भाजपा सांसद बृजलाल के निशाने पर फिर मुलायम और अखिलेश

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भाजपा सांसद बृजलाल के निशाने पर फिर मुलायम और अखिलेश

यशोदा श्रीवास्तव 
सिद्धार्थनगर.यूपी के पूर्व डीजीपी व राज्यसभा सांसद वृजलाल ने राजनीति में आपराधीकरण के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि इस पार्टी की सरकार के लंबे समय तक मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिम और पिछड़ों का मसीहा बनने के नाम पर इस वर्ग के इलाकाई असरदार आपराधिक छवि के लोगों को न केवल खूब प्रश्रय दिया,उन्हें "माननीय"तक बनाया.यही काम मुख्यमंत्री रहते उनके पुत्र अखिलेश यादव ने भी किया. 

राज्यसभा सांसद के रूप में हाल ही मनोनीत यूपी के पूर्व डीजीपी वृजलाल पिछले दिनों तीन दिवसीय दौरे पर अपने गृह जनपद सिद्धार्थ नगर आए हुए थे.इस दौरान उन्होंने राजनीति के आपराधीकरण के विषय में इस संवाददाता से खुलकर बात की.उन्होंने कहा कि राजनीति का आपराधीकरण निश्चय ही किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए शुभ नहीं है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि यह रोग देश के कोने कोने तक व्यापत है और इससे मुक्ति पाना सरकारों के लिए बड़ी चुनौती है. लेकिन एक सुखद संकेत यह है कि भाजपा सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक रणनीतिक ढंग से काम कर रही है. 

उन्होंने इस दौरान यूपी के पश्चिमी हिस्से से लेकर पूर्वी हिस्से तक फैले अपराधी राजनीतिज्ञों का सिलसिलेवार ब्यौरा भी प्रस्तुत किया.कहा कि 

समाजवादी पार्टी सरकार के समय अखिलेश और मुलायम सिंह ने अपराधियों को खुलेआम संरक्षण दिया और राजनीति का अपराधीकरण करके शातिर अपराधियों को माननीय तक बना दिया.उत्तरप्रदेश के मफ़ियाओं मुख़्तार अंसारी, अतीक अहमद, डीपी यादव , कमलेश पाठक , अरुण शंकर शुक्ला(अन्ना,) उमाकांत यादव,ओमप्रकाश पासवान,मदन भैया सहित दर्जनों अपराधियों को अपनी पार्टी में लाकर सांसद, विधायक,एमएलसी, नगरनिगम का चेयरमैन बनाया.अपराधिक छवि के कइयों को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री भी बनाया. 

उन्होंने  कहा कि यूपी का बीरप्पन कहे जाने वाले चित्रकूट के शिव कुमार ददुआ के भाई बालकुमार पटेल को सांसद ,बेटे वीर सिंह , भतीजे राम सिंह पटेल को समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनाया. ददुआ यूपी और एमपी में 32 वर्ष तक सक्रिय रहा और 200 से अधिक हत्या तथा फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं को अंजाम दिया.उसके दुर्दान्ता की हद यह थी कि उसने ‘रामू का पुरवा’ थाना मऊ बाँदा में सामूहिक नरसंहार करके 10 लोगों की हत्या कर पूरे प्रदेश को दहला दिया था. 

  ऐसे इंटर- स्टेट गैंग लीडर के परिवार के सदस्यों को मुलायम सिंह यादव ने माननीय बनाया.उनकी योग्यता थी- शातिर ददुआ का भाई और भतीजा होना.ददुआ के बाहुबल से उसके परिवार के लोगों ने ज़िला पंचायत के पदों पर पूरे ज़िले में क़ब्ज़ा कर लिया.आतंक ऐसा था कि उसके आतंक प्रभावित इलाके में एमपी,एम एल ए,ब्लाक प्रमुख, जिलापंचायत अध्यक्ष आदि होने के लिए ददुआ का आशीर्वाद जरूरी होता था..ठेकेदार ददुआ को बिना चौथ दिए चित्रकूट और बाँदा में काम नहीं कर सकते थे.जंगल में ‘ तेंदू पत्ता’ के ठेकेदार करोड़ों में ददुआ को गुंडा टैक्स देते थे.सपा की नजर में इससे बड़ा योग्यता वाला कोई था ही नहीं , जो चुनाव जिताने की 100प्रतिशत गारंटी ले.बताने की जरूरत नहीं कि इसी दुर्दांत ददुआ के परिवार और चेले चपाटे सभी लोग समाजवादी बन गए.  यही ददुआ पुलिस अफसर रहते उनके कार्यकाल में जुलाई 2007 में अपने साथियों के साथ यूपी एसटीएफ़ से मुठभेड़ में खलाश हुआ. 

   चम्बल के बीहड़ों के डकैतों को समाजवादी पार्टी ने खुलेआम संरक्षण दिया.गैंग लीडर और चम्बल का बेताज बादशाह निर्भय गूजर ने टीवी न्यूज चैनलों पर बयान दिया था , कि उसने समाजवादी पार्टी के शीर्ष परिवार के लोगों को सोने- चाँदी के मुकुट पहनाए.निर्भय गूजर को संरक्षण देकर बीहड़ के वोट को अपनी पार्टी के पक्ष में धमकाकर मोड़ने की परंपरा थी.चुनाव में निर्भय का फ़रमान चलता था. 

बताने की जरूरत नही कि 90 के दशक में छविराम यादव,महाबीरा यादव, पोथी यादव, अनारसिंह यादव जैसे दुर्दांत डकैत गिरोहों को किसने संरक्षण दिया? इनका भी चुनावों में जमकर इस्तेमाल होता रहा.इस तरह कहना होगा कि समाजवादी पार्टी के मुखियाओं ने यूपी में राजनीति के अपराधीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और वो भी लुके- छिपे नहीं बल्कि डंके की चोट पर.

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