साल भर बाद फिर पहाड़ की तरफ

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

साल भर बाद फिर पहाड़ की तरफ

शैलेंद्र प्रताप सिंह  
कल ( बीस फ़रवरी  )  की  प्रात: दिल्ली एयरपोर्ट पर , स्वदेश की धरती पर , कदम रखा . क़रीब ३३५ दिन बाद वतन वापसी हुई . बहुत अच्छा लगा . कोविड टेस्ट कराकर निगेटिव रिपोर्ट लेकर चला . यात्रा भर मास्क और चेहरे पर प्लास्टिक सीट लगी रही . लम्बी और थकान भरी यात्रा पर आते ही दिन भर नींद ग़ायब रही . बेटे और भांजे ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया . दिन में घर परिवार यार दोस्तों से मिलन होता रहा , जो देर रात तक जारी रहा . देर रात रात्रिभोज बारबेक्यू नेशन नोयडा में हुआ . आज भतीजे के यहां लंच में कलिया और रात्रि में मित्र श्री कल्याण सिंह ( पुराने साथी और फ़ेस बुक के बहुत सक्रिया मित्र ) के यहाँ कौशांबी में हांडी मीट की दावात है . कल यानी २२ की सुबह इंदिरापुरम ग़ाज़ियाबाद से मुज़फ़्फ़रनगर होते हुये भवाली के लिये प्रस्थान करूँगा . दिल्ली में ठंड ग़ायब मिली . सुबह कोहरा मिला पर दिन में आँखों और चेहरे पर  प्रदूषण का असर दिखा. देर शाम तक  ciplox  की ज़रूरत महसूस हुई .  
       तस्मानिया द्वीप , छोटा सा बहुत ही सुंदर  , साफ़ सुथरी हवाओं वाला  द्वीप , जहां थोड़े से लोग , भारत की तुलना में जातीय श्रेष्ठता से क़रीब क़रीब दूर , कुछ भारतीय लोग भी , भारतीय रेस्ट्रा भी . खूब घूमा , खूब लुत्फ आया . हमारे देश जैसे सामाजिकता , घरों में अचानक आ धमकने , और अधिकार के साथ आपसी मेज़ जोल वाला माहौल वहाँ नहीं है और यह जीवन मुझे खटकता रहा , एक अभाव सा लगा . बच्चो के थोड़े से यार दोस्त जरूर इस कमी को दूर करते रहे . आपस में खूब मिलना जुलना , खाना पीना होता था . आने के क़रीब एक हफ़्ते पहले से बच्चों के दोस्तों ने खूब बिदाई पार्टी दी , खूब मज़ा रही . बहुत बहुत शुक्रिया प्रिया जी , किरन जी , एकता जी , बाला जी , सुरेश और अरुणा जी , गौरी और अमित जी . आप सबको मेरा प्यार , मेरी दुआयें , हार्दिक शुभकामनाएँ . तस्मानिया और आप सबका प्यार ओर खुलूस मुझे खूब याद आ रहा है और याद ंाता रहेगा .                  
   बेटी दामाद ने भी एक भारतीय रेस्ट्रा में दोस्तों संग बिदाई पार्टी आयोजित की . क़रीब क़रीब पूरे साल हरदम कहीं न कहीं घुमाते रहे , मेरी इस यात्रा को यादगार बनाते रहे . दोनों बच्चों को विशेष प्यार और दुआयें . जिंदगी मे अम्मा और बिटिया विदा होते वक्त मुझे कमजोर बनाती रही है . बिटिया से विदा लेते या विदा करते वक्त बहुत थामता हूँ कि आंसू न निकलने पाये , मेरे नियंत्रण में रहे पर उस वक्त ज़रूर और बाद में भी वक्त बेवक्त याद आने पर वे बेवफ़ा हो जाते हैं , साथ छोड़ देते है .  
       पत्नी अभी वहीं है , उनकी तवियत में वहाँ सुधार है , सो जब तक आस्ट्रेलियाई सरकार अनुमति समाप्त नहीं करती , वह वहीं रहना चाहती है . मेरा भवाली , मेरा वतन , मेरे अज़ीज़ों ने मुझे वतन वापस आने पर मजबूर कर दिया . उम्मीद है आप सबके बीच , घर परिवार के बीच सब अच्छा रहेगा . 
  यहां इंदिरा पुरम में शिप्रा माल के पास बेटे का एक आपर्टमेंट है , बहुत दिनों बाद मुझे भी इस बार अपने घर में रुकने का मौक़ा मिला .लेखक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहे है और भवाली में रहते हैं . 
 

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