नितीश पुलिस ने एवान में घुस कर मेम्बरान को पीटा

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नितीश पुलिस ने एवान में घुस कर मेम्बरान को पीटा

हिसाम सिद्दीकी 
पटना! नितीश कुमार के मेम्बरान असम्बली कम होने के बावजूद वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ने नितीश कुमार को बिहार का चीफ मिनिस्टर बनवाया तो अब नितीश कदम-कदम पर मोदी का न सिर्फ एहसान उतारने का काम कर रहे हैं बल्कि जम्हूरी सिस्टम पर चोट करने वाले और कानून की दहशत कायम करने की कार्रवाइयों पर उतरे हुए हैं. नितीश सरकार भी पुलिस राज कायम करने की हर मुमकिन कोशिशें करती नजर आ रही है. तेइस मार्च को बिहार असम्बली में बिहार मिलीट्री पुलिस (बीएमपी) को गैर महदूद अख्तियारात देने वाला बिल नितीश कुमार सरकार ने पेश करके पास कराने की कोशिश की. इस पर हंगामा हो गया. नितीश कुमार बिहार मिलीट्री पुलिस और सिविल पुलिस को ऐसे गैर महदूद (असीमित) अख्तियारात दे रहे हैं कि पुलिस वाला जब चाहे किसी को भी गिरफ्तार करके जेल भेज सकता है. कुछ इसी किस्म की कार्रवाइयां मोदी सरकार की दिल्ली पुलिस, एनआईए और दीगर एजेंसियां कर रही हैं. तेइस मार्च को असम्बली में इस मामले पर अपोजीशन ने हंगामा किया. स्पीकर के चैम्बर का घेराव किया तो किसी असम्बली की तारीख (इतिहास) में पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस बुलाई गई. पुलिस ने मुजाहिरा कर रहे आरजेडी मेम्बरान असम्बली पर बाकायदा हमला कर दिया. आरजेडी लीडर शक्ति यादव ने इल्जाम लगाया कि पुलिस ने असम्बली एवान में दाखिल हो कर मेम्बरान को मारा, उन्हें खींचा, ख्वातीन मेम्बरान की साड़ियां और ब्लाउज फाड़े गए. इससे ज्यादा बेइज्जती मेम्बरान की किसी भी प्रदेश में कभी भी नहीं हुई. जब पुलिस यह सब कर रही थी वजीर-ए-आला नितीश कुमार अपने आफिस में बैठकर सीसीटीवी के जरिए सब कुछ देख रहे थे. उन्होने पुलिस की कार्रवाइयों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की. मार्शल का कहना है कि असम्बली के अंदर के हालात इतने ज्यादा खराब हो गए थे कि मजबूरन पुलिस को बुलाना पड़ा. अब लीडर आफ अपोजीशन तेजस्वी यादव ने एलान किया है कि जब तक इस पूरे वाक्ए के लिए वजीर-ए-आला नितीश कुमार माफी नहीं मांगते अपोजीशन मेम्बरान असम्बली एवान (सदन) की कार्रवाई में शिरकत नहीं करेंगे भले ही पूरे पांच साल गुजर जाएं. दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड ने कहा लीडर आफ अपोजीशन तेजस्वी यादव को माफी मांगनी पड़ेगी. वजीर-ए-आला नितीश कुमार ने एवान में की गई पुलिस कार्रवाई को हक बजानिब ठहराया और कहा जो गलत करेंगे उनपर कार्रवाई भी होगी. 
नितीश सरकार पुलिस की कारकर्दगी को बेहतर बनाने के नाम पर जो मुतनाजे (विवादित) बिहार खुसूसी मुसल्लेह पुलिस बिल 2021 लाई और जिसे अपोजीशन की अदम मौजूदगी में असम्बली से पास भी करा लिया गया है उसके तहत अब रियासती पुलिस जिसे बिहार मिलीट्री पुलिस के नाम से अब तक जाना जाता था उसे अब बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस के नाम से जाना जाएगा. बिहार पुलिस का सिर्फ नाम ही नहीं बदला है बल्कि उसे लामहदूद अख्तियारात भी हासिल हो गए हैं. इस कानून के बन जाने से बिहार अमलन पुलिस स्टेट में तब्दील हो जाएगा. इस बिल में पुलिस को आईन से परे तशद्दुद की खुली छूट दी गयी है और यह अख्तियार भी दिया गया है कि वह जब चाहे जिसे चाहे अपनी समझ से किसी को गिरफ्तार करके जेल में डाल सकती है बल्कि बाज मामलात में अदालत के बजाए सजा भी दे सकती है. बिहार खुसूसी मुसल्लेह पुलिस बिल की मंजूरी के बाद उसे यह अख्तियार भी मिल जाएगा कि उसे न सिर्फ बगैर वारंट के किसी को गिरफ्तार करने किसी के घर या किसी दूसरे ठिकाने की तलाशी लेने का अख्तियार होगा बल्कि गिरफ्तारी के बाद के कानूनी अमल में पुलिस के अख्तियारात में जबरदस्त इजाफा होगा इसके साथ ही घिनौने जरायम के लिए सजा देने का अख्तियार भी पुलिस को मुंतकिल हो जाएगा. इतना ही नहीं इस बिल के कानून बनने के बाद अदालत पुलिस के कहने पर ही किसी जुर्म का नोटिस ले सकेगी. जुर्म के मामलात में अदालत का खुद से नोटिस लेने का अख्तियार खत्म हो जाएगा. यही वजह थी कि अपोजीशन पार्टियां खुसूसन राष्ट्रीय जनता दल इसकी मुखालिफत में आगे-आगे था और साथ में थी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियां. इन सभी पार्टियां ने इस बिल के खिलाफ हंगामा किया जिसकी वजह से एवान की कार्रवाई दिन में पांच बार मुल्तवी करना पड़ी. 
