प्रतिमा स्थापना को लेकर फजीयत जारी

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

प्रतिमा स्थापना को लेकर फजीयत जारी

पटना.वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी चुनाव हार गये.बावजूद इसके उनको बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्‍स्‍य संसाधन मंत्री बनाया.मंत्री बनने के 6 माह का संवैधानिक प्रावधान को पूरा करने के क्रम में उनको बिहार विधान परिषद में कम कार्यकाल वाली सीट थमा दिया.तब ही समय समय पर विरोध करते रहे हैं.बाजाप्ता उन्‍होंने भाजपा के समक्ष विरोध दर्ज कराया था. 

अब यह सवाल उछाला जा रहा है कि बीजेपी ने जो हाल एलजेपी के नेता व सांसद चिराग पासवान के साथ किया है.वही हाल बीजेपी वीआईपी के अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के साथ करने जा रहा है? बिहार में बीजेपी के कोटे से मंत्री बने हैं. 

इस बीच मुकेश सहनी बिहार के बाद उत्‍तर प्रदेश में अपनी सियासत चमकाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. यूपी में निषाद वोटों पर अपनी दावेदारी जता रहे सहनी ने 18 बड़े शहरों में फूलन देवी की मूर्तियां लगाने की तैयारी में थे. इस सिलसिले में जब वे बनारस पहुंचे तो उन्‍हें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया. उन्‍हें वाराणसी एयरपोर्ट से सीधे कोलकाता लौटा दिया गया, क्‍योंकि वहां से तत्‍काल पटना या दिल्‍ली की कोई फ्लाइट उपलब्‍ध नहीं थी.फूलन देवी की तमाम मूर्तियों को भी यूपी सरकार ने जब्‍त कर लिया.इस घटनाक्रम से सहनी बेहद आहत हैं.  

बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्‍स्‍य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होते ही नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया है.दरअसल सदन में विपक्ष के हमलों के खिलाफ रणनीति बनाने और सरकार की उपलब्धियों को सही तरीके से सदन में रखने के लिए सोमवार को एनडीए विधान मंडल दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक में सहनी की पार्टी का कोई विधायक या विधान पार्षद सम्मिलित नहीं हुआ. विकासशील इंसान पार्टी से फिलहाल चार विधायक और एक विधान पार्षद मुकेश सहनी खुद हैं. सहनी के इस कदम ने राजद-कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष को खुश किया है तो सत्‍ता पक्ष चौंक गया है. 

माना जा रहा है कि उन्‍होंने अपनी नाराजगी जताने के लिए पार्टी के विधायकों को एनडीए की बैठक में नहीं जाने दिया.उनका कहना है कि एनडीए में सम्मान नहीं मिलता है.वहीं विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को जेडीयू के सांसद ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है. जेडीयू के सांसद ने कहा है कि मुकेश सहनी किसी मुगालते में नहीं रहे वर्ना उनकी हालत भी चिराग पासवान तरह हो जायेगी.सारे विधायक एनडीए के साथ चले जायेंगे औऱ मुकेश सहनी अकेले अपनी पार्टी में रह जायेंगे. 

सीतामढी से जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिन्टू ने कहा कि मुकेश सहनी की पार्टी के अगर चार विधायक जीते हैं तो उन्हें एनडीए का वोट मिला.चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया.इसके बावजूद उन्हें कोई शिकायत थी तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कह सकते थे. लेकिन मीडिया में जाकर इस तरह से बयान देना गलत है. 

जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि मुकेश सहनी को लोक जनशक्ति पार्टी का हाल देख लेना चाहिये. चिराग पासवान एनडीए से अलग राह पकड़ रहे थे. नतीजा ये हुआ कि उनको छोड कर बाकी सभी सांसद एनडीए के साथ आ गये औऱ चिराग पासवान अकेले रह गये. सांसद ने उम्मीद जतायी कि मुकेश सहनी ऐसा नहीं करेंगे. अगर वे ऐसा करने की सोचेंगे तो फिर उनके चारों विधायक ही उनका साथ नहीं देंगे. सुनील कुमार पिन्टू ने कहा कि मुकेश सहनी ने अगर एनडीए छोड़ने की गलती तो अकेले ही रह जायेंगे. 

सुनील कुमार पिन्टू ने कहा कि बिहार में एनडीए वोटरों के बल पर गठबंधन की सभी पार्टियों के विधायक जीत कर आय़े हैं. मुकेश सहनी किसी औऱ मुगालते में नहीं रहें. सरकार में जिस पार्टी के जितने विधायक हैं उसके आधार पर उन्हें प्रतिनिधित्व मिल रहा है. जेडीयू सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन की सभी पार्टियों की बात सुनते हैं औऱ सभी नेताओं को सम्मान देते हैं. 

