एनडीए को सरकार बनाने लायक बहुमत मिला

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एनडीए को सरकार बनाने लायक बहुमत मिला

आलोक कुमार 

पटना.बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिल गया है.एनडीए ने जादुई आंकड़ा 122 से तीन अधिक यानी 125 सीटें हासिल की है.एनडीए में चार घटक दल हैं.भाजपा, जदयू, जीतन राम मांझी का हिंदुस्तान अवाम मोर्चा व मुकेश सहनी की वीआइपी. 

वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. अन्य धड़ों, निर्दलीयों को आठ सीटें हासिल हुई हैं.बिहार के इस विधानसभा चुनाव में 91 सीटें जीत कर राजद सबसे बड़ा दल बना है. वहीं, 74 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर है और जनता दल यूनाइटेड 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है.कम्युनिष्टों का प्रदर्शन शानदार रहा. महागठबंधन ने हार स्वीकार नहीं मानते बल्कि हराना मानते हैं.कम से कम दो दर्जन सीटों पर हेराफेरी की गयी है.चुनाव आयोग के बेवसाइट से पता चला कि 119 गठबंधन के प्रत्याशी गये हैं मगर बाद में नहीं माना.


बिहार बीजेपी की प्रेस देर रात साढ़े ग्यारह बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा, ''बिहार के आज के परिणाम ने साफ किया है कि बिहार में विकास, शांति, लोकतंत्र और सामाजिक सदभाव के शासन को निरंतर रूप से जनता ने अपना समर्थन दिया. और एनडीए को एक बार फिर पूर्ण बहुमत मिला है. बिहार की जनता का हम आभार व्यक्त करते हैं. यह जीत प्रधानमंत्री मोदी के आत्म निर्भर भारत और आत्म निर्भर बिहार को पूरा करने के लिए आशीर्वाद के रूप में सेवा करने का जनता ने अवसर दिया है. मैं बिहार की सभी महिला मतदाताओं का आभार, जिन्होंने बढ़चढ़ कर मतदान में भाग लिया और हमें जनमत दिया. पूरा प्रदेश नेतृ़त्व की तरफ से जनता को बधाई देते हैं. ''

भूपेंद्र यादव ने कहा, ''आरजेडी को अपनी हार पच नहीं रही है, यह उस बच्चे की तरह है जो मैच जीतता है तो मैच आपका और नहीं जीतो तो बल्ला और विकेट सब उखाड़ कर ले जाओ. आरजेडी का यह व्यवहार लोकतंत्र के अनुरूप नहीं है. हम बिहार के सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हैं.''


सुशील मोदी ने कहा, ''चौथी बार एनडीए को बिहार में सेवा करने का मौका मिला है. हम सभी नेताओं का धन्यवाद देना चाहता हूं. एक कहावत है खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे. कुछ देर पहले आरजेडी और कांग्रेस के लोग चुनाव आयोग से जाकर मिले हैं. पहले इन लोगों ने चुनाव करवाने का विरोध किया. चुनाव के दौरान राहुल गांधी ईवीएम मोदी मोदी वोटिंग मशीन बताया. मुझे विश्वास है कि कल आरजेडी के सभी नेता ईवीएम पर दोष मढ़ेंगे.''


जेडीयू उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मंत्री चंद्रिका चुनाव हार गए हैं. उन्हें राष्ट्रीय जनता के उम्मीदवार छोटे लाल राय ने हराया है. चंद्रिका राय सारण जिले के परसा सीट से चुनाव लड़ रहे थे. चंद्रिका राय राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद के बेटे हैं. इसके अलावा वो राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव के समधी हैं. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप के साथ उनकी बेटी ऐशवर्या राय की शादी हुई थी. लालू यादव पुत्र और चंद्रिका राय के दमाद तेज प्रताप जीत गये हैं.


लालू-राबड़ी शासन काल  के चर्चित चेहरों में से एक अनिरूद्ध प्रसाद यादव ऊर्फ साधु यादव  मतगणना के पहले दौर में आगे चल रहे थे.हालांकि बाद में वे पिछड़ते ही चले गए. भारतीय जनता पार्टी के उम्‍मीदवार सुभाष सिंह ने साधु यादव को 36,752 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया. सुभाष को 77,751 जबकि साधु को 41,039 मत मिले. कांग्रेस के प्रत्‍याशी आशिफ गफूर 36,460 मत हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे.राबड़ी देवी के भाई हैं

 साधु यादव.


