गृहमंत्री अनिल देशमुख सौ करोड़ चाहते थे -परमवीर सिंह

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गृहमंत्री अनिल देशमुख सौ करोड़ चाहते थे -परमवीर सिंह

संजय कुमार सिंह  
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस पर कैसा दबाव होगा इसे समझा जा सकता है.उसमें एक पुलिस अधिकारी साढ़े तीन किलो जिलेटिन रखने के आरोप में फंस जाए – यह अविश्वसनीय लग रहा था.खासकर, गिरफ्तारी पर सचिन वाजे ने जो कहा उसके आलोक में.एंटालिया में बम – बचकाने नाटक से ज्यादा नहीं है में मैंने लिखा था कि यह अंबानी साब को खुश करने की कोशिश हो सकता है.खुश कौन कर रहा था यह पता लगना है. 

किसलिए कर रहा था वह बताने की नहीं समझने की चीज है.पर अभी महत्वपूर्ण नहीं है.एनआईए द्वारा गिरफ्तार सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद उनका पक्ष नहीं आ रहा था और मीडिया अब ऐसी खबरें करता भी नहीं है इसलिए उम्मीद नहीं थी कि मामला इतनी जल्दी साफ हो जाएगा.पर वो कहते हैं ना कि अपराधी कितना भी शातिर हो, सबूत छोड़ता ही है.इस बार भी यही लगता है और मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर जो कहानी बताई है वह बहुत कुछ कहती है.पढ़िए, अंग्रेजी में लिखे पत्र के खास अंश हिन्दी में.इंडिया टुडे में प्रकाशित पूरी चिट्ठी का लिंक कमेंट बॉक्स में. 

मुंबई के पूर्व कमिश्नर, परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं.देशमुख ने कहा कि खुद को बचाने के लिए है.इससे पहले अनिल देशमुख ने परमबीर सिंह पर आरोप लगाए थे.नेता तो आरोप लगाते रहते हैं कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नौकरी में रहते हुए ऐसा आरोप लगाए - कम होता है.पेश है, परमबीर सिंह के आरोप. 

मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का बिन्दु संख्या 7 और 8  
सचिन वाजे का मामला  
एंटिलिया मामले कं संदर्भ में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की खुफिया इकाई का नेतृत्व कर रहे है सचिन वाजे को अनिल देशमुख ने पिछले कुछ महीनों में कई बार अपने घर बुलाया है और बार-बार निर्देश दिए हैं कि उनके लिए पैसे इकट्ठा किए जाएं.फरवरी के मध्य में और उसके बाद गृहमंत्री ने श्री वाजे को घर बुलाया था.उस समय मंत्री के दो स्टाफ और उनके निजी सचिव श्री पलांडे भी मौजूद थे.गृहमंत्री ने वाजे से कहा कि उनका लक्ष्य 100 करोड़ रुपए महीने इकट्ठा करने का है.इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गृहमंत्री ने वाजे से कहा कि मुंबई में 1750 बार, रेस्त्रां और अन्य प्रतिष्ठान हैं.अगर हरेक से 2-3 लाख रुपए की राशि एकत्र की जाए तो 40-50 करोड़ रुपए का मासिक कलेक्शन संभव है.मंत्री ने कहा कि बाकी पैसे दूसरे तरीके (स्रोत) से इकट्ठा किए जा सकते हैं.वाजे उसी दिन मेरे पास आए.मैं यह सब जानकर हैरान था और सोच रहा था कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाए. 

गृहमंत्री पर आरोप बिन्दु 9, 10, 11 और 12 
कुछ दिन बाद गृहमंत्री ने संजय पाटिल को बुलाया.इसमें भी श्री पलांडे मौजूद थे.दो दिन बाद श्री पाटिल को डीसीपी भुजबल के साथ बुलाया गया.पलांडे ने एसीपी और डीसीपी को बताया कि गृहमंत्री 40-50 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखे हैं और यह 1750 बार, रेस्त्रां तथा अन्य प्रतिष्ठानों से संभव है.एसीपी पाटिल ने मुझे इस मांग की जानकारी दी थी.यह 4 मार्च की बात है.परमबीर सिंह ने लिखा है कि इस मुलाकात का विवरण लेने के लिए मैंने एसीपी पाटिल को 16 मार्च और 19 मार्च को संदेश भेजा.पत्र में एसीपी के साथ संदेशों के आदान-प्रदान का विवरण है.तारीख, समय और क्रम के साथ. 

