नड्डा की केरल यात्रा आज से,शिप्रा दीक्षित शुक्ल की रपट

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

नड्डा की केरल यात्रा आज से,शिप्रा दीक्षित शुक्ल की रपट

तिरुअनंतपुरम .पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी के साथ इस साल केरल में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए भाजपा पूरी तरह से तैयारियों में जुट गई है. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार से केरल का दो दिवसीय दौरा आरंभ करेंगे और इस दौरान वह पार्टी संगठन को मजबूत करने की दृष्टि से आयोजित कई बैठकों व कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. 

देश के कोने में बसे इस दक्षिणी राज्य में चुनाव से पहले अपनी जमीनी स्थिति मजबूत करने के लिए बीजेपी काफी सक्रिय है. केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं. यहां सी पी एम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार है. सरकार बनाने के लिए है 71 सीटों की जरूरत होती है. केरल में लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं और 20 प्रतिशत हैं ईसाई. जाहिर है धार्मिक धु्वीकरण भाजपा की राजनीति का रुख तय करेगा और  भाजपा ने इसको ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. पिछले विधानसभा चुनाव में LDF को 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 47 सीटें मिली थीं. केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री पिनारई विजयन हैं.  हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केरल का दौरा किया था. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के कलपेट्टा इलाके में आयोजित यूडीएफ के सम्मलेन को भी संबोधित किया था.

केरल में भारतीय जनता पार्टी  अपनी मूल बहुसंख्यक तुष्टिकरण राजनीति के साथ साथ अल्पसंख्यक कार्ड का भी इस्तेमाल कर रही है और स्थानीय निकाय चुनाव में भारी मात्रा में अल्पसंख्यकों को टिकट दिया था और अंशत: कामयाब भी रही.  क्या पार्टी विधानसभा चुनाव में बड़ा दांव खेल सकती है ?  गौरतलब है कि केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद से हर एक चुनाव में भाजपा का राजनीतिक स्तर केरल में बढ़ा है. राज्य में भले ही कोई सांसद और विधायक न हो, लेकिन वोट फीसद 15 के करीब पहुंच गया है.

आगे यू ट्यूब पर सुने .लिंक 

https://youtu.be/3NI7_uJf5Yw


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :