आलोक कुमार
पटना.सरकार द्वारा बजट पेश करने से पहले विधानसभा में विरोध-प्रदर्शन का भी सिलसिला लगातार जारी है. विधानसभा के मुख्य द्वार पर जहां विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी, प्रश्नपत्र लीक जैसे कई मामलों पर प्रदर्शन कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी विरोध का अनोखा तरीका निकाला है.
कृषि बिल के विरोध एवं किसान आंदोलन को लेकर राज्य सरकार को लगातार घेर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को अपने आवास से बिहार विधानसभा ट्रैक्टर से पहुंचे. वे खुद ड्राइव कर रहे थे और विधानसभा परिसर भी ट्रैक्टर चलाकर ही प्रवेश करना चाहते थे. हालांकि उन्हें नियमों का हवाला देते हुए रोक दिया गया.जिसके बाद वे ट्रैक्टर से उतरे और सदन में चले गए.
कृषि कानून का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है.किसानों की बात अगर नहीं सुनी जाएगी तो ये कहीं न कहीं नाइंसाफी है. एपीएमसी कानून में संशोधन करना चाहिए. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार के किसान कमजोर हो रहे हैं, एमएसपी रेट के आधे कीमत से भी कम में धान खरीद हो रही है.यह सरकार किसान विरोधी है.सरकार बताए कि एपीएमसी मंडी व्यवस्था और बाजार समिति खत्म की गई उसका क्या असर पड़ा.
उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई कम करने की बात कहकर सत्ता में आई थी, लेकिन महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई है.आज पेट्रोल-डीजल की कीमत आसमान छू रही है.उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पूछा कि वो पेट्रोल-डीज़ल के दाम पर चुप क्यों हैं, उनको इस पर बयान देना चाहिए.
गौरतलब है कि चल रहे बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले दिन से ही सरकार को घेर रहे हैं.उन्होंने बिहार बोर्ड के मैट्रिक की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मुद्दा सदन में उठाया था. तेजस्वी के सवाल उठाने के बाद हीं सीएम नीतीश ने कार्रवाई का आदेश दिया, जिसके बाद सोशल साइंस की पहली पाली की परीक्षा रद्द कर दी गयी थी.
इस बीच बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. बातौर वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने विधानसभा में पहला बजट (Bihar Budget 2021-22 ) पेश किया. बिहार में 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ का बजट पेश किया गया है. बजट पेश करते हुए तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि ये बजट सर्वांगीण विकास का बजट है. सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार का वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोरोना संकट के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार समेत सात निश्चय पार्ट-2 के जरिए आत्मनिर्भर बिहार पर फोकस रहेगा. बजट में सात निश्चय योजना के लिए 4671 करोड़ सात निश्चय पार्ट-2 के लिए प्रस्तावित किए गए हैं।
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नीतीश सरकार निश्चय के तहत लगातार काम कर रही है. हर घर को नल जल योजना का फायदा दिया जा रहा है. राज्य में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. वहीं आर्थिक पैकेज से फायदा हुआ है. सभी 38 जिले ओडीएफ घोषित किए गए. अनुमंडलों में एएनएम संस्थान खोले गए. 12 जिलों में पारा मेडिकल खोले गए,तीन नये मेडिकल कॉलेज बनाने का काम चल रहा है.
बिहार विधानसभा में सोमवार को उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने बजट पेश किया. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बजट को पूरी तरह फेल बताया है. मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार सरकार का बजट पूरी तरह फेल है. यह सिर्फ झूठ का पुलिंदा है.
* बिहार बजट में सिर्फ़ घोषणाएँ हैं, वही घोषणाएँ हैं जो पिछले बजट में भी थे, वही योजनाएँ, वही आवंटन! मतलब साफ है कि काम कुछ होता नहीं, हर वर्ष उसी बजट को पुनः दोहरा दिया जाता है!
* 20 लाख रोजगार सृजन का झूठा ढोल सत्तारूढ़ दलों ने बिहार चुनाव में खूब बजाया। अब जब किसी तरह सत्ता में बैठ गए हैं तो सरकार 20 लाख रोजगार सृजन का ब्लूप्रिंट बिहार की जनता के सामने रखे.
* बिहार सरकार ने बजट नहीं, जनता का मज़ाक उड़ाने वाला झूठ का पुलिंदा पेश किया है.
* पिछले 5 बजट से मुख्यमंत्री लगातार एक खेल स्टेडियम बनवाने की घोषणा कर रहे हैं, पर खेल स्टेडियम है कि घोषणा से बाहर आता ही नहीं है.
* मुख्यमंत्री का 7 निश्चय पार्ट 1 तो पूरा हो नहीं पाया, और आधा होने के क्रम में ही भ्रष्टाचार, लीकेज और कमीशनखोरी का पर्याय बन गया है, जिसमें नल जल योजना तो अपने आप में भ्रष्टाचार की एक गाथा बन गया है, पर मुख्यमंत्री 7 निश्चय पार्ट 1 पूरा किए बिना 7 निश्चय पार्ट 2 की बात करके सबको भ्रमित करने लगे हैं.
* बजट में ना बंद पड़े चीनी मिलों का ज़िक्र हुआ, ना फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स का हुआ। ना ही नई औधोगिक इकाई स्थापित करने का ज़िक्र हुआ.
* पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई, जो आम आदमी को सीधे प्रभावित करते हैं, उसका ज़िक्र भी इस बजट में नदारद रहा.
तेजस्वी ने आरोप लगाया था कि सीएम नीतीश को बिहार की चिंता नहीं है. उनको अपनी कुर्सी की चिंता है. लेकिन विपक्ष पूरी मजबूती के साथ बिहार समस्या और जनता की आवाज को विधानसभा में उठाने का काम करेगा. वहीं, हम उम्मीद करेंगे कि सरकार में अगर कुछ शर्म बाकी हो तो वो कार्रवाई करें.
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