अधिग्रहण के घोषणा-पत्र के 47 वर्षों के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं

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अधिग्रहण के घोषणा-पत्र के 47 वर्षों के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं

आलोक कुमार  


पटना. तब राजीव नगर दीघा की उपजाऊं भूमि पर आलू, प्याज,टमाटर के साथ अन्य साग-सब्जी की खेती होती थी.मौसम के अनुसार भुट्टा (मकई) की भी खेती होती थी.दीघा हाट पर आलू, प्याज,टमाटर के साथ अन्य साग-सब्जी बिकती थी.यहां निर्यात किया जाता था.मौसम के अनुसार भुट्टा (मकई) की हाट लगती थी.दीघा की प्रसिद्ध भुट्टा के नाम पर भुट्टा फुटबाल टीम बनायी गयी थी.जो काल के गाल में दीघा हाट और भुट्टा हाट समा गयी. 

अब हरी साग- सब्जियों आयात करके दीघा हाट को  सब्जियों से सजायी जाती है.लोग मंहगी दर पर हरी साग- सब्जियों को इस्तेमाल किया जाता है. 
लिए बेहद जरूरी हैं. इनमें से कोई एक चीज तो लगभग हर भारतीय खाने में मौजूद रहती है. और हर साल भारतीय बाजार में इन तीनों में से किसी एक चीज के दाम बहुत बढ़ जाते हैं. बरसात के मौसम में भुट्टे का स्वाद दोगुना हो जाता है. हममें से ज्यादातर लोग स्वाद के लिए ही भुट्टा खाते हैं. हल्की आंच पर पकाया गया भुट्टा बहुत स्वादिष्ट लगता है. लोग इसे नींबू और मसाला लगाकर खाना पसंद करते हैं.अब बाहर से आने वाले भुट्टे पर निर्भर रहते हैं. 

बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा 1024•52 एकड़ भूमि अधिग्रहण  

दीघा थाना नंबर - 01 की 1024.52 एकड़ भूभाग का अधिग्रहण बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा किया गया.इसी के साथ शुरूआत हो गयी राजीव नगर दीघा की उपजाऊं भूमि पर इमारत बनाने का सिलसिला.दीघा के किसानों का पक्षधर 1974 में लालू प्रसाद यादव बने.छात्र नेता के रूप में लालू प्रसाद यादव ने मखदुमपुर में जनसभा किये.यहां पर आह्वान किया कि कांग्रेसी सरकार को हटाने के जेल भरो अभियान शुरू हो रहा है.इसमें आपलोग भाग ले.ओमप्रकाश,नंदलाल,राजेश,जौर्ज,सतीस आदि जेल गये.जेल जाने के बावजूद जेपी पेंशन न मिला.उसी तरह सत्ता परिवर्तन होने के बाद 1990 से 2005 तक मुख्यमंत्री पद पर रहने के बाद भी बिहार राज्य आवास बोर्ड से किसानों की खेतिहर भूमि को मुक्त नहीं करा सके. 

मुआवजे का भुगतान किसानों का नहीं 

बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा आज तक बिहार सरकार के द्वारा नहीं किया गया है.अधिग्रहण के घोषणा-पत्र के 47 वर्षों के बाद भी अब तक बिहार राज्य आवास बोर्ड के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 1984 के फैसले के बाद भी किसी भी निर्देश का अनुपालन नहीं किए गये.नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धारा 24 (2) में कहा गया है कि 'चाहे जो भी स्थिति रही हो कोई भी अधिग्रहण की प्रक्रिया 1894 अधीनस्थ से प्रारंभ की गई हो एवं धारा 11 के माध्यम से पंचाट भी बन गया हो लेकिन इस कानून के लागू होने के पाँच साल और अधिक पहले से न तो मुआवज़ा का भुगतान किया गया हो न उसपर दखल कब्जा हो ऐसा अधिग्रहण निरस्त माना जायेगा.वर्तमान समय में करीब दो लाख से अधिक वाशिंदे इस 1024.52 एकड़ भूमि पर निवास कर रहें हैं. 
 