गृहमंत्री से मिलने के बाद दोनों अधिकारियों - सचिन वाजे और संजय पाटिल ने मुझे अपनी आशंकाएं बताई थीं.गृहमंत्री आदतन पुलिस अधिकारियों को बुलाकर निर्देश देते हैं.इसमें वे मुझे और पुलिस विभाग के उन अधिकारियों के वरिष्ठों को बाईपास करते रहे हैं और वसूली योजनाओं के संबंध में निर्देश देते रहे हैं.मेरे अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के ये मामले मेरी जानकारी में लाए हैं. 

सासंद मोहन डेलकर की मौत बिन्दु 13-16  
दादरा व नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर होटल सी ग्रीन में 22 फरवरी 2021 को मरे हुए मिले थे.मैरिन ड्राइव पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया.जांच के क्रम में सुसाइट नोट मिला.इसमें दादरा व नागर हवेली के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाए गए थे और कहा गया था कि उनके परेशान किए जाने से डेलकर ने आत्महत्या कर ली.इस मामले की जांच मैरिन ड्राइव पुलिस कर रही है.पर गृहमंत्री पहले दिन से चाहते हैं कि आत्महत्या के लिए उकसाने (मजबूर करने) का मामला दर्ज हो.मेरी और कानूनी राय यह है कि आत्महत्या के लिए मजबूर करने का काम दादरा व नागर हवेली में हुआ है.इसलिए अगर ऐसा कोई मामला हो तो उसकी जांच वहीं की पुलिस को करना चाहिए.और इस सिलसिले में उसी का क्षेत्राधिकार होगा.आपको (मुख्यमंत्री) को याद होगा कि इस संबंध में वर्षा में हुई ब्रीफिंग में मैंने माननीय गृहमंत्री और कई अन्य अफसरों की उपस्थिति में मैंने अपने विचार बताए तो आम सहमति थी.इससे गृहमंत्री मुझसे नाखुश थे क्योंकि मुंबई में आत्महत्या के मामले की जांच होने से जो राजनीतिक लाभ मिलता वह नहीं मिला.इसके बावजूद 9 मार्च 2021 को उन्होंने विधानसभा में एसआईटी के गठन और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज करने की घोषणा कर दी.  

बिन्दु 17 में गृहमंत्री पर पुलिस के कामों में हस्तक्षेप करने का आरोप है.और कहा गया है कि गृहमंत्री ने मेरे विरोध को अनअपेक्षित माना है.उन्होंने अपने पुलिस बल की पूरी जिम्मेदारी ली है और कहा है कि हस्तक्षेप के उदाहरणों से स्पष्ट है कि गलत करने की जिम्मेदारी किसी और की है.उन्होंने कहा है कि सच का पता लगाने के लिए सचिन वाजे के कॉल रिकार्ड और फोन डाटा की जांच की जाए.उन्होंने यह भी लिखा है कि सही तस्वीर को रिकार्ड पर लाने के लिए की जा सकने वाली बदले की कार्रवाई से मैं पूरी तरह वाकिफ हूं.इससे पहले गृहमंत्री ने परमबीर सिंह पर आरोप लगाए थे और मुख्यमंत्री को लिखा उनका पत्र इन्हीं आरोपों के जवाब में है. 

तथ्यों से भरी ऐसी चिट्ठी में दस्तखत नहीं है, ई-मेल से क्यों नहीं भेजा जैसे सवालों का जवाब यही हो सकता है कि ई मेल से चिट्ठी लीक कैसे होती? पर तब दस्तखत नहीं होने से कोई कह सकता है कि मैंने नहीं लिखी.तथ्य भी तो कुछ होता है.मैं तुरंत फैसले में विश्वास नहीं करता.चिट्ठी राजनीतिक घटनाओं में एक परिघटना है.फर्जी हो तब भी.इसका कुछ ना कुछ असर होगा.अब उसका इंतजार.यह वैसे ही है कि वाजे गिरफ्तार नहीं होते तो कहानी कुछ और होती. 


 

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