मुखिया फिर से ताल नहीं ठोक पाएंगे

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मुखिया फिर से ताल नहीं ठोक पाएंगे

आलोक कुमार

पटना.बिहार नगरपालिका (संसोधन) अधिनियम, 2020 के आलोक में राज्य में कतिपय नये नगर पंचायतों का गठन की स्वीकृति प्रदान की गई.बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बिहार कैबिनेट ने राज्य में 103 नई नगर पंचायत और 8 नए नगर परिषद बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके साथ ही 12 नगर निकायों के विस्तारीकरण और 5 नगर परिषद को नगर निगम के रूप में अपग्रेडेशन की भी मंजूरी कैबिनेट ने दी है.इसके कारण त्रिस्तरीय पंचायतों का भूगोल बदल जाएगा और दस हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों की छुट्टी होगी.300 से अधिक मुखिया चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

चुनाव लड़ने से ऐसे वंचित रह जाएंगे दरअसल, पंचायती राज कानून के तहत औसतन सात हजार की आबादी पर एक पंचायत का गठन होता है.प्रति पंचायत में औसतन 32 से 35 जन प्रतिनिधि होते हैं. इस तरह तीन सौ पंचायतों के करीब दस हजार जनप्रतिनिधि 2021 का पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.


बिहार में 2021 में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है. चुनाव आयोग के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर पर भी इसकी तैयारियां चल रही है. संभावना जतायी जा रही है कि मार्च से मई के बीच पंचायत चुनाव हो. चुनाव से पहले ही ये तय हो गया है कि 300 से अधिक मुखिया फिर से ताल नहीं ठोक पाएंगे.

इसका कारण ये कि बिहार में नये नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम के गठन की कवायद से पंचायत चुनाव का गणित प्रभावित हो गया है. बिहार सरकार के फैसले से राज्य के कई पंचायतों का भूगोल बदल रहा है. इतना ही नहीं त्रिस्तरीय पंचायतों के 10 हजार से अधिक जनप्रतिनिधियों की छुट्टी तय हो गई है.

मुखिया , सरपंच , पंचायत समिति सदस्य , वार्ड सदस्य , वार्ड पंच का क्षेत्र नगर निकायों में समाहित हो जाएगी. दरअसल, सरकार ने 103 नये नगर पंचायतों के गठन को मंजूरी दी है. इस कारण दो सौ से अधिक पंचायत नगर पंचायत क्षेत्र में बदल जाएंगे. इसी तरह आठ नए नगर परिषद के सृजन के साथ ही 32 नगर पंचायतों को अपग्रेड कर नगर परिषद बना दिया गया है.

ऐसे में सीधे तौर पर 60 पंचायत नये नगर परिषद क्षेत्र में चले जाएंगे. इसके अलावा 32 नगर पंचायत को अपग्रेड नगर परिषद बनाने के कारण 40 से अधिक पंचायतें नहीं रहेंगी. यही नहीं, पांच नये नगर निगम बनने के कारण भी 20 से 50 पंचायतों का अस्तित्व नहीं रहेगा. इससे करीब 300 से अधिक मुखिया फिर से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

बिहार पंचायत चुनाव, 2021 को लेकर वार्डवार मतदाता सूची 12 जनवरी तक तैयार हो जाएगी. 13 से 18 जनवरी के बीच प्रारूप मतदाता सूची की छपाई (मुद्रण) व 19 को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. बता दें कि इस बार बिहार पंचायत चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से होगा.


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