इसी मौसम में टेसू के फूल खिलते हैं

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इसी मौसम में टेसू के फूल खिलते हैं

डा शारिक़ अहमद ख़ान 
दिव्य औषधि टेसू के फूल.इसी मौसम में टेसू के फूल खिलते हैं.पुराने दौर में जब रासायनिक रंग नहीं हुआ करते थे तो होली नेचुरल रंगों से ही खेली जाती.टेसू के फूलों से बने रंगों का तब ख़ूब चलन था.टेसू के फूल महज़ रंग के लिए ही इस्तेमाल नहीं होते थे,दवा के तौर पर भी इस्तेमाल होते थे,दवा के रूप में इसके इस्तेमाल का पता हमें कल रात से पहले नहीं था. 
दरअसल,परसों सुबह कसरत करते समय ग़लत स्टेप पड़ गया,तब से एक पैर की पिंडली में दर्द था,मसल्स पेन,बहुत तेज़ नहीं,पैदल चलने पर हल्का सा था.अंग्रेज़ी दवा हम जल्दी खाते नहीं,दूसरों को खिलाते हैं,लिहाज़ा नहीं खायी.दर्द में ही चलते रहे,कल और आज सुबह सैर भी हस्बे-मामूल की.कल रात मेरी ख़ाला मतलब मौसी के बेटे का फ़ोन आया,वो हमसे उम्र में बड़े हैं और प्रसिद्ध वकील हैं.बातचीत के दौरान हाल पूछने पर हमने यूँ हीं उन्हें एक पैर में दर्द के बारे में बताया.उन्होंने कहा कि किसी दवा की ज़रूरत नहीं,जानते ही हो कि हम फ़ुटबाल कितना खेलते हैं,बचपन से खेलते आए और अब भी रोज़ खेलते हैं. 
लिहाज़ा गिरते-पड़ते रहते हैं,मसल्स और नसों में गेम इंजरी होती है,फिर वकील बनने के बाद कोर्ट में बहस के दौरान हमें खड़ा रहना पड़ता है.परिसर में चलना फिरना भी पड़ता है,तब भी हमने फ़ुटबाल खेलना नहीं छोड़ा,गिरते-पड़ते हैं,चोट लगती है,दर्द होता है तो उसकी दवा मेरे पास है,वो ये कि जब टेसू के फूलों का मौसम होता है तो ताज़े फूलों को या जब मौसम नहीं होता तो टेसू के सूखे फूलों को दस मुट्ठी लेकर और उसे उबालकर मय फूल उबले पानी को गुनगुने बाथ टब के पानी में डाल दिया जाए,फिर बाथ टब में दस-पंद्रह मिनट लेटा जाए.गेम इंजरी से त्वरित राहत मिल जाएगी.लिहाज़ा आज सुबह हमने टेसू के फूल तोड़वाकर मंगवाए,वजह कि हमारे घर टेसू का पेड़ नहीं है,उन फूलों को बतायी विधि से सुबह नहाते समय बाथ टब में डालकर इस्तेमाल किया.बाथ टब से बाहर आए तो दर्द छूमंतर हो चुका था,बिल्कुल ग़ायब.आप लोग भी गेम इंजरी होने पर ये नुस्ख़ा इस्तेमाल कर सकते हैं.

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