लखनऊ. खबर मिली है कि रोजगार के अधिकार के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाले युवा मंच के संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह व अमरेन्द्र सिंह को प्रयागराज जिला प्रशासन ने नैनी केन्द्रीय जेल भेज दिया है. गौरतलब है कि रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, देश में खाली पड़े 24 लाख पदों पर भर्ती चालू करने, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पीईटी की व्यवस्था पर रोक लगाने और 6 माह में रिक्त पदों को भरने जैसे सवालों पर आज हजारों की संख्या में छात्र व छात्राएं युवा मंच के बैनर तले प्रयागराज की सड़कों पर उतर पड़े. युवा मंच ने आज के प्रदर्शन को बालसन चैराहे पर आयोजित करने के लिए पहले से ही जिला प्रशासन को सूचित किया था.
आज अंतिम समय प्रशासन ने इस कार्यक्रम को पत्थर गिरजाघर सिविल लाइंस स्थित घरना स्थल पर करने के लिए कहा जिसे स्वीकार कर छात्र शांतिपूर्ण ढंग से प्रशासन द्वारा नियत किए गए घरना स्थल पर अपना घरना देने चले गए. वहां प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर घरना देने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने छात्र-छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा और युवा मंच के नेताओं समेत छात्राओं व युवाओं को गिरफ्तार किया. आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रयागराज प्रशासन की इस दमनात्मक कार्यवाही की कड़ी आलोचना की है.
आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एसआर दारापुरी ने पूरे प्रदेश के युवाओं व युवा संगठनों से अपील की है कि योगी सरकार द्वारा छात्रों नौजवानों के साथ की गई इस तानाशाही पूर्ण दमनात्मक कार्यवाही के विरूद्ध और जेल भेजे गए युवा मंच के संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह व अमरेन्द्र सिंह की बिना शर्त रिहाई के लिए पूरे प्रदेश में अपना प्रतिवाद दर्ज कराए और मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजे. उन्होंने कहा कि दरअसल प्रदेश में योगी सरकार द्वारा रोजगाार के आए दिन दिए जा रहे फर्जी आंकड़ों की हकीकत खुलने से यह सरकार बौखलाई हुई है और इसीलिए छात्रों नौजवानों पर बर्बर दमन ढा रही है. लेकिन उसके दमन से नौजवानों का रोजगार के अधिकार के लिए जारी आंदोलन दबेगा नहीं बल्कि और विस्तार लेगा.
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