भारत 107 देशों में 94वें पायदान पर

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भारत 107 देशों में 94वें पायदान पर

आलोक कुमार

पटना.ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत जानकारी दिया जाता है. इस इंडेक्स में यह देखा जाता है कि लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है तथा उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं.अब तक भारत की रैंकिंग भारत साल 2014 में 55वें स्थान पर था.2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 202वें स्थान पर रहा था.  ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2020 में कुल 107 देशों को शामिल किया गया जिसमें भारत 94वें पायदान पर है.ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 की रिपोर्ट जारी हो गई है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग सुधरी है, लेकिन अब भी भारत कई पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है. इन देशों में नेपाल, श्रीलंका, म्यामांर, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं. भारत 107 देशों की लिस्ट में 94 पायदान पर आया है. सिर्फ 13 देश ही ऐसे हैं जिनसे भारत आगे हैं. ये देश हैं- रवांडा, नाइजीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया, मोजाम्बिक और चाड .ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 27.2 स्कोर के साथ भारत में भूख के मामले में स्थिति 'गंभीर' है. रिपोर्ट की मानें, तो भारत की करीब 14% जनसंख्या कुपोषण का शिकार है.

भारत कई सारे पड़ोसी देशों से भी पीछे चल रहा है. इन देशों में नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग कुछ सुधरी है, लेकिन अब भी भारत कई पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है.

सिर्फ 13 देश ऐसे हैं जो हंगर इंडेक्स में भारत से पीछे

रिपोर्ट के अनुसार केवल 13 देश ऐसे हैं जो हंगर इंडेक्स में भारत से पीछे हैं. इनमें रवांडा (97), नाइजीरिया (98), अफगानिस्तान (99), लीबिया (102), मोजाम्बिक (103), चाड (107) जैसे देश शामिल हैं.



हंगर इंडेक्स 2020 में इंडोनेशिया 70वें, नेपाल 73वें, बांग्लादेश 75वें और पाकिस्तान 88 वें स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार, भुखमरी के लिहाज से एशिया में भारत की स्थिति अपने कई पड़ोसी देशों से खराब है. भारत का स्कोर इसमें  27.2 है जबकि पाकिस्तान का 24.6, बांग्लादेश का 20.4 और नेपाल का 19.5 स्कोर है.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की करीब 14% जनसंख्या कुपोषण का शिकार है. भारत में बच्चों में कुपोषण की स्थिति भयावह है. ग्‍लोबल हंगर इंडेक्‍स किसी देश में कुपोषित बच्‍चों के अनुपात, पांच साल से कम उम्र वाले बच्‍चे जिनका वजन या लंबाई उम्र के हिसाब से कम है और पांच साल से कम उम्र वाले बच्‍चों में मृत्‍यु दर के आधार पर तैयार की जाती है.


भारत की रैंकिंग 2015 से अब तक: एक नजर में

भारत साल 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 102वें स्थान पर रहा था. रिकॉर्ड दिखाते हैं कि भुखमरी को लेकर भारत में संकट बरकरार है.


ग्लोबल हंगर इंडेक्स ने भूख की स्थिति के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है.इस रिपोर्ट में भूख की स्थिति के आधार पर देशों को 0 से 100 अंक दिए गए हैं.इस रिपोर्ट में 0 अंक सबसे अच्छा और भूख की स्थिति नहीं होना है. रिपोर्ट में 10 से कम अंक का मतलब है कि देश में भूख की बहुत कम समस्या है.इसी प्रकार से रिपोर्ट में 20 से 34.9 अंक का मतलब भूख का गंभीर संकट है. रिपोर्ट में 35 से 49.9 अंक का मतलब हालत बहुत ही चुनौतीपूर्ण है और 50 या इससे ज्यादा अंक का मतलब है कि देश में भूख की बहुत ही भयावह स्थिति है.इस रिपोर्ट में भारत को 30.3 अंक मिले हैं.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में विश्व के भिन्न-भिन्न देशों में खानपान की स्थिति का विस्तृत जानकारी दिया जाता है. इस इंडेक्स में यह देखा जाता है कि लोगों को किस तरह का खाद्य पदार्थ मिल रहा है तथा उसकी गुणवत्ता और मात्रा कितनी है और उसमें कमियां क्या हैं.इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ की शुरुआत साल 2006 में की थी.वेल्ट हंगरलाइफ नाम के एक जर्मन संस्था ने साल 2006 में पहली बार ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ जारी किया था.


- इस रिपोर्ट में बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत टॉप पर मौजूद हैं  

- देश में 20.8 प्रतिशत बच्चों का पूर्ण शारीरिक विकास नहीं हो पाता, इसकी सबसे बड़ी मुख्य ‘कुपोषण’ है

- भारत इस रिपोर्ट में ब्रिक्स देशों में भी सबसे नीचे स्थान पर है, नेपाल से भी पीछे है हमारा स्थान 

- इस सूची में दक्षिण अफ्रीका 59वें स्थान पर है और चीन ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 25वें स्थान पर है 

- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में छह से 23 महीने की उम्र के सभी बच्चों में से केवल 9.6 फीसदी को न्यूनतम जरूरी आहार दिया जाता है.


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