बांग्ला देश पर इनका सत्याग्रह किसके खिलाफ था ?
बांग्ला देश के मुद्दे पर समाजवादी ज्यादा मुखर थे .जेपी देश देश घूम रहे थे .बीएचयू छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष आनंद कुमार ने काशी रेलवे स्टेशन पर बांग्ला देश का झंडा फहरा दिया था रेल यूनियन की मदद से पर अब दक्षिणपंथी दावा देखिय्रे .चंचल की इसपर टिपण्णी भी
चंचल
कल से हमसे पूछा जा रहा है , बांग्ला देश की आजादी में मोदी की भूमिका पर चुप क्यों हो ? मोदी ने इतनी बड़ी झूठ को विस्तार दिया , लोग खुल कर आलोचना कर रहे हैं तुम चुप हो ? हमने कहा - लिखूंगा पानी थिर होने दो .कई मोदी के साथ है ज्यादा मोदी के खिलाफ .अंग्रेजी का एक जुमला है - both are right on wrong point . दोनो सही हैं सोच की दिशा थोड़ा खोल दो , नीर क्षीर विवेक .
बांग्ला देश का बनना विश्वपटल पर अनोखी घटना है .आज ग्लोब इतना ज्यादा चाक चौबंद हो चुका है कि आदिम जुमला - जिसकी लाठी , उसकी भैंस ' अब अतीत में ही खत्म हो रहा है .कोई कितना भी बलवान देश क्यों न हो किसी कमजोर मुल्क को खत्म नही कर सकता .
बांग्लादेश विशुद्ध रूप से भारत पाक रिश्ते की एक घटना है, यह बात दीगर है कि यह बड़ी घटना है . यहां हमे एक बात याद रखना चाहिए कि भारत की विदेश नीति में पाकिस्तान 'दुश्मन' नही है .दुश्मन हो भी नही सकता, दुश्मनी कमोबेश बराबर के ताकत पर होती है .वह बिरोध में रहता है , वह भी उसकी तरफ से . विरोध के कुछ मुद्दे उठ सकते हैं, और उनका समाधान भी टेबुल पर ही होगा , खुले मैदान में खंजर से नही .यह बात दोनो मुल्क लम्बे अरसे तक मानते आए हैं .भारत जानता है कि उसकी सैन्य ताक़त पाकिस्तान से 20 गुनी ज्यादा से बढ़ कर 35 फीसद तक हो चुकी है , और इस सच को पाकिस्तान मानता भी है .आजादी के बाद जब जब उसे मुगालता हुआ या अपनी आंतरिक परिस्थिति के दबाव में वह नकली राष्ट्र प्रेम ओढ़े युद्ध मैदान में उतरा उतनी बार उसे मुह की खानी पड़ी .बहरहाल -
71 में पाकिस्तान अपने ही एक हिस्से पर ज्यादती को हद से ज्यादा बढ़ा दिया और उसका व्यवहार बंगाल के साथ दुश्मनी तक जा पहुंचा .पाक सेना का अपनी ही अवाम के साथ खुली हत्या , बलात्कार , लूट वगैरह सामान्य बात बन चुकी थी .याद रखिये इस समय का बंगला देश तब का पाकिस्तान ही था , जिसके साथ सरकार का सौतेला व्यवहार रहा जिसके चलते पाक बंगाल गरीबी , लाचारी और भुखमरी के बिल्कुल आखिरी तल जा पहुंचा .पाक बंगाल से पलायन शुरू हो गया है यह दबाव भारत पर बढ़ा .तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री श्रीमती गांधी ने पाक बंगाल की शरणार्थी समस्या को सारी दुनिया के सामने पेश किया .पाक को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान को श्रीमती गांधी ने तोड़ कर दो टुकड़े में खड़ा कर दिया , इसका लम्बा इतिहास है सारी दुनिया जानती है कि बांग्लादेश के निर्माण में भारत का हाथ है, लेकिन भारत तकनीकी रूप से किसी भी कटघरे में नही खड़ा किया जा सकता कि- भारत की एक मात्र इच्छा थी कि पाकिस्तान को तोड़ दो .इसके लिए बंग मुक्ति सेना जिम्मेवार है .यह भारत की विदेशनीति और कुटिनीति कि सफलता रही .