एक कांग्रेसी नेता ने कहा 

राजनितिक पारी की शुरुआत दिसंबर 2009 में करने की सोच रहा था, इसी दौरान भारतीय युवक काँग्रेस द्वारा संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत हुई.फरवरी-मार्च 2010 में युवक काँग्रेस का सदस्यता अभियान में जुड़कर अगस्त 2010 में निर्वाचित दीघा विधानसभाध्यक्ष चुना गया.जुलाई 2011 में 1024•52 एकड़ भूभाग के वाशिंदे जो भाजपाई नेतागण के घर-घर घूमकर गुहार लगाते थे उनकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई. मेरे काफी प्रयास करने के बाद भी कोई ऐसा नेता सामने नहीं आए जो दीघा 1024•52 एकड़ भूमि के किसानों और वाशिंदे का नेतृत्व कर रहा हो, सभी अपनी डफली अपने राग अलाप रहे थे.इसी बीच मैंने 13 जुलाई 2011 को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर दीघा के किसानों व वाशिंदे के समर्थन में लड़ाई लड़ने की बात कहा. इसके बाद कुछ महीने तक मैराथन बैठक करने के बाद दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संघर्ष समिति को पुनर्स्थापित करते हुए सर्वसम्मति से स्वर्गीय मनोरंजन प्रसाद सिंह जी को अध्यक्ष चुना गया.मनोरंजन बाबू हमेशा से सामाजिक संदर्भ पर जोर देकर मुझे इस मुद्दे पर राजनितिक पक्षधरता से दूर रखा और मैं इन मुद्दे को राजनीति से दूर रखा. 

भूमि के किसानों और वाशिंदों का नेतृत्व करने वाला कोई नहीं  

लेकिन आज मुझे इन बातों पर आश्चर्य होता है कि आज फिर वही स्थिति उत्पन्न हो गई है, जब दीघा 1024•52 एकड़ भूमि के किसानों और वाशिंदों का नेतृत्व करने वाला कोई नहीं है. जो भी नेतागीरी कर रहें हैं, वे भाजपाई विधायक या सांसद के दलाल और ठेकेदार हैं, या फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आयोजित धार्मिक कार्यक्रम से अपना घर चला रहें हैं. 
लेकिन चुप बैठने की जरूरच नहीं है.  

दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संघर्ष समिति का धरना 

दीघा कृषि भूमि-आवास बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में दीघा आशियाना रोड स्थित घुड़दौड़ चौराहे के निकट दीघा के किसानों व वाशिंदे के समर्थन में धरना-प्रदर्शन का आयोजित किया गया. धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता श्रीनाथ सिंह जी ने की.  उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 22 अगस्त 1984 के निर्णय के अपरांत भी दीघा का अधिग्रहण प्रक्रियारत है तथा दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती अधिनियम 2010 संवैधानिक रूप से निरस्त हो चुका है.नगर विकास एवं आवास विभाग के विभागीय जन शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां अधिनियम को रद्द करने की सुनवाई चल रही है.बिहार राज्य आवास बोर्ड के लिखित पक्ष को खारिज करते हुए मांग किया गया है कि जब तक अधिनियम रद्द नहीं हो जाता तब तक इसे होल्ड पर डाल दिए जाए. उपाध्यक्ष विनय किशोर सिंह ने कहा की बिहार सरकार द्वारा अबतक 21 एकड़ किसानों के जमीन बिना मुआवज़ा के विभिन्न सरकारी संस्थानों को कब्जा दे दिए हैं वह अवैध दखल कब्जा है.बिहार सरकार को रैयतों को नए कानून 2013 के माध्यम से मुआवज़ा देने चाहिए. 

ठेकेदार एवं मजदूर का शोषण जिला प्रशासन द्वारा बदस्तूर जारी 

समिति के उपाध्यक्ष श्री राधे सिंह ने कहा कि 1024•52 एकड़ भूभाग गृह निर्माण में लगे ठेकेदार एवं मजदूर का शोषण जिला प्रशासन द्वारा बदस्तूर जारी है.धरना-प्रदर्शन का संचालन कर रहे प्रवक्ता श्री रमेश चंद्र सिंह जी ने कहा कि किसानों एवं वाशिंदों की उपस्थिति उत्साह वर्धक है. श्री राकेश कुमार मंटू जी ने कहा कि दीघा आशियाना रोड के पूर्व पश्चिम का भेद समाप्त हो गए हैं. 

