जवाब देना तक नहीं आता है

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जवाब देना तक नहीं आता है

आलोक कुमार

पटना.ऐसा प्रतीक होता है कि बिहार एग्जिट पोल की संभावना से तेजस्वी यादव नहीं निकल पा रहे कि राजद, कांग्रेस और वाम दलों का महागठबंधन ही सरकार बनाएंगी.जनता के द्वारा महागठबंधन को अधिकारियों द्वारा राजग को सत्तासीन करा दिया गया है.इसका असर विधानसभा में दिखाते हैं.जो आज भी देखने को मिला.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चीनी मिल और अवैध शराब की बिक्री पर सत्तापक्ष से जवाब मांग रहे थे.इसी दौरान तेजस्वी यादव ने  भाजपा के वरिष्ठ नेता ,मोतिहारी के विधायक बिहार सरकार के गन्ना व विधि मंत्री प्रमोद कुमार से कहा, 'अरे यार कैसे मंत्री आप लोगों को बना दिया गया है. जाने कहां-कहां से ऐसे मंत्री आ जाते हैं. जवाब देना तक नहीं आता है.' 

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का सोमवार को 16वां दिन था.विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने सुपौल में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत के मामले पर जमकर हंगामा किया. विधायकों ने कहा कि आर्थिक तंगी से पूरा परिवार जूझ रहा था.
 

इस बीच बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंत्री प्रमोद कुमार से कहा, 'अरे यार कैसे मंत्री आप लोगों को बना दिया गया है. जाने कहां-कहां से ऐसे मंत्री आ जाते हैं. जवाब देना तक नहीं आता है.' 

यह सुनकर सत्तापक्ष के लोग नाराज हो गए और सदन में हंगामा शुरू हो गया.
 

 डिप्टी सीएम सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष सदन में गलत परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं.नेता प्रतिपक्ष किसी मंत्री को लेकर इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते हैं.वहीं नंदकिशोर प्रसाद यादव ने कहा कि वह 26 साल से सदन के सदस्य हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी मंत्री को लेकर नेता प्रतिपक्ष की ओर से इस तरह की टिप्पणी की जाए. ये इनकी गलत आदत है कि वह एक-एक कर मंत्रियों को सीधे टारगेट कर रहे हैं.


बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के चैंबर में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. सभी दलों के सदस्यों के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश की गई है, जिससे सदन की कार्यवाही की किसी तरह का व्यवधान नहीं हो.प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री रोकने को लेकर सदन में हो रहे हंगामे पर चर्चा हुई.साथ ही मंत्री रामसूरत राय का भी मामला उठा.भाकपा(माले) के विधायक महबूब आलम ने कहा कि सर्वदलीय बैठक पूरी तरह से फेल है. इस बैठक का कोई नतीज नहीं निकला है.सरकार शराबबंदी पर बहस नहीं करना चाहती है.अपने मंत्री रामसूरत राय को बचाना चाह रही है.


विधानसभा में पहली पाली की कार्यवाही के दौरान डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि आप विपक्ष के नेता को संरक्षण दे रहे हैं. मंत्रियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.तेजस्वी यादव के सवाल के जवाब के दौरान अध्यक्ष ने मंत्री प्रमोद कुमार को फटकार लगा दी.विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जवाब में फैक्ट दें, यदि कोई संशय हो तो दोषी अधिकारियों को सजा दें.जांच कराइए.

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन में पूछा कि बिहटा सहित अन्य बंद पड़े चीनी मिलों की संपत्तियों को सरकार ने कम कम दामों पर कैसे बेच दिया. जवाब में मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बंद पड़े चीनी मिल स्क्रैप की एसबीआई बैंक के द्वारा नीलामी की गई है. इस जवाब से तेजस्वी संतुष्ट नहीं नजर आए. इसके बाद सदन में कहा कि कैसे लोगों को मंत्री बना दिया गया है. इसके बाद भाजपा के विधायक खड़े हो गए और हंगामा करने लगे.

वहीं नंदकिशोर यादव ने कहा कि तेजस्वी ने सदन का अपमान किया है.मंत्री कैसे बन गए, यह सवाल कैसे पूछ सकते हैं.उनको माफी मांगनी होगी.उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति हो तो बोलूं, आप मंत्रियों को ही बोलने के दौरान बैठा देते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.सत्ता पक्ष के मंत्रियों की ओर से आरोप लगने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सदन नियमवाली से चलेगी.सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, इस बात को अच्छी तरह से समझ लें.नियम से ही चलेगा सदन.


सदन की कार्यवाही के दौरान ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि जब सत्ता पक्ष के लोग कहें कि हम सदन नहीं चलने देंगे. ऐसा ही वाक्या आज बिहार विधानसभा में देखने को मिला जहां नेता प्रतिपक्ष के बयान के बाद सदन में हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के नेता जवाब देने में असहज महसूस करते दिखे. हालांकि सत्तापक्ष के लोग तेजस्वी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने पिता लालू प्रसाद से पूछना चाहिए कि उन्होंने कैसे-कैसे मंत्री बनवाये थे?राजद बताये कि पिछली विधानसभा में पहली बार विधायक बनने वाले आठवीं और इंटर पास लोगों को तीन-तीन विभागों का कैबिनेट मंत्री कैसे बनवाया गया था?

यहीं पर नहीं रूके उन्होंने कहा कि वे बतायें कि 1997 में उनकी पार्टी ने कई योग्य लोगों के रहते हुए एक ऐसी घरेलू महिला को मुख्यमंत्री क्यों बनवाया था, जो अधिकारियों की हिंदी-अंग्रेजी में लिखी फाइल को न पढ़ सकती थीं, न समझ सकती थीं? तेजस्वी यादव को शीशे घर में रह कर दूसरों पर पत्थरबाजी नहीं करनी चाहिए.

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