पटना.बिहार में किसान आंदोलन के पक्ष में होकर प्रदर्शन करना विपक्षी नेताओं को भारी पड़ गया. राजद की ओर से आज शनिवार (5 दिसंबर) को पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास सुबह 10 बजे से धरना कार्यक्रम था.किंतु जिला प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को बाहर निकालकर गांधी मैदान सील कर दिया.आखिरकार प्रशासन ने गांधी मैदान का छोटा गेट खोल दिया.इसके बाद तेजस्वी यादव व राजद नेता और कार्यकर्ता गांधी मूर्ति के पास पहुंचे और किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए अपना संकल्प पत्र पढ़ा.तेजस्वी यादव ने कृषि कानूनों को काला कानून करार दिया. केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.
इसके पूर्व जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी.गांधी मैदान में राजद कार्यकर्ता जुटने लगे थे.सारी व्यवस्था कर ली गई थी.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी समेत अन्य नेताओं के बैठने एवं माइक की व्यवथा की जा रही थी, तभी प्रशासन ने आकर रोक दिया.किसान विरोधी बिल को लेकर प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है.
यही है इस वक्त की बड़ी खबर.राजधानी पटना में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज कराया गया है. किसान बिल के खिलाफ बिना अनुमति गांधी मैदान के अंदर घुसकर भीड़ को संबोधित करने और कोविड नियम तोड़ने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता मदन मोहन झा समेत 18 प्रमुख नेताओं के ऊपर केस किया गया है. मजिस्ट्रेट और श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजीव दत्त वर्मा की ओर से यह एक्शन लिया गया है.
मजिस्ट्रेट राजीव दत्त वर्मा द्वारा किये गए एफआईआर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगादानंद सिंह , राजद के दानापुर के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव,विधायक आलोक मेहता, रामानंद यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, रमई राम, पूर्व विधायक शक्ति सिंह, मृत्युंजय तिवारी, अनिल कुमार, रामबली यादव, सुबोध कुमार यादव, उमिर्ला ठाकुर, अनिता देवी, कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, अनिल शर्मा, केडी यादव, चंदेश्वर सिंह, रामनरेश पांडेय के नाम शामिल हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष मदन मोहन झा पर भी एफआईआर दर्ज हुआ.
बताया जा रहा है कि इसके अलावा 500 से अधिक अन्य कार्यकर्ताओं पर भी मामला दर्ज किया गया है. बिना अनुमति और कोविड19 के नियमों का पालन नहीं करने पर इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.IPC की धारा 188, 145, 269, 279 और 3 एपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
दरअसल शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए आंदोलन का ऐलान किया था. लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद आरजेडी कार्यकर्ता गेट पर ही धरने पर बैठ गए. गांधी मैदान के बाहर गेट नंबर चार पर धरने पर बैठे तेजस्वी और महागठबंधन के अन्य नेताओं के खिलाफ यह एक्शन लिया गया.
तेजस्वी यादव ने आरोप जड़ा कि केंद्र के किसान और मजदूर विरोधी फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सहभागी हैं. केंद्र सरकार आज जो बातचीत कर रही है, वह कानून बनाने से पहले होनी चाहिए थी. उन्होंने राज्य के सभी किसानों और संगठनों से बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की.
शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों को आंदोलन समर्थन दिया है. राजेडी ने केंद्र सरकार के बनाए तीन कानूनों का निरस्त करने की मांग की है और इसे लेकर धरने शुरू कर दिये हैं. पार्टी ने साफ किया है कि अगर सरकार पीछे नहीं हटती है तो कार्यकर्ता अपनी हलचल करेेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों के पुतले जलाएंगे. साथ ही केंद्र सरकार की एमएसपी को लेकर नीति पर बड़ा सवाल खड़े किये हैं.
जैसे की कल घोषणा की गई थी बिहार विधानसभा के नेता विपक्षी तेजस्वी प्रसाद यादव गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना का नेतृत्व कर रहे हैं. साथ ही बिहार के किसानों को इस विरोध में शामिल होने का आग्रह किया गया है.भाजपा सरकार कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को बंद करने और कॉर्पोरेट्स को खेती करने के लिए कानून लेकर आई है.
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