चर्चा है रामविलास ने महल बनाये थे और चिराग पासवान ने आग लगा दी. बिहार के मंत्री विलाप करते नहीं थक रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी ने सबसे ज्यादा किसी को डैमेज किया है तो वह जदयू. अपनी रणनीति के तहत लोजपा ने नीतीश कैबिनेट के 7 मंत्रियों की उम्मीदों पर पानी फेरा है. जदयू के 5 मंत्री समेत नीतीश कैबिनेट के 7 मंत्री चुनाव हार गए हैं. इनमें भाजपा कोटे के दो मंत्री सुरेश शर्मा और बृजकिशोर बिंद शामिल हैं.

नीतीश कैबिनेट के ये मंत्री हारे

कृष्णनंदन वर्मा- जहानाबाद के घोसी विधानसभा से सीट बदल कर जहानाबाद गए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा चुनाव हार गए हैं. यहां से राजद के सुदय यादव ने उन्हें पटखनी दी है. शिक्षा मंत्री के सीट बदलकर जहानाबाद जाने को लेकर वहां की जनता ने विरोध किया था.यहां तक कि कृष्णनंदन वर्मा के सामने जहानाबाद की जनता ने खरी-खरी सुनाई थी.

सुरेश कुमार शर्मा – नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को मुजफ्फरपुर सीट से कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने हराया है. मंत्री सुरेश शर्मा की हार का बड़ा कारण मुजफ्फरपुर में जलजमाव बना.कहा जा रहा है कि मंत्री जी को पानी ले डूबा.मुजफ्फरपुर में इस बरसात में बड़ी नारकीय स्थिति हो गई थी. बताया जा रहा है कि लोगों का यही गुस्सा इस बार मतदान में खुल कर दिखा है.

जय कुमार सिंह – जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री जय कुमार सिंह चुनाव हार गए. रोहतास के दिनारा सीट से लगातार जीत रहे जय कुमार सिंह की हार की वजह भाजपा से लोजपा में गये राजेंद्र सिंह हैं.हालांकि राजेंद्र सिंह जदयू के वोट में सेंधमारी करने के बावजूद चुनाव हार गए हैं. दिनारा से राजद के विजय कुमार मंडल ने जीत हासिल की है.राजेंद्र सिंह ने दिनारा से चुनाव लड़ने की तैयारी काफी पहले से कर रखी थी, लेकिन भाजपा ने यह सीट जदयू को दिया तो राजेंद्र सिंह बागी होकर लोजपा से चुनाव लड़ गए.नतीजा ना राजेंद्र जीते और ना ही जय कुमार सिंह को जीतने दिया। इस लड़ाई में तीसरे को फायदा हो गया.

संतोष कुमार निराला – राजपुर विधानसभा सीट से मंत्री संतोष कुमार निराला चुनाव हार गए हैं. 2015 की नीतीश सरकार में संतोष कुमार निराला परिवहन मंत्री रहे हैं.वे कांग्रेस के विश्वनाथ राम से चुनाव हारे हैं. यहां से भी लोजपा के प्रत्याशी निर्भय निराला ही हार की वजह बने.

शैलेश कुमार- ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार जमालपुर से हार गए हैं.शैलेश कुमार कांग्रेस के अजय कुमार सिंह से चुनाव हारे हैं. यहां भी हार की वजह लोजपा ही रही. इस हार में लोजपा के दुर्गेश कुमार ने बड़ी भूमिका निभाई.

रामसेवक सिंह – हथुआ से जदयू विधायक व समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह अपने क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं.लोजपा से रामदरस प्रसाद की वजह से ये चुनाव हारे हैं। यहां राजद के राजेश सिंह ने चुनाव जीता है.

बृज किशोर बिंद – खनन मंत्री बृज किशोर बिंद चैनपुर से चुनाव हार गए हैं.चुनाव प्रचार में गए थे तो मतदाताओं से कहा कि जब वो यहां से विधायक थे, तो किसी प्रकार की मुसीबत नहीं थी, लेकिन हम हार गए तो यहां अकाल आ जाएगा, फसलें खराब हो जाएगी.ये विडियो तुरंत वायरल हो गया.मतदाताओं को ये पसंद नहीं आया और जनता ने उन्हें चुनाव हरा दिया.

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