अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के घर छापा

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू के घर छापा

अपूर्व भारद्वाज  
आयकर विभाग अनुराग कश्यप और तापसी के घर पर छापा मार रहा है दोनो ने सुशांत केस में कंगना और इस सरकार का पुरजोर विरोध किया था अनुराग तो इस सरकार के काफी मुखर विरोधी रहे है वो इस सरकार नाक में दम किये रहते है. 

मैं अनुराग को उनकी फिल्मों के द्वारा ही जानता हूँ उनकी फिल्में काले सफेद में नही होती है. वो सदा सत्य का ग्रे शेड दिखाते है .सुशांत केस में भी उन्होंने यही किया. सुशान्त की मौत के बाद अनुराग चाहते तो चुप चाप बैठ सकते थे क्योंकि वो जानते थे कि लगातार सरकार का विरोध करने की वजह से राडार पर है.  लेकिन वो लगातार इस पर मीडिया, सरकार और कँगना के दोगलेपन को उजागर करते रहे और अपनी फिल्मो की तरह बिलकुल ग्रे नायक की तरह लड़ाई लड़ते रहे . 
मुझसे मेरे एक बहुत वरिष्ठ मित्र बोलते है कि अनुराग सरकार की छोटी सी गलती को भी बहुत बड़ा बताते है वो अतिरंजित आलोचक है अपनी प्रतिभा का सदुपयोग नही कर रहे हों वो इस सरकार पर ज़्यादती कर रहे है... 

मैंने बोला कि जिस भारत मे सरे आम जासूसी की जा रही हो,बेटियां दिन दहाड़े जलाए जा रही हो,आधी रात में सरकारे बन रही हो,नोटबंदी,महंगाई बिना पूछे थोपी जा रही हो, शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार को छोड़कर युवाओं धर्म की अफीम खिलाये जा रही है वँहा कौन ज्यादती कर रहा है मुझे जरूर बताईयेगा ??? 

मैंने बोला मित्र ज्यादती जब होती है जब सरकार का मुखिया सरे आम झूठ बोलता है. देश को लाइन में खड़ा कर खुद उद्योगपति को कंधा देकर उसके सहारे खडा हो जाता है जो कोरोना काल में देश को भगवान के भरोसे छोड़ देता है. जो खुद दिन रात किसानों और लोकतंत्र का नाम जपता है लेकिन किसानों के लिए काला कानून लोकतंत्र की हत्या करके बनाता है देश की जनता जब सवाल पूछती है तब धर्म की चरस बो जाता है . 

सच में बहुत हिम्मत का काम किया अनुराग ने. इतना सच बेबाकी से बोलना बड़ी बात है. इसका कितना असर होगा.. 
मैं नही जानता क्योकि डरा हुआ आदमी वो लाश बन जाता है जिसे कुछ फ़र्क नहीं पड़ता कौन क्या कह रहा है .क्या कर रहा है लेकिन मुझे विश्वास है कि इस देश के बहुत से लोग अभी भी कायर नही हूए है. उनकी बहादुरी और जमीर अभी भी अनुराग कश्यप की तरह जिंदा है . 

सरदार पूर्ण सिंह ने अपने निबंध 'सच्ची वीरता' में लिखा है कि वीरता भी छूत की बीमारी है. एक से दूसरे में तेजी से फैलती है तो दोस्तो कोरोना को हटाइये और इस वीरता को फैलाइये और सरकार से सवाल पूछने का साहस जुटाइये क्योंकि इक़बाल अज़ीम साहब ने फरमाया है. 

झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर  
सर इतना मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े  
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :