बिहार में तो लड़ेंगी जातियां ही
गिरधारी लाल जोशी
भागलपुर .लोकसभा चुनाव में बड़े नेता हो या छोटे सभी राष्ट्र निर्माण, संबिधान बचाओ, चौकीदार, थानेदार जैसी बातें अपने भाषणों में कर रहे है.मगर बिहार में सभी दल जात से जात को साधने की कोशिश में लगे है.टिकटों के बंटवारे में भी जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया.बल्कि आमने - सामने प्रतिद्वंदी भी एक ही जाति के खिलाड़ी मैदान में उतारा.जाहिर है जीते कोई भी, सांसद तो उसी जाति का बनेगा.बिहार में जातीय समीकरण की बात करना मजबूरी है.
यह अलग बात है कि एक जातीय के दो दलों के दो उम्मीदवार होने से उनकी जाति के मतदाताओं के सामने धर्मसंकट पैदा हो गया है.ऐसे में इनके किस्मत की कुंजी दूसरी जाति के वोटरों के हाथ में है.मगर भागलपुर दिलदारपुर की विमला देवी, मनोहर मंडल, सरोज देवी कहती है जो जीतने वाला उम्मीदवार होगा वोट उसे ही देंगे.ये गंगोता जाति से है.यहां राजग और महगठबंधन प्रत्याशी दोनों एक ही गंगोता जाति के है.
भागलपुर डिवीजन की भागलपुर और बांका समेत बिहार की कम से कम 14 सीटें ऐसी है जिनपर हार - जीत का फैसला एक ही जाति के उम्मीदवार के बीच होना तय है.चाहे वह किसी भी दल का हो.मिसाल के तौर पर भागलपुर सीट है.यहां महगठबंधन के उम्मीदवार राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल है.ये वर्तमान में सांसद है. तो राजग के सीट बंटवारे में यह सीट भजपा ने जदयू की झोली में डाल दी.नतीजतन जदयू ने यहां के नाथनगर के अपने विधायक अजय मंडल को मैदान में उतारा है.ये गंगोता जाति से है.जीत का सेहरा इन्हीं दोनों में से एक के माथे बंधना माना जा रहा है.
इसी तरह बांका सीट है.महगठबंधन ने अपने राजद के वर्तमान सांसद जयप्रकाश नारायण यादव को फिर उतारा है.तो राजग ने जदयू के गिरधारी यादव को टिकट दिया है.ये बेलहर विधानसभा के विधायक है.यह अलग बात है कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल देवी बागी बन निर्दलीय खड़ी है.मगर दलों ने एक ही जातीय को तरजीह दी है.इसी तर्ज पर बेगूसराय सीट है.यहां भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.ये बीते चुनाव में नवादा से लड़े और जीते थे.गिरिराज सिंह भूमिहार जाति से आते है.तो भाकपा ने इसी बिरादरी के चर्चित कन्हैया कुमार को खड़ा कर दिया है.राजद ने तनवीर हसन को प्रत्याशी घोषित किया है.जो बीते चुनाव में भाजपा के भोला प्रसाद सिंह के मुकाबले दूसरे स्थान पर थे.अभी यहां तस्वीर साफ नहीं है.मगर दो उम्मीदवार एक ही जाति के है।
किशनगंज साठ फीसदी मुस्लिम आवादी वाला क्षेत्र है.यहां कांग्रेस के मो.जावेद तो जदयू के महमूद अशरफ है.यहां भी दोनों दलों ने अल्पसंख्यक पर ही भरोसा किया है.जीत - हार का फैसला भी इन्हीं के बीच होना लाजिमी है.लेकिन कुंजी 40 फीसदी गैर अल्पसंख्यक वोटों के पास है.मुजफ्फरपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने अजय निषाद को टिकट दिया है.इनके सामने महगठबंधन की वीआईपी पार्टी के राजभूषण चौधरी है.दोनों एक ही जाति से आते है.यहां भी जीते कोई , संसद तो इसी जाति का पहुंचेगा.
मधेपुरा से महगठबंधन उम्मीदवार के तौर पर राजद से शरद यादव तो राजग प्रत्याशी जदयू के दिनेश चंद्र यादव है.वहीं वर्तमान सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी ताल ठोक निर्दलीय डटे है.जीते कोई मगर सांसद तो यादव जाति से ही होगा.गोपालगंज सुरक्षित सीट है.यहां राजद ने सुरेंद्र राम को मैदान में उतारा है.तो जदयू ने भी इसी बिरादरी के आलोक कुमार सुमन को .
वैशाली से राजद ने रघुवंश प्रसाद सिंह को टिकट दिया है.इनके मुकावले राजग की ओर से लोजपा की वीणा सिंह है.दोनों एक ही जाति से जुड़ी है.महाराजगंज से राजद ने रणधीर सिंह को तो भाजपा ने मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को.दोनों की जाति एक ही है.पाटलिपुत्र से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को फिर उतारा है.वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती महगठबंधन उम्मीदवार है.चाचा भतीजी की 2014 की लड़ाई में रामकृपाल जीते थे.अबकी कौन जीतता है .देखना है.मगर जीत एक ही जाति के उम्मीदवार की होनी तय मानी जा रही है.
पटना साहिब से भाजपा के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है.कयास है कांग्रेस शत्रुघन प्रसाद सिंहा को उम्मीदवार बनाएगी.दूसरा भी कोई आया तो कायस्थ जाति से ही आएगा .यह भी पक्का माना जा रहा है.जाहिर है यहां भी जीत कायस्थ जाति के उम्मीदवार की तय मानी जा रही है.गया सीट सुरक्षित है.यहां से महगठबंधन के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी मैदान में है.राजग की ओर से जदयू के विजय कुमार मांझी है.इन दोनों की जाति भी एक ही है.
वैसे काराकाट सीट से जदयू ने महाबली सिंह को टिकट दिया है.इसी सीट से रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा के चुनाव लड़ने की उम्मीद है.जाहिर है दोनों दल कुशवाहा वोटों को साधने की कोशिश में है.वहीं मुंगेर सीट पर बिहार के मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह राजग के जदयू उम्मीदवार है.तो कांग्रेस ने बिहार में छोटे सरकार के नाम से जानने वाले मोकामा विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को प्रत्याशी घोषित किया है.ये भी एक ही जाति के है. लिहाजा मुकाबला और जीत-हार का नतीजा भी जातीय समीकरण के हिसाब लगाकर खड़े किए गए उम्मीदवारों के पक्ष और विपक्ष में आना तय माना जा रहा है.
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