यहां देखिये जनसंघ ,( संघ ) और कांग्रेस में पाकिस्तान के प्रति उपजी नीति का अंतर रहा है .संघ , जन संघ ( आज का भाजपा ) पाकिस्तान को एक नम्बर का दुश्मन मानते रहे हैं .जब कि कांग्रेस ऐसा नही मानती रही , 71 में बंगलादेश बना कर श्रीमती इंदिरा गांधी ने न केवल पाकिस्तान को पछाड़ा बल्कि देश की राजनीति में संघ के मुह में ठेठी ठोंक दी .
अब आइये जन संघ के प्रदर्शन पर जिसका जिक्र मोदी जी ने बबगला देश में किया .यह सच है कि बंगला देश बनने के बाद श्रीमती गांधी ने न तो अति उत्साह या नही किसी हड़बड़ी में लगे हाथ बांग्ला देश को आधिकारिक मान्यता दी न ही उस दिशा में कोई कदम उठाया , चुप चाप बैठी अन्य देशों से मिलनेवाली मान्यताओं को देखती रहीं .गो कि अपने सभाओं में या पत्रकार वार्ता में बराबर बंगलादेश बोलती रही लेकिन जुलाई के आखिर तक मान्यता नही दिया .भारत सरकार इंतजार करती रही अन्य देशों की .इसी समय संघ , जनसंघ को याद आया कि मौका अच्छा है - पाकिस्तान तोड़ने का थोड़ा श्रेय भी तो ले लिया जाय .इसलिए बंग निर्माण पर इंदिरा गांधी को दुर्गा कहनेवाले अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत सरकार से आग्रह किया कि भारत सरकार बांग्ला देश को जल्द से जल्द मान्यता दे दे , इसके लिए अटल जी के नेतृत्व में दिल्ली में सत्याग्रह भी हुआ , जिसका जिक्र मोदी जी ने कुछ इस अंदाज में किया कि वह पार्टी का सत्याग्रह न होकर उनका अपना सत्याग्रह रहा , यहां तक कि अटल जी का नाम तक नही लिए .इस प्रायोजित सत्याग्रह पर भी तत्कालीन प्रधानमंत्री ने विदेसी पत्रकार को बताया था कि पाक बंगाल पर पाकिस्तान की ज्यादती से भारत का हर नागरिक दुखी था .उदाहरण के लिए जन संघ का सत्याग्रह सामने था . याद रखिये विदेश नीति में, भारत वजनी सत्ता रही है .और देश नीति का सबसे भोंडी नजीर बन रहा है मोदी जी का सत्याग्रह . मसलन इस सवाल का क्या जवाब है ?
- मोदी जी ! सत्याग्रह और गिरफ्तारी क्यों दी ? क्या तत्कालीन भारत सरकार, पाकिस्तान का अपने ही एक अंग पर किये जा रहे अत्यचार के खिलाफ चुप थी ? या पाकिस्तान की ज्यादती का साथ दे रही थी ? अगर नही तो आपका सत्याग्रह किसके खिलाफ था ?
- आप अगस्त 71 में एक दिन सत्याग्रह पर आए , जब कि बंगला देश बन चुका था , कारण केवल एक था कि बंगला देश को मान्यता देना .जनाब ! आधा सच ही आपको आपके विरोधी को उकसा रहा है .
- एक अंदरूनी बात पुछू ? क्या किसी कोने में यह नही था कि बांग्ला देश को इंदिरा गांधी ने आजाद क्यों छोड़ा , उसे भारत मे क्यों नही मिलाया ? किसके मन का यह सवाल था जो पूरक बन कर पीछे से निकल आता हूं -
मैडम गांधी ने पाकिस्तान के 98 हजार सैनिकों को क्यों छोड़ दिया ? इसका जवाब उस समय आपको पसंद नही आया था , क्यों कि आपको यह अंदाज नही था कि एक दिन जब हम सरकार होंगे तो पाकिस्तान को हिज हाइनेस भी बोलना पड़ता है , तेल का दबाव ही सही .लेकिन आज एक ऐतिहासिक सच सुन लीजिए .भारत पाक ' शिमला समझौता ' ने बहुत बड़ी समस्या को हल कर दिया है - जेनेवा से छुट्टी मिली और नई सीमा रेखा तय हो गयी .
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments