शिकायत पर नर्सों को ट्रेन से उतर दिया

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शिकायत पर नर्सों को ट्रेन से उतर दिया

आलोक कुमार  

झांसी.अब जरा सजग हो जाए.अगर आप ईसाई धर्मी और सिस्टरों के विशेष ड्रेस में हैं.विशेष प्रकार के ड्रेस को कैसे कहते हैं जो सिस्टर और फादर पहनते हैं.दिल्ली से ट्रेन से उड़ीसा दो होली कॉस की सिस्टर और उतने ही प्रशिक्षु जा रही थीं.रेलवे अधिकारियों ने उन्हें वीआईपी कोच देने का वादा किया गया था. लेकिन उन्हें विकलांगों के कोच में बैठा दिया.4 वीआईपी कोच के टिकट रहते केवल 2 सीटें दी गईं.काफी तकलीफ से  4 जनों को 2 सीटें पर साझा करनी पड़ीं और उन्हें 24 घंटे की यात्रा को एक अधिक भीड़ वाले डिब्बे में जारी रखना पड़ा. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को विकलांगों के कोच में 4 वीआईपी कोच के टिकटधारी केवल 2 सीट पर बैठ कर जा रही थी.सभी ट्रेन के कोच बी 1 में सवार थे.कोच में दोनों महिलाएं को और दोनों  लड़कियों को दिल्ली से राउरकेला (उड़ीसा) लेकर जा रही थीं.हिंदु विचारधारा के लोगों को केवल बातचीत करने के अनुमान में यह लगा कि युवतियों को धर्मांतरण कराने के लिए ले जा रहे हैं.इस शक को आधार में तब्दील करने के लिए आरपीएफ एवं जीआरपी को सूचना प्रेषित कर दिये.उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 के घेरे लाना था. 

धर्मांतरण कराकर ले जाने की सूचना पर उत्कल एक्सप्रेस से दो युवतियों समेत महिलाओ को जीआरपी व आरपीएफ ने झांसी स्टेशन पर उतार लिया.पुलिस अधिकारी भी जीआरपी थाने पहुंचे. यहां देर रात पुलिस युवतियों से पूछताछ में जुटी रही.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महोबा संगठन मंत्री अजय शंकर तिवारी व ललितपुर के संगठन मंत्री सुमित प्रताप सिंह समेत कई कार्यकर्ता उत्कल एक्सप्रेस से झांसी आ रहे थे. सभी ट्रेन के कोच बी 1 में सवार थे.यहां उतर गये. 

कोच में दो महिलाएं दो लड़कियोें को दिल्ली से राउरकेला (उड़ीसा) लेकर जा रही थीं.बातचीत करने पर युवतियों को धर्मांतरण कराने के लिए ले जाने का शक हुआ. ट्रेन से ही कार्यकर्ताओं ने आरपीएफ व जीआरपी के साथ हिंदू नेता अंचल अड़जरिया को सूचना दी थी.सभी यहां देर रात तक पुलिस महिलाओं व युवतियों से पूछताछ में जुटी रही. इधर, कार्रवाई के लिए कार्यकर्ताओं ने जीआरपी में तहरीर दी है. 

इस खबर में पत्रकार पुरोहित का कहना है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा रोक लगा दिया गया.उन दोनों नन पर दो लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए ले जाने का आरोप लगा दिये.फलत:उन्हें झांसी में उतरने के लिए मजबूर कर दिया गया.मनसूबा था कि दोनों नन को उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण संबंधी कानून के घेरे में डाल देना. 
दो कैथोलिक नन और 2 प्रशिक्षु नन हैं.जो दिल्ली से ओडिशा की यात्रा कर रही थीं, जहाँ उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा रोका गया.दोनों नन पर मनगढ़त आरोप मढ़ा की जबरदस्ती धर्मांतरण कराकर ले जा रहे हैं. ट्रेन में हंगामा होने पर नन ने दिल्ली में अपनी मण्डली को सूचित किया.अाधार कार्ड को दिखाने वाली दोनों महिलाएं ईसाई थीं. 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जयश्रीराम के नारे लगाए और यात्रियों को परेशान किया.जब ट्रेन झांसी स्टेशन पर पहुंची, तो रेलवे पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें ट्रेन से उतार दिया.जहाँ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अन्य लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई . सांप्रदायिक नारे और गाली के भी नारे लगाते रहे. महिला पुलिस अधिकारियों के लिए नन की प्रेरणा के बावजूद, उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ थाने तक सांप्रदायिक नारे लगाने के लिए मार्च  करने को बाध्य किया गया था, और उनके फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी. 