11 अप्रैल 2021 काे मशाल जुलूस  

समिति के मीडिया प्रभारी श्री अशोक कुमार जी ने कहा कि दिनांक 11 अप्रैल 2021 काे होने वाला मशाल जुलूस के संपन्न होने के बाद बिहार सरकार को दीघा की समस्या के समाधान में साकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे.सह-प्रवक्ता श्री अमोद दत्ता जी ने आंदोलन को और तेज करने पर जोर दिए. बैठक में उपस्थित रामेश्वर प्रसाद सिंह, सुरेंद्र नाथ तिवारी, शालिग्राम सिंह, चंद्रशेखर, भाजपा नेता विनय सिंह, सी पी सिंह, नवल किशोर सिंह, जितेंद्र सिंह, शिव विलास सिंह, विजय प्रसाद सिंह, विकास वर्मा,विकास वर्मा, मनीष सिन्हा, सुदेय शर्मा  आदि ने संगठन के एकता पर बल दिए. 


बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तार 

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीतेंद्र नारायण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वह राजीव नगर थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ रोड स्थित बीएमपी 1 के निर्माण के लिए चिह्नित जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे थे.बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीतेंद्र नारायण सिंह को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. जीतेंद्र नारायण को राजीव नगर दीघा रोड स्थित एक होटल का मालिक बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार जीतेंद्र बिहार राज्य आवास बोर्ड के अधिग्रहण जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण करा रहे थे.गौरतलब है कि राजीव नगर थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ रोड स्थित बीएमपी 1 के निर्माण के लिए 30 एकड़ जमीन चिह्नित कर नापी की गई थी है. सोमवार को उस जमीन पर जीतेंद्र नारायण सिंह द्वारा अवैध निर्माण कराया जा रहा था. कार्यपालक अभियंता प्रकाश चंद्र राजू और राजीव नगर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है. बीते एक सप्ताह के अंदर आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वहीं, 12 से अधिक लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज है.

समिति के उपाध्यक्ष श्री राधे सिंह ने कहा कि 1024•52 एकड़ भूभाग गृह निर्माण में लगे ठेकेदार एवं मजदूर का शोषण जिला प्रशासन द्वारा बदस्तूर जारी है.धरना-प्रदर्शन का संचालन कर रहे प्रवक्ता श्री रमेश चंद्र सिंह जी ने कहा कि किसानों एवं वाशिंदों की उपस्थिति उत्साह वर्धक है. श्री राकेश कुमार मंटू जी ने कहा कि दीघा आशियाना रोड के पूर्व पश्चिम का भेद समाप्त हो गए हैं. 

11 अप्रैल 2021 काे मशाल जुलूस  

समिति के मीडिया प्रभारी श्री अशोक कुमार जी ने कहा कि दिनांक 11 अप्रैल 2021 काे होने वाला मशाल जुलूस के संपन्न होने के बाद बिहार सरकार को दीघा की समस्या के समाधान में साकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे.सह-प्रवक्ता श्री अमोद दत्ता जी ने आंदोलन को और तेज करने पर जोर दिए. बैठक में उपस्थित रामेश्वर प्रसाद सिंह, सुरेंद्र नाथ तिवारी, शालिग्राम सिंह, चंद्रशेखर, भाजपा नेता विनय सिंह, सी पी सिंह, नवल किशोर सिंह, जितेंद्र सिंह, शिव विलास सिंह, विजय प्रसाद सिंह, विकास वर्मा,विकास वर्मा, मनीष सिन्हा, सुदेय शर्मा  आदि ने संगठन के एकता पर बल दिए. 


बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गिरफ्तार 

बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीतेंद्र नारायण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वह राजीव नगर थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ रोड स्थित बीएमपी 1 के निर्माण के लिए चिह्नित जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे थे.बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जीतेंद्र नारायण सिंह को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. जीतेंद्र नारायण को राजीव नगर दीघा रोड स्थित एक होटल का मालिक बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार जीतेंद्र बिहार राज्य आवास बोर्ड के अधिग्रहण जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण करा रहे थे.गौरतलब है कि राजीव नगर थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ रोड स्थित बीएमपी 1 के निर्माण के लिए 30 एकड़ जमीन चिह्नित कर नापी की गई थी है. सोमवार को उस जमीन पर जीतेंद्र नारायण सिंह द्वारा अवैध निर्माण कराया जा रहा था. कार्यपालक अभियंता प्रकाश चंद्र राजू और राजीव नगर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है. बीते एक सप्ताह के अंदर आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वहीं, 12 से अधिक लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज है.

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