आलोक कुमार
झांसी.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि झांसी में केरल की दो नन और दो प्रशिक्षु के साथ हुई कथित बदसलूकी के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अमित शाह ने केरल के कांजिरापल्ली में बुधवार को चुनावी रैली में कहा, ‘मैं केरल के लोगों को यह आश्वासन देना चाहूंगा कि इस मामले के दोषियों को यथाशीघ्र न्याय के शिकंजे में लाया जाएगा.’ पार्टी के कांजीरापल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार केजे अल्फोंस ने शाह के समक्ष यह मामला उठाया था. इस सीटे के लिए छह अप्रैल को मतदान होगा.
बता दें कि सबसे पहले विस्तार से जनादेश ने खबर को ब्रेकडाउन किया था.उत्तर प्रदेश के झांसी में 19 मार्च को दो नन और दो ‘पोस्टुलेंट’ को रेलवे पुलिस ने एक्सप्रेस ट्रेन से उतार कर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.
इसके बाद केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) ने भी मामले पर चिंता व्यक्त की है. कांग्रेस और बीजेपी ने क्रमश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह मुद्दा भी उठाया है.
झांसी के अधिकारियों का कहना है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि दो महिलाओं को कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ले जाया जा रहा है और इसके बाद इन नन को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने बताया कि शिकायत निराधार थी और पूछताछ के बाद चारों महिलाएं दूसरी ट्रेन पकड़कर ओडिशा के लिए रवाना हो गईं.
दिल्ली से राउरकेला जा रही एक ट्रेन से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता की शिकायत के बाद दो ननों और दो किशोरियों को उतार लिया गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता को शक था कि दो नन, दो किशोरियों का धर्मांतरण के लिए लेकर जा रही हैं. दोनों नन केरल की रहने वाली थीं. कार्यकर्ता की शिकायत पर दोनों ननों और किशोरियों को झांसी स्टेशन पर उतार लिया गया. उनसे एक घंटे तक पूछताछ की गई. बाद में उन्हें दूसरी ट्रेन से रवाना कर दिया गया.
दरअसल, उत्कल एक्सप्रेस के B-2 कोच में सवार दो ननों के साथ दो लड़कियां दिल्ली से राउरकेला जा रही थीं. ट्रेन के B-1 कोच में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का कार्यकर्ता अजय शंकर तिवारी भी सफर कर रहा था. उसने जीआरपी में शिकायत की कि दो नन अपने साथ दो लड़कियों को ले जा रही हैं. उसने शक जताया कि ननों ने दोनों लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया है. अजय ने फोन पर ABVP और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को भी इस बात की जानकारी दी. जिसके बाद कई संगठनों के लोग झांसी स्टेशन पहुंचे. इसके बाद दोनों ननों और लड़कियों को ट्रेन से उतारकर जीआरपी थाने लाया गया.
पूछताछ में झूठा निकला शक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता ने इस मामले में लिखित शिकायत कर केस दर्ज करने की मांग की थी. उसकी शिकायत पर जीआरपी थाने में करीब एक घंटे तक ननों और लड़कियों से पूछताछ की गई. उनके दस्तावेजों की पड़ताल की गई. बाद में पुलिस ने जांच में शिकायत को झूठा पाया. जीआरपी ने इस मामले में आरोप सही नहीं होने के कारण केस दर्ज नहीं किया. बाद में दोनों ननों और लड़कियों को दूसरी ट्रेन से रवाना किया गया.
मामले पर सियासत भी तेज झांसी स्टेशन पर ननों और लड़कियों को उतारने का मामला केरल में तूल पकड़ने लगा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखकर कार्रवाई की मांग की है. अमित शाह को लिखे लेटर में उन्होंने कहा कि दो ननों और लड़कियों को झांसी स्टेशन पर पुलिस ने जबरन उतार लिया. जबकि उस समय वहां कोई महिला पुलिस भी नहीं थी. उन्होंने अमित शाह से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है.
केरल के मुख्यमंत्री ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी है.
मुख्यमंत्री विजयन ने चिट्ठी में आरोप लगाया कि बजरंग दल के सदस्यों और पुलिस ने ननों और लड़कियों के साथ उत्पीड़न किया, उन्हें परेशान किया और धमकाया. इसके बाद अमित शाह ने भी भरोसा दिलाया है कि जो लोग भी इस मामले में शामिल थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री विजयन के अलावा केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेनीथाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि फिर कभी ऐसी स्थिति न बने.
झांसी के बिशप पीटर परापुल्लिल ने नन को बिशप हाउस में ले गये और अगले दिन उन्हें सिविल ड्रेस में छोड़ना पड़ा. हालांकि उन्हें वीआईपी कोच देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें विकलांगों के लिए 2 सीटें दी गईं.उनके भयानक परिणाम के बाद भी, 4 ननों को 2 सीटें साझा करनी पड़ीं और उन्हें 24 घंटे की यात्रा को एक अधिक भीड़ वाले डिब्बे में जारी रखना पड़ा.
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