नई दिल्ली .किसानों का पिज्जा-पराठा बहुत बड़ी खबर है लेकिन हजारों ट्रैक्टर के साथ मार्च करने की खबर गायब है.शनिवार को पंजाब के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) ने ट्रैक्टर मार्च निकाला.करीब 1000 ट्रैक्टर का यह मार्च शनिवार को टिकरी बॉर्डर से चला और गांवों से होते हुए रेवाड़ी पहुंचा.ये मार्च तीन दिन का है और इसे शाहजहांपुर बॉर्डर तक जाना है.
बीकेयू (उग्रहान) के प्रेसिडेंट ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.हमने और ज़्यादा लोगों को मोबिलाइज करने के लिए ट्रैक्टर मार्च का फैसला किया.मार्च में 1000 से ज़्यादा ट्रैक्टर शामिल हुए और गांवों में हमें खूब समर्थन मिल रहा है.
सभी किसान संगठनों ने पहले घोषणा की थी कि 30 दिसंबर को टिकरी से शाहजहांपुर ट्रैक्टर मार्च निकलेगा.बाद में बाकी संगठनों ने इसे अगली बैठक तक स्थगित कर दिया.लेकिन उग्रहान ने मार्च निकाला.
इस मार्च की खबर सिर्फ टाइम्स ऑफ इंडिया ने छापी है.इंडियन एक्सप्रेस ने इस बारे में अपने एक रिपोर्टर का ट्वीट शेयर किया है.हिंदी में दैनिक भास्कर ने भी खबर छापी है- "बहादुरगढ़ से हजारों ट्रैक्टर पर किसान रेवाड़ी पहुंचे, कैथल में मंत्री-विधायक की कोठी घेरी.क्या ये खबर सब मीडिया संस्थानों में नहीं होनी चाहिए? जिस मीडिया के लिए किसानों का पिज्जा-पराठा बहुत बड़ी खबर है, वे किसानों के हजारों ट्रैक्टर के साथ मार्च करने को बड़ी खबर क्यों नहीं मानते?
कृष्णकांत
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