लीडर आफ अपोजीशन तेजस्वी यादव ने इस ‘काला कानून’ और कुछ दीगर मुद्दों पर किए गए मार्च की कयादत की. इसका इशारा उन्होंने सुबह में की गई अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ही दे दिया था. 23 मार्च को तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘आज राम मनोहर लोहिया की जयंती है, जिन्होंने कहा था कि अगर सड़कें खामोश हो जाएं, तो संसद आवारा हो जाती है.’ उन्होंने इंकलाबी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानी को भी याद किया. गैर कानूनी तौर पर जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर मुबैय्यना पथराव करने में मुलव्विस होने के सिलसिले में पुलिस तेजस्वी और आरजेडी के दीगर लीडरान को कोतवाली थाना ले गई थी. वहां से रिहा होने के बाद तेजस्वी वापस असम्बली में आए, जब एवान की कार्रवाई दोपहर तीन बजे फिर से शुरू हुई थी. इससे पहले, एवान की कार्रवाई तीन बार मुल्तवी की जा चुकी थी. वजीर बिजेंद्र यादव के जरिए चर्चा के लिए बिल को पेश किए जाते ही अपोजीशन मेम्बरान असम्बली स्पीकर की सीट के करीब चले गए, जहां मार्शल पहुंच गए ताकि बरसरे एक्तेदार पार्टी के अराकीन के साथ उनकी हाथापाई होने से रोका जा सके. इस पर असम्बली स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने एवान की कार्रवाई शाम 4ः30 बजे तक के लिए मुल्तवी कर दी और अपने चैम्बर के अंदर चले गए, जबकि महागठबंधन के अराकीन ने इसे चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे. सूरतेहाल से निपटने में मार्शल को दिक्कत होने के बारे में पता चलने पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा असम्बली पहुंचे. इस बीच बीजेपी के सीनियर एमएलए प्रेम कुमार ने एवान के प्रसाइडिंग अफसर के तौर पर कार्रवाई बहाल की, लेकिन पूरे एवान में शोरगुल होता रहा. वजीर के तौर पर असम्बली में मौजूद एमएलसी अशोक चौधरी उस वक्त गुस्से में नजर आए, जब अपोजीशन मेम्बरान ने प्रेम कुमार से कागज छीनने की कोशिश की. दरअसल, चौधरी ने जेडीयू के साथी एमएलए से अपने पास आने को कहा, जब वह स्पीकर की कुर्सी के करीब चले गए थे. आरजेडी के एक मेम्बर असम्बली इस दौरान चौधरी के साथ धक्कामुक्की होने पर फर्श पर गिर पड़े.  इससे अपोजीशन अराकीन गुस्से में आ गए और उन्होंने मेज पर कुर्सी पटक कर उसे (मेज) तोड़ दी. इसकी वजह से प्रसीडिंग अफसर ने एवान की कार्रवाई शाम 5ः30 बजे तक के लिए मुल्तवी कर दी. दिन में तेजस्वी की कयादत में आरजेडी कारकुनांं ने असम्बली तक मार्च करने की कोशिश की, जिस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई. तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव और कुछ दीगर एमएलए की कयादत में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कारकुन बड़ी तादाद में दिन में जेपी गोलंबर पर इकट्ठा हुए. वहां से उन्होंने असम्बली की जानिब मार्च किया. जबकि बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस फोर्स, 2021 बिल को लेकर उनकी पार्टी के मेम्बरान असम्बली ने एवान में तहरीक अल्तवा का नोटिस दिया हुआ था. बिहार असम्बली के अंदर हुक्मरां और अपोजीशन के मेम्बरान असम्बली में हाथापाई हुई, जिसके बाद पुलिस ने अपोजीशन लीडरान को एवान से बाहर निकाल दिया. आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव समेत दीगर लोगों का इल्जाम है कि एवान में पुलिस ने अपोजीशन के अराकीन पर हाथ उठाया, साथ ही खातून मेम्बरान असम्बली को जबरन एवान से बाहर निकाला गया. बिहार असम्बली में बीते दिन मचे बवाल के कई वीडियो भी सामने आए, जिसमें पुलिसवाले एमएलए पर हाथ उठा रहे हैं, साथ ही खातून एमएलए और दीगर लोगों को जबरन उठाकर एवान के बाहर लाया जा रहा है. साबिक चीफ मिनिस्टर और आरजेडी लीडर राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा, ‘साबिक वजीर हमारी खातून मेम्बर असम्बली अनिता देवी जी को बेशर्म नितीश कैसे घसीटवा रहे है. इसी बीच उनकी साड़ी भी खुल जाती है. तुमने आज यह जो चिंगारियां भड़काई हैं, कल यही चिंगारियां तुम्हारे काले काल के काले सुशासन को जला कर भस्म कर देंगी. बिहार हिसाब करेगा और जल्द.’ एक दीगर ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘असम्बली में खातून मेम्बरान असम्बली का चीरहरण होता रहा. सरेआम उनकी साड़ी को खोला गया, ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर खींचा गया, नाकाबिले बयान तरीके से बदसलूकी की गई और नंगई की हद पार कर चुके नितीश कुमार धृतराष्ट्र बन कर देखते रहे. सत्ता आनी-जानी है, लेकिन तारीख तुम्हें कभी माफ नहीं करेगी.’ असम्बली में लीडर आफ अपोजीशन तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘लोकलाज छोड़ चुके बेशर्म नितीश कुमार के हुक्म पर हमारी इंकलाबी मोअज्जिज ख्वातीन मेम्बरान असम्बली को ब्लाउज से पकड़ कर खींचा गया. उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गई, लेकिन बीजेपी के चरणों में तौहीन का लुत्फ ले रहे वजीर-ए-आला को शर्म नहीं आती.’ 

