क्या सपा इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी?

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क्या सपा इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी?

जनादेश ब्यूरो 

लखनऊ .उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब डेढ़ साल से भी कम समय रह गया है. राज्य में 2021 के मार्च में चुनाव होना है. सो, पार्टियों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कमान में हमेशा चुनाव के लिए तैयार रहती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनावों को लेकर हमेशा ही चौकस रहते हैं,  लेकिन विपक्षी पार्टियों में इस बार चुनावी तैयारियों को लेकर अभी तक सिर्फ समाजवादी पार्टी अव्वल है. हाल में हुए उपचुनावों और विधान परिषद की सीटों के चुनाव में सपा को बाकी विपक्षी पार्टियों के मुकाबले अच्छी सफलता मिली. इससे सपा को लग रहा है कि वह सिर्फ विधानसभा में सीटों की संख्या के लिहाज से ही मुख्य विपक्षी नहीं है, बल्कि राज्य की जनता उसे ही मुख्य विपक्षी पार्टी मान रही है और इस लिहाज से भाजपा का विकल्प वही है. तभी पार्टी ने डेढ़ साल पहले ही विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. सबसे पहले पार्टी ने तय किया है कि इस बार वह किसी के साथ तालमेल नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी. पिछले दो चुनावों में पार्टी ने दो प्रयोग किए थे. पहले विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस साथ लड़े थे, जबकि लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा एक साथ लड़े थे. दोनों चुनावों में सपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. इसलिए इस बार पार्टी अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है. दूसरे, कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी चुनाव से काफी पहले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी. सपा के जानकार नेताओं के मुताबिक पार्टी हर सीट का सर्वे करा रही है और संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट बना रही है. इनमें से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की घोषणा विधानसभा चुनाव से सात-आठ महीने पहले कर दी जाएगी. यानी अगले साल के मध्य में या उसके तुरंत बाद उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी. इस बीच यह भी खबर है कि शिवपाल यादव की पार्टी में वापसी हो सकती है. शिवपाल ने सपा से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई थी, लेकिन उनकी पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है. अखिलेश उन्हें एक सीट देने को तैयार हैं, जबकि शिवपाल ज्यादा सीटें चाहते हैं. ऐसे में दोनों की बीच खटपट हो रही है. शिवपाल को अगर अखिलेश साथ नही लेते हैं तो फिर उन्हें यादव बेल्ट में नुकसान झेलना पड़ सकता है. अब देखना यह है कि चुनाव अकेले लड़ते हुए अखिलेश अपने चाचा शिवपाल को अपने खेमें में कैसे लाते हैं.

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