डीएम साहब ,हम तेजस्वी यादव बोल रहे हैं !

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डीएम साहब ,हम तेजस्वी यादव बोल रहे हैं !

आलोक कुमार 

पटना.आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का दम दिखा.यह कहना है अजीत कुमार भारद्वाज का.कहते हैं कि दम तो है बंदे में है,अगर किसी तरह का छल प्रपंच न हुआ होता तो आज वे ही मुख्यमंत्री होते. रेशमी शर्मा कहती हैं कि सुशासन बाबू का असर आ गया है डीएम साहब पर!जब तक पता नहीं था कि नेता प्रतिपक्ष कॉल पर हैं तो आवाज़ हद से ज़्यादा ऊँची थीऔर जब उन्हे मालूम चला तो आवाज़ कोयल से भी मधुर हो गयी.

शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच से ही तेजस्वी ने पटना के डीएम को फोन लगाया. उन्हें भी आंदोलनकारियों के साथ हुए वाकये की पूरी जानकारी दी और कहा कि उनलोगों को धरना देने की इजाजत दी जानी चाहिये. लेकिन पटना के डीएम ये सही से समझ नहीं पाये कि उनकी बात किससे हो रही है. तेजस्वी ने उनसे कहा कि वे धरना देने का आवेदन उनके व्हाट्सएप पर भिजवा रहे हैं वे धरना की अनुमति दे दें. डीएम साहब रौब में बोले-अरे पहले भेजिये न तब देखेंगे. सैकड़ों लोगों के बीच लाउडस्पीकर ऑन कर मोबाइल पर हो रही बातचीत के दौरान डीएम के तेवर देख कर तेजस्वी भी हैरान रह गये. डीएम के तेवर देख उन्हें जोर देकर ये बोलना पड़ा कि वे तेजस्वी यादव बोल रहे हैं. तब जाकर पटना डीएम हडबड़ाये. तेवर डाउन हुआ और फिर बोले-जी सर, भेजिये न देख लेते हैं.

बिहार सरकार के द्वारा गर्दनीबाग में धरना स्थल घोषित किया गया है.कल रात्रि में इतनी ठंड में आंदोलनरत शिक्षक अभ्यर्थियों पर मुख्यमंत्री जी ने लाठीचार्ज करा उनकी रसोई और पंडाल को उखाड़ दिया था.कुछ को गिरफ़्तार किया था जिन्हें हमने रात में छुड़वाया. आज प्रशासन ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर उन्हें धरने की अनुमति नहीं दी जिसके चलते सभी अभ्यर्थी टिकट लेकर इको पार्क पहुंच गए.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या स्वीकृत धरना स्थल पर प्रदर्शन करना आंदोलनकारियों का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है?आखिर सरकार कैसे उन्हें अनुमति नहीं दे सकती?प्रशासन कैसे निर्दोष युवाओं,महिलाओं और दिव्यांगों पर लाठीचार्ज करा सकता है?हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद क्यों 94000अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा?शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी अपने घर में क्यों दुबके बैठे है?दो-दो उपमुख्यमंत्री और सीएम 94000 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर क्यों नहीं बोल रहे है? 


तेजस्वी ने कहा कि पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई, सुनवाई और कारवाई के संदर्भ में किए वायदे पर नेता प्रतिपक्ष आज भी कायम हैं, कृतसंकल्पित हैं और प्रतिबद्ध है.दस लाख नौकरी बिहारी युवाओं का अधिकार है और इसे हासिल करने के लिए सड़क से संसद तक आंदोलन जारी रहेगा.उन्होंने कहा कि स्वीकृत धरना स्थल गर्दनीबाग में शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन करना आंदोलनकारियों का लोकतांत्रिक अधिकार है. सरकार कैसे उन्हें अनुमति नहीं दे सकती? प्रशासन कैसे निर्दोष युवाओं, महिलाओं और दिव्यांगों पर लाठीचार्ज कर सकता है? नीतीश सरकार की यह हिटलरशाही हम चलने नहीं देंगे. मैं बिहार के युवाओं को नौकरी देने के लिए कटिबद्ध हूँ.

आंदोलनकारी नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री तो खुद अलोकतांत्रिक तरीके से पद पर बने हुए हैं. न एमएलए न ही एमएलसी हैं. फिर संविधान के प्रावधान पर टिके किस हैं.और बाकी के दो उपमुख्यमंत्री तो सिर्फ कठपुतली है. आपको फिर से आभार की जो आपने चुनाव में वादा किया था उस पर कायम है.


अभी शाम को वहाँ पहुँचे और मुख्य सचिव, डीजीपी और डीएम से बात कर अनुमति मिलने के बाद रात्रि में पैदल मार्च कर उन्हें दोबारा धरना स्थल पर पहुँचा कर आया.तेजस्वी यादव ने कहा कि डीजीपी से भी बात कर आंदोलनकारियों के साथ हुए पुलिसिया जुल्म पर नाराजगी जतायी. उन्हें डीजीपी को भी कहा कि वे आंदोलनकारियों को धरना देने की इजाजत दिलवायें. मुलाक़ात में अधिकारियों से बात कर गिरफ़्तार आंदोलनकारी नेताओं को छोड़ने, केस वापस लेने और प्रदर्शनकारियों को वापस धरना स्थल भेजने का आश्वासन मिला है.अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं स्वयं धरना स्थल जाऊँगा.सरकार कब तक बेरोजगारों को सड़क पर रख लाठीचार्ज करती रहेगी? 


शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच से ही तेजस्वी यादव ने सूबे के मुख्य सचिव दीपक कुमार को फोन लगाया. लाउडस्पीकर ऑन था और तेजस्वी मुख्य सचिव से बात कर रहे थे. तेजस्वी ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करना किसी का भी अधिकार है. लेकिन शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठी-गोली चलायी जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य सचिव को कहा कि या तो आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने की इजाजत दी जाये वर्ना वे भी ईको पार्क में ही धरना पर बैठ जायेंगे.

गोविंदा सिंह ने कहा कि अगर मीडिया उम्मीदवारों की मदद करेगा, तो काउंसलिंग और जॉइनिंग शेड्यूल तुरंत जारी किया जाएगा.कृपया उम्मीदवारों के भविष्य को उज्जवल करने में मदद करें.वे पिछले 2 वर्षों से मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं। उनके लिए आशा की किरण बनें.


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