आलोक कुमार
पटना. पटना नगर निगम का काम शहर को साफ रखना है. जबकि, राजधानी में गंदगी का वही मुख्य स्रोत है. उसके कर्मी दिनभर वीवीआईपी व वीआईपी इलाकों से कचरा इकट्ठा करते हैं और फिर जहां कहीं भी खाली जमीन दिखती है, उसे वहां गिरा देते हैं. दर्जन भर इलाकों को नगर निगम ने कचरा डंपिंग यार्ड में बदल दिया है. इससे आस-पास रहने वाले लोग परेशान हैं.
बताते चले कि पहले जीपीओ कार्यालय, मेघदूत भवन के पीछे कचरा डंप किया जाता था.जब विरोध हुआ, तो निगम ने वहीं रेलवे की जमीन पर कचरा गिराना शुरू कर दिया. इसके बाद गर्दनीबाग अस्पताल के पास और अब बाइपास पर बेऊर मोड़ से 70 फीट रोड तक कचरे का ढेर-सा लग गया है.
कंकड़बाग अंचल कार्यालय के कर्मी कचरे की बदबू से परेशान हैं. इससे बचने के लिए वे हमेशा खिड़की बंद रखते हैं.हालांकि, यह कारगर उपाय नहीं है. कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम ने कहा- मुझे खुद खराब लगता है कि जहां बैठते हैं, वहीं बगल में कचरा रखा जाता है. पर, अब आदत-सी पड़ गई है. बैरिया डंपिंग यार्ड की दूरी अधिक होने से वहां कचरा नहीं भेज पा रहे हैं.
नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, प्रबंधन एवं संचालन नियमावली 2000 के अनुसार कूड़ा संग्रह केंद्र का घेराव, कूड़ों के तौलने के लिए धर्म कांटा की व्यवस्था, अग्निशमन औजारों आदि का होना जरूरी है, पर यहां कोई व्यवस्था नहीं रहती है.
निगम क्षेत्र में सफाई का काम सिर्फ कागजों पर ही होता है. निगम को गली-मोहल्लों की चिंता ही नहीं है. सिर्फ वीआईपी इलाकों व मुख्य सड़कों से कचरे का उठाव किया जा रहा है.निगम का एक भी काम सराहनीय नहीं है. साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.हर दिन कचरे का उठाव नहीं होता है.
पटना शहर में एक और नया कूड़ा-कचरा केंद्र बन गया है. पटना नगर निगम ने पाटलिपुत्र पानी टंकी के पास सिक्स लेन और लिंक सड़क के किनारे कूड़ा-कचरा केंद्र बना दिया है.यहां पाटलिपुत्र अंचल के सभी वार्डों के कचरा गिराए जा रहे हैं.सुबह-सुबह डोर टू डोर वाहनों का जमावड़ा लग जा रहा है. इस कारण लिंक रोड से सिक्स लेन जाने में परेशानियां होने लगी हैं.
पाटिलपुत्र अंचल का कूड़ा-कचरा अब तक नूतन राजधानी क्षेत्र में स्थित गर्दनीबाग कूड़ा सेकेंड्री प्वाइंट पर गिर रहा था.वहां अधिक कचरा पहुंचने के कारण पाटिलपुत्र अंचल अपना कूड़ा-कचरा केंद्र का सेकेंड्री प्वाइंट बना दिया है.प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर पूर्व जिलाधिकारी कुमार रवि के नेतृत्व में इस स्थल को अतिक्रमणमुक्त करवाया गया था.यहां पटना नगर निगम की छह एकड़ जमीन है.प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इस स्थल को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया था.
कूड़ा-कचरा केंद्र बनने से लिंक पथ में गंदा पानी जम गया है तथा बदबू आ रही है. नगर निगम कचरा गिरने के बाद उसे बड़े वाहनों से रामचक बैरिया प्रतिदिन भेज रहा है. डोर टू डोर वाहन से कचरा गिराने और से बड़े वाहन से रामचक बैरिया ले जाने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.पटिलपुत्र अंचल की कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिभा सिन्हा का कहना है कि तत्काल कचरा केंद्र बनाया गया है.स्थल की खोज जारी है. बांकीपुर अंचल भी कूड़ा कचरा के लिए सेकेंड्री प्वाइंट के लिए स्थल ढूंढ रहा है. फिलहाल वार्ड स्थल पर कचरा गिराने के साथ हाइवा में उठा लेता है. पटना नगर निगम के समक्ष सेकेंड्री कूड़ा प्वाइंट की कमी कचरा प्रबंधन में समस्या बन गई है.
पटना के पाटलिपुत्र अंचल में अस्थाई कूड़ा पॉइंट बनाये जाने से परेशान लोगों ने सत्याग्रह कार्यक्रम के रूप में मानव शृंखला बनाकर इसका विरोध किया है. लोगों का कहना है इलाके में कूड़ा स्थल होने से आस पास के लोगो का जीना मुश्किल हो गया है. गंदगी से अब तक कई लोग बीमार हो चुके है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नगर निगम ने जल्द से जल्द ये कूड़ा नही उठाया, तो आंदोलन किया जाएगा.
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार, शहर में छह अंचल है. सभी क्षेत्रों के अंचलों में अपने अपने क्षेत्र का कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनाना है. जहाँ गीला और सूखा कचरे को अलग कर वैज्ञानिक तरीके से निपटारा करना है. लेकिन पाटलिपुत्र अंचल में अभी तक स्थाई ट्रांसफर स्टेशन नही बन पाया है. और कूड़े को अस्थाई तौर पर एक जगह इकठ्ठा करा जा रहा है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मामले में निगम के पदाधिकारियों का कहना है कि पाटलिपुत्र अंचल में पानी टंकी के पास अस्थाई रूप से कूड़ा रखा जा रहा है जल्द ही स्थाई जगह पर शिफ्ट किया जाएगा. स्थानीय लोग यहां तक दावा कर रहे है कि गंदगी और बदबू से एक तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है. आज पाटलिपुत्र कॉलोनी में है कूड़ा संग्रह केंद्र को हटाने के लिए कर्मियों को गांधीगीरी करके गुलाब का लाल फूल दिया गया.
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