जब संकट झेल रही दोनों नन को पता चला कि ट्रेन  स्टेशन से चली गई है, तो नन ने झांसी के बिशप घर से संपर्क किया. कुछ समय के बाद बिशप पीटर परापुल्लिल और पुरोहित जिसे फादर कहां जाता है. वे लोग वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ  पहुंचे. वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा सत्यापन के बाद पुष्टि की कि वे निर्दोष हैं.तब जाकर षड्यंत्र से मुक्त हुई. 

झांसी के बिशप पीटर परापुल्लिल ने नन को बिशप हाउस में ले गये और अगले दिन उन्हें सिविल ड्रेस में छोड़ना पड़ा. हालांकि उन्हें वीआईपी कोच देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें विकलांगों के लिए 2 सीटें दी गईं.उनके भयानक परिणाम के बाद भी, 4 ननों को 2 सीटें साझा करनी पड़ीं और उन्हें 24 घंटे की यात्रा को एक अधिक भीड़ वाले डिब्बे में जारी रखना पड़ा. 
  
एक अन्य खबर के अनुसार हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि ग्राम जैतरा में ईसाई मिशीनरी के लोगों की ओर से गांव स्थित दलित बस्ती में काफी समय से धार्मिक आयोजन किया जा रहा था.ईसाई मिशनरी के कुछ लोग एक घर में पहुंच गए और बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र कर बाइबिल के बारे में विस्तार से जानकारी देने लगे.  

इसकी जानकारी मिलने पर हिंदू युवा वाहिनी के नगर अध्यक्ष मनोज चौहान कार्यकर्ता के साथ मौके पर पहुंचे और प्रार्थना सभा स्थल पर पहुंचकर धर्मांतरण का विरोध कर नारेबाजी शुरू कर दी. 


इस दौरान हिंदूवादी संगठन व मौजूद लोगों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. हंगामा बढ़ता देख ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी. हल्का दरोगा पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे.कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई करने को लेकर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी. 

आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों पर माहौल खराब करने का आरोप लगाकर अभद्रता की.इस दौरान मौका पाकर ईसाई मिशनरी के लोग फरार हो गए. 

जानकारी मिलने पर मंडल प्रभारी डा. एनपी सिंह कार्यकर्ताओं को साथ लेकर सीओ अजय कुमार अग्रवाल से मिले और पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई. डा. एनपी सिंह, मनोज चौहान, शिवसेना प्रदेश संयुक्त सचिव विजय कुमार जैन ने कहा कि ईसाई मिशनरी द्वारा हिंदू धर्म के लोगों को बहला फुसलाकर और लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. 

ईसाई मिशनरी के लोगों को नोटिस : सीओ  
सीओ अजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि सूचना पर पुलिस मौके पर गई थी. ईसाई मिशनरी के कई लोगों को नोटिस जारी कर हिदायत दी गई कि इस प्रकार का कोई भी कार्यक्रम करने को उनके क्षेत्र में न आएं. नहीं तो रिपोर्ट कायम कर कार्रवाई होगी.कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता के आरोपों को गलत बताया है.  

धन, राजनीतिक पदों, ब्रेनवॉश, झूठ, विवाह आदि जैसे जबरदस्त साधनों द्वारा राजनीतिक और धार्मिक रूपांतरण कैसे भिन्न हैं? यदि कोई एक दिन धर्म परिवर्तन के एक ही बल के तहत कई पार्टियों को विभिन्न वैचारिक मान्यताओं के साथ बदल सकता है, तो लोग अपने धर्मों को उसी के लिए क्यों नहीं बदलते? 
 

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