माँगी तो नीतीश कुमार ने हम पर (307) हत्या ले प्रयास का मुक़दमा दर्ज करा दिया. बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार,विधि व्यवस्था, किसानों और ग़रीबों के लिए लड़ने से अगर हमें जेल जाना पड़ेगा तो ख़ुशी से जाएंगे.सीएम साहब! मैं डरने वालों में से नहीं, संघर्ष हमारे खून में है. 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहते हैं. इस बार यह अपने ऊपर हुए मुकदमे को लेकर ट्वीट करते हुए दिनकर की पंक्तियों की सहारा लेते हुए लिखा था कि ” मत झुको अनय पर भले व्योम फट जाये, दो बार नहीं यमराज कण्ठ धरता है,मरता है जो एक ही बार मरता है,तुम स्वयं मृत्यु के मुख पर चरण धरो रे,जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे!वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे,जो पड़े आन खुद ही सब आग सहो रे! 

विपक्ष के 22 नेताओं पर हत्या के प्रयास का मुकदमा (धारा 307) दर्ज कर पटना पुलिस 'वेट एंड वाच मोड' में चली गई.ऐसा लग रहा है कि उसको किसी के निर्देश का इंतजार है.जिन नेताओं पर एफआईआर दर्ज किया गया है, वो सभी आमतौर पर पटना में ही रहते हैं. पुलिस ने खुद ही मामला दर्ज किया है और घटना की गवाह भी है. धारा 307 के तहत दर्ज मुकदमा गंभीर अपराध माना जाता है और गैर जमानती होता है. तो फिर पटना पुलिस तीन दिनों से किसके 'आदेश' का इंतजार कर रही थी ? 

बेरोजगारी के मसले पर 23 मार्च को राजद की तरफ से विधानसभा घेराव का कार्यक्रम था. जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी. इस प्रदर्शन के दौरान डाक बंगला चौराहे पर जमकर बवाल हुआ था.मामले में 23 मार्च को ही कोतवाली थाने में दानापुर की कार्यपालक दंडाधिकारी प्रतिमा कुमारी गुप्ता की तरफ से एफआईआर कराया गया.कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 307, 147, 149, 341, 342, 323, 188, 333, 337, 338, 427, 353, 504 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51, 57 के तहत केस दर्ज किया गया.हालांकि लिखित आवेदन में इस बात का जिक्र नहीं है कि हत्या की नीयत से हमला किया गया था. 

राजद के विधानसभा मार्च, पुलिस पर पथराव और उग्र प्रदर्शन के मामले में कुल दो एफआईआर दर्ज की है.इनमें से एक एफआईआर कोतवाली में तो दूसरी एफआईआर गांधी मैदान थाना में दर्ज कराई गई है.इनके ऊपर सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने का भी धारा लगाया गया है.मजिस्ट्रेट के बयान पर इस एफआईआर में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, विधायक तेजप्रताप यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम रजक, निराला यादव, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, विधायक रीतलाल यादव, निर्भय अम्बेडकर, आजाद गांधी, महताब आलम, प्रेम गुप्ता, भाई अरुण, पूर्व विधायक राजेन्द्र यादव, पूर्व मंत्री रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति यादव, युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सुहैब, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह, अर्चना यादव समेत 3000 से 3500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कराई गई है. 

बता दें कि इस तरह की संगीन धाराओं में मुकदमा  
दर्ज किया गया है. इन गैरजमानतीय धाराओं में कोर्ट से ही जमानत मिल सकती है.इसको लेकर 26 मार्च की शाम महागठबंधन के नेताओं की बैठक राबड़ी आवास पर हुई. राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि तेजस्वी सहित जगदानंद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दीकी और उन पर भी मुकदमा किया गया है, लेकिन वे कोर्ट में जमानत कराने नहीं जाएंगे.हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर पार्टी ने तय किया है कि आरजेडी नेता जमानत नहीं कराएंगे.सरकार उन्हें गिरफ्तार करे और जेल भेजे. कहा कि महागठबंधन की बैठक में तय हुआ है कि अब करो या मरो वाले तेवर में विपक्ष रहेगा.होली के बाद फिर से एक बैठक होगी और सड़क पर फिर से तेज आंदोलन किया जाएगा. 
 

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