पत्रकार पर भड़के नीतीश कुमार

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पत्रकार पर भड़के नीतीश कुमार

आलोक कुमार 

पटना.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छोटी-छोटी बातों पर भड़क जा रहे हैं, विधानसभा चुनाव के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए भड़क जाते थे, अब तो पत्रकारों के सावलों पर भी भड़क जा रहे हैं. दरअसल, इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह मर्डर के बाद बिहार की सियासत चरम पर है. विपक्ष लगातार लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठा रहा है. कानून व्यवस्था पर सवाल पूछने पर नीतीश कुमार आपा खो दे रहे हैं और उल्टे पत्रकारों से ही सवाल पूछ दे रहे हैं.

शुक्रवार को आर ब्लॉक दीघा सीएम नीतीश कुमार पटना में अटल पथ का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इसी दौरान पत्रकारों ने लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल पूछा दिए. सवाल सुनते ही नीतीश कुमार भड़क गए और पत्रकारों से ही सवाल पूछने लगे. एनडी टीवी के मनीष कुमार के सवाल पर सीएम तिलमिला गये.कहे कि समर्थन करते हैं? आप किसके समर्थक है? मैं  आपसे पूछ रहा हूँ.तो क्या बिहार में पत्रकारिता करने के लिए नीतीश कुमार या भाजपा समर्थक होना आवश्यक है?नीतीश कुमार कहते है जाकर विपक्ष से पूछो, पता करो आज से 50-100 वर्ष पहले क्या होता था? 

इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह  की हत्या   के 4 दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अभी तक अपराधियों का कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है. बिहार में कानून-व्यवस्था और रूपेश हत्याकांड को लेकर नीतीश कुमार से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया से सवाल-जवाब करते हुए कहा कि बिहार में सब कुछ ठीक है और मीडिया  को इस तरह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. अपराध करेंगे तो नहीं बचेंगे.  मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को यह भी कहा कि जंगलराज का वक्त याद कर लीजिए. 2005 के पहले क्या होता था? वे काफी देर तक के पत्रकारों से ही बहस करते रहे.


नीतीश कुमार ने मीडिया को कहा कि विपक्ष की भाषा ना बोलें. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आपको किसी अपराध के बारे में जानकारी मिलती है तो सीधा हमें बताएं.पत्रकारों ने पूछा कि आखिर वह सूचना दें तो किसे दें. नीतीश कुमार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जानकारी सीधे बिहार के डीजीपी को दीजिए. तब पत्रकारों ने यह आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी फोन नहीं उठातें. ऐसा सुनते ही नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन लगा दिया. जब उनका फोन डीजीपी एसके सिंघल ने उठाया तो उन्होने कहा कि डीजीपी साहब फोन उठाया करिए.इसके बाद प्रेस/मीडियाकर्मियों द्वारा पुलिस महानिदेशक, बिहार से आवश्यक बातचीत, सूचना एवं जानकारी देने के लिए टेलीफोन नम्बर जारी कर दी गयी. कार्यालय का नम्बर-0612 2294301/ 2294302 /मोबाइल नम्बर-मोबाईल नम्बर- 09431602302 पर संपर्क किया जा सकता है.

बता दें कि इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड के चौथे दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं. वारदात को अंजाम देने वाले न तो एक भी शूटर पकड़े जा सके हैं और न ही हत्या के पीछे रहा अहम कारण ही स्पष्ट हो सका है. गौरतलब है कि नीतीश कुमार पुलिस के आलाधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक कर कानून-व्यवस्था को दुरूस्त करने की सख्त हिदायत दे चुके हैं.

इस घटना के बाद बिहार का सियासी पारा भी चढ़ गया और लगे हाथ तेजस्वी उनकी पार्टी आरजेडी ने सीएम नीतीश को घेर लिया.क्या गम है जिसको छुपा रहे हो?'आरजेडी की युवा विंग युवा आरजेडी ने ट्वीट किया है. ट्वीट से साफ जाहिर होता है युवा आरजेडी अपने ट्वीट से सीएम नीतीश कुमार को चिढ़ाने की कोशिश कर रहा है. दरअसल, इस ट्वीट में एक गजल की लाइन है. इस लाइन में शब्द को बदलकर लिखा गया है. इसमें लिखा है कि 'तुम इतना जो झल्ला रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो?'. आप भी पढ़ लीजिए...


यही नहीं, तेजस्वी ने भी ट्वीट कर तंज कसा है. तेजस्वी ने लिखा है कि दुर्भाग्यपूर्ण ब्रेकिंग न्यूज़:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ उठा अपराधियों के सामने किया सरेंडर. कहा, “कोई नहीं रोक सकता अपराध!” हड़प्पा काल में भी होते थे अपराध. जरा तुलना कर लीजिए. उल्टा पत्रकारों से पूछ रहे हैं, क्या आपको पता है कौन हैं अपराधी और वो क्यों करते है अपराध?



एक अन्य ट्वीट में लिखा कि 'माननीय मुख्यमंत्री जी से बिहार संभल नहीं रहा. अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे क्योंकि RCP टैक्स योजना के तहत उनका पदस्थापन होता है. अधिकारी जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाते. भ्रष्टाचार चरम पर है और कुर्सीवादी सिद्धांतहीन जोड़-तोड़ की सरकार अपना-अपना हिस्सा बांट गहरी निंद्रा में हैं.'


तेजस्वी ने एक और ट्वीट कर लिखा कि' जनहित में जारी, कृपया आप सावधानीपूर्वक घर से बाहर निकलिए. बिहार की अनैतिक असमर्थ सरकार में विधि व्यवस्था समाप्त है. सत्ता संरक्षित अपराधी कभी भी कहीं भी तांडव कर, किसी को भी लूट, अपहरण कर, गोली मार देते हैं. बलात्कारी सरेआम मां, बहन, बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर रहे हैं.

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