आलोक कुमार
पटना.बिहार में कोरोना का कहर शुरू हो गया है. कोविड 19 की दूसरी पारी में 18 मार्च को 107 न्यू केस आया.आज बिहार में विगत 24 घंटे में 58 मरीज हुए स्वस्थ, सूबे में कुल स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 2,61,362 एवं रिकवरी दर 99.24 प्रतिशत है. राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव मरीज 436 हैं.
मास्क पहनकर कोरोना के कोहराम से बचे. वहीं फासला बनाकर रहने का फैसला करें.आज एक महिला मर गयी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के कोसी और सीमांचल में इस साल कोरोना से पहली मौत अररिया जिले में हुई है. अररिया जिले के सिकटी प्रखंड की कौआकोह पंचायत में 70 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत की पुष्टि गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने की है. मृतक महिला फारबसिगंज प्रखंड के सिमराहा गांव की रहने वाली है.
कुछ दिन पूर्व वह अपने दामाद के घर आयी थी, जहां उनकी तबीयत खराब हो गई.बुधवार को अररिया सदर अस्पताल में हुई जांच में कोराेना पॉजिटिव पायी गयी थी.मौत की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान असरफ ने अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर मेडिकल टीम को मेडिकल व पीपी कीट, मास्क, सैनिटाइजर के साथ कौआकोह भेजा.उस वार्ड को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है.टीम ने शव का मेडिकेटेड तरीके से डिस्पोजल कर दिया.
बिहार में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम एवं इसके निरोधात्मक उपाय को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां 5 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दी है.स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी किया.
विभाग के अनुसार जो चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी अवकाश पर हैं, उन्हें तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया गया है.सभी प्रकार के अवकाश में अध्ययन अवकाश एवं मातृत्व अवकाश पर रहने वालों को छोड़कर सभी कर्मियों पर यह आदेश लागू होगा.
विभाग द्वारा जारी निर्देश के तहत राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों से लेकर निदेशक प्रमुख तक, प्राचार्य एवं अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर जूनियर रेजीडेंट एवं विशिष्ट चिकित्सा संस्थान के निदेशक (संविदा नियोजित सहित) तक की छुट्टियां रद्द की गई हैं.इसी तरह राज्य के सभी स्वास्थ्यकर्मियों जैसे-स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल्स, जीएनएम, एएनएम, शल्य कक्ष सहायक, लैब टेक्नीशियन एवं सभी चतुर्थकर्मी आदि (संविदा नियोजित सहित) की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं.
हरेक दिन आने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 436 है.
09.03.21 41
10.03.21 44
11.03.21 45
12.03.21 28
13.03.21 38
14.03.21 50
15.03.21 26
16.03.21 49
17.03.21 58
18.03.21 107
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में दहशत का महौल है.डर के कारण लोग कई तरह की सावधानी बरत रहे हैं.महामारी के इस दौर में कई तरह के अंधविश्वास भी जन्म लेने लगे हैं.बिहार और झारखंड में महिलाओं ने कोरोना को देवी का रूप मानकर उसकी पूजा शुरू कर दी है. उनका मानना है कि कोरोना माता नाराज हैं, जो पूजा करने के बाद वापस चली जाएंगी.इससे पहले झारखंड के जमशेदपुर, गढ़वा यूपी के गाजीपुर और बलिया से भी इस तस्वीरें सामने आई थीं.
शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा थी.इस मौके पर महिलाएं मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा स्थित बाबा सर्वेश्वरनाथ मंदिर में कोरोना देवी की पूजा करने पहुंच गईं.महंथ पं. संजय ओझा ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं मानीं.कुछ महिलाओं ने बूढ़ी गंडक नदी के तट पर भी पूजा-अर्चना की.
यहां भी ज्येष्ठ पूर्णिमा पर महिलाएं कोरोना देवी की पूजा करने पहुंचीं.महिलाओं ने कोरोना माता को नौ लड्डू, नौ लौंग का भोग लगाया और कहा कि कोरोना माई नाराज हैं, इसलिए ही महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा की जा रही है.ताकि उनका गुस्सा कम हो जाए और वे हमसब पर कृपा कर वापस चली जाएं.
बता दें कि रोमन कैथोलिक चर्च के संतों के नामों में एक संत का नाम संत कोरोना है.यहां पर हाथ जोड़कर प्रार्थना की जाती है.संसार से कोरोना का खात्मा हो.चर्च में भी पवित्र मिस्सा अर्पित कर कोरोना से पीड़ित और मर जाने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है.कोरोना के गाइडलाइन को पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.अभी टीका भी दिला रहे हैं.
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