आरएसएस-बीजेपी मय हुए नितीश- राहुल गांधी 

कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने बिहार असम्बली में हुए हंगामे पर 24 मार्च को कहा कि वजीर-ए-आला नितीश कुमार ‘आरएसएस-बीजेपी मय’ हो गए हैं. राहुल ने ट्वीट किया, ‘बिहार असम्बली के शर्मनाक वाक्ए से साफ है कि चीफ मिनिस्टर पूरी तरह आरएसएस-बीजेपी मय हो चुके हैं.’ कांग्रेस लीडर ने यह भी कहा, ‘जम्हूरियत का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई हक नहीं है. अपोजीशन फिर भी मफाद आम्मा में आवाज उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!’ वहीं, उत्तर प्रदेश के साबिक वजीर-ए-आला और समाजवादी पार्टी के सदर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार असम्बली में आर्म्ड फोर्सेज के जरिए मेम्बरान असम्बली पर हमला मुजरिमाना काम है. सड़क पर बेरोजगार नौजवानों पर भी जो हमले हुए वह दिखाते हैं कि सत्ता मिलने के बाद बीजेपी सरकारें अवाम को क्या समझती हैं. बिहार में जम्हूरियत पर कातिलाना हमला हुआ है.’ राज्यसभा मेम्बर और शिवसेना लीडर प्रिंयका चतुर्वेदी ने बिहार असम्बली में खातून मेम्बरान असम्बली के साथ हुए बर्ताव का मवाजाना तमिलनाडु की साबिक चीफ मिनिस्टर जयललिता, उत्तर प्रदेश की साबिक चीफ मिनिस्टर मायावती और पच्छिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी के साथ हुए वाक्यात के साथ किया. बिहार की साबिक वजीर और आरजेडी मेम्बर असम्बली अनिता देवी का वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह परेशान करने वाला क्लिप मुझे 1989 में डाक्टर जयललिता, 1993 में ममता बनर्जी और 1995 में मायावती के साथ हुए बर्ताव की याद दिलाता है, जिन्होंने इतिहास बनाने की लड़ाई लड़ी. सियासत में जगह बनाना चाहने वाली ख्वातीन के लिए कुछ भी नहीं बदला है और आवाज उठाने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा है.’जदीद मरकज़

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