फिर भड़के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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फिर भड़के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

आलोक कुमार 
पटना.बिहार विधान परिषद में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विरोधी दल के एमएलसी पर भड़क गये.विधान परिषद में मुख्यमंत्री अपनी बात रख रहे थे, तभी आरजेडी के विधान पार्षद बीच में आकर मंगलवार को विधानसभा में हुई घटना का विरोध करने लगे. देखते ही देखते सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग एक दूसरे के करीब आ गए. 

बिहार विधानसभा में मंगलवार को हंगामें के बाद बुधवार को विधान परिषद में विपक्ष के नेताओं ने जोरदार हंगामा किया. इस क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भड़क गए और कहा कि गुंडागर्दी का जवाब जनता देगी.विधान परिषद में मुख्यमंत्री अपनी बात रख रहे थे, तभी राजद के विधान पार्षद बीच में आकर मंगलवार को विधानसभा में हुई घटना के विरोध करने लगे.देखते ही देखते सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग एक दूसरे के करीब आ गए. 

इसके बाद मुख्यमंत्री भड़क गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने रिजेक्ट किया है. जनता ही ठीक से जवाब देगी. उन्होंने कहा, "इधर के लोग शांति से बैठे हैं, आप लोग जो अटैक करते हैं, इधर के लोग अटैक करते हैं क्या. "इस दौरान विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह सभी सदस्यों को शांत कराते रहे, लेकिन हंगामा जारी रहा. 

इस बीच मुख्यमंत्री ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि चुपचाप अपनी बात रखिए.उन्होंने आक्रोश में कहा कि इधर की क्या संख्या है और उधर की क्या संख्या है, है पता कुछ. जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने सभापति से राजद सदस्यों पर कार्रवाई की मांग तक कर दी. 

विधान परिषद में बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को हंगामे के बीच बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पारित हो गया.इस दौरान विपक्ष के सभी सदस्य गैरहाजिर रहे. यह विधेयक मंगलवार को विधानसभा से पास हो चुका है. इससे पहले परिषद में बुधवार को कार्यवाही के दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. गनीमत रही कि हाथापाई नहीं हुई.जदयू के विधान पार्षद संजय सिंह वेल में पहुंच गए.इस दौरान विपक्ष के सदस्यों से उनकी तीखी नोकझोंक हुई. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक की कॉपी फाड़ते हुए विपक्ष के सदस्य वॉकआउट कर गए. 


विधान परिषद की कार्यवाही अनिश्तिचकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.विपक्ष की अनुपस्थिति में 7 विधेयक पास कराए गए. विधान परिषद के 197वें सत्र में 22 बैठकें आयोजित हुईं, जिनमें 1,187 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुईं. इनमें से 1,112 को स्वीकृति प्रदान की गई. कुल 488 प्रश्न उत्तर उत्तरित हुए. ध्यानाकर्षण की कुल 179 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 107 ध्यानाकर्षण सूचनाओं को स्वीकृत कर लिया गया.इससे पहले दूसरी पाली की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के सदस्यों पर सीएम नीतीश कुमार भड़क गए. उन्होंने कहा कि मालूम नहीं है कि क्या कर रहे हो आप लोग, खुद को बर्बाद कर रहे हो. आप समझ लीजिए, विधानसभा में आसन के साथ क्या किया गया, इस दौरान एनडीए के तमाम सदस्य बैठे रहे, आपकी संख्या ही क्या है? 


राजद के एमएलसी चूड़ियां लेकर सदन के अंदर पहुंच गए. उन्होंने चूड़ियां दिखाते हुए विरोध किया.हंगामा बढ़ता देख विधान परिषद की कार्यवाही 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.इसके बाद विपक्ष के एमएलसी वेल में पहुंच कर धरने पर बैठ गए. 

विधान परिषद के बाहर विपक्षी दलों के एमएलसी ने जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने नीतीश कुमार शर्म करो, नीतीश कुमार रिजाइन करो जैसे नारे लगाए.वहीं, मौजूद आरजेडी  के एमएलसी रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि विधानमंडल की अपनी व्यवस्था है.यहां सुरक्षा की अपनी व्यवस्था है, मार्शल भी है. विधानमंडल में बाहर से किसी पुलिस बल का इस्तेमाल करना गलत है.26-27 सालों के अनुभव में कभी नहीं देखा कि किसी विधायक को इस तरह से पीटा गया है. 

कार्यवाही के अंतिम दिन पारित हुए 7 विधेयक 

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 
बिहार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2021 
बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद विधेयक ( संशोधन) विधेयक 2021 
बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 
पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 
बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 
बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2021

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