सरकार एक तय एजेंडे पर काम कर रही है जिसे सभी पार्टियों ने मिल कर बनाया है. फिर भी मुकेश सहनी को कोई परेशानी है तो उन्हें मुख्यमंत्री से मिल कर अपनी बात कहनी चाहिये. मीडिया में इस तरह की बयानबाजी से सरकार औऱ गठबंधन की छवि खराब होती है. छोटी छोटी बातों पर मुंह फुलाने औऱ बयानबाजी से राजनीति नहीं होती है. 


यूपी में भाजपा से खार खाए मुकेश सहनी ने तेजस्‍वी यादव और अखिलेश यादव को फूलन देवी को याद करने के लिए धन्‍यवाद देकर भाजपा को संदेश देने की कोशिश की है तो खुले शब्‍दों में यूपी में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार की आलोचना भी की है। उन्‍होंने कहा कि योगी सरकार उनसे डर गई है. उन्‍होंने यह भी कहा कि बिहार की तरह ही वे यूपी में भी सरकार बनाएंगे.बिहार में सहनी की पार्टी के पास चार विधायक हैं. ये विधायक एनडीए से अलग होते हैं तो बिहार सरकार के लिए खतरे की संभावना बढ़ सकती है. 


इससे पहले भी सहनी कई मौकों पर नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. विधान परिषद में कम कार्यकाल वाली सीट के लिए भी उन्‍होंने भाजपा के समक्ष विरोध दर्ज कराया था. उनकी और हम के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी के बीच पक रही खिचड़ी को बिहार में विपक्ष अपने लिए फायदेमंद मान कर चल रहा है. 

बता दे कि 14 फरवरी 1981 को कानपुर के बेहमई गांव में 21 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोली से मौत के घाट उतारने के बाद फूलन देवी और उसका गिरोह चर्चा में आया था.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण के बाद अदालत के आदेश पर उन्हें सजा हुई. 11 साल जेल में रहना पड़ा.मुलायम सिंह यादव ने अपने शासनकाल 1993 में फूलन देवी के ऊपर लगे सारे आरोप वापस ले लिए और 1996 में मिर्जापुर से टिकट देकर सांसद का चुनाव लड़ा दिया. मिर्जापुर से सांसद बन फूलन देवी दिल्ली पहुंच गई. 25 जुलाई 2001 को उनकी दिल्ली में ही शेर सिंह राणा ने गोली मारकर हत्या कर दी. 

इसके बाद साल 2001 फूलन की जिंदगी का आखिरी साल रहा. इसी साल खुद को राजपूत गौरव के लिए लड़ने वाला योद्धा बताने वाला शेर सिंह राणा ने दिल्ली में फूलन देवी के 44 अशोका रोड स्थित सांसद आवास के गेट पर 25 जुलाई नागपंचमी के दिन उनकी हत्या कर दी. हत्या के बाद राणा का दावा था कि ये 1981 में सवर्णों की हत्या का बदला है. 

इस समय बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी की जग हंसाई हो रही है.बिहार में चुनाव लड़ाने के लिए मुकेश सहनी को 10 उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे. VIP के सिम्बल पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार को उतारा. जब बिहार में सहनी को 10 लोग नहीं मिले.तो यूपी में 165 कैंडिडेट कहाँ से मिलेंगे.बिहार में खुद चुनाव हार गये.इस समय मुकेश सहनी विधान पार्षद हैं. 

फूलन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार जब से आई है, सामंती जुर्म बढ़ा है.बताया कि बिनटोलिया धरमपुर गांव को भीषण कटान से बचाने के लिए व रिग बांध व स्थायी ठोकर भी मांग को लेकर फूलन सेना ने जनांन्दोलन किया. बीते 20 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पर आयोजित विशाल धरना के प्रतिशोध में दो दिन पूर्व सत्ता पक्ष ने बरहज देवरिया में मेरे ऊपर जानलेवा हमला कराकर उल्टे मुझे ही 308 आईपीसी सहित आधे दर्ज फर्जी मुकदमों में जेल डाल दिया.ताकि बिनटोलिया गांव के आंदोलन को कुचला जा सके. 

फूलन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद ने आगे कहा कि वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी डरपोक नेता हैं. भाजपा के द्वारा फूलन देवी की हत्या करने वाले शेर सिंह राणा को बीजेपी ने महिमामंडित कर सांसद बनाया है,उसकी गोद में बैठकर मुकेश नेता राजनीतिक कर रहे हैं.उनको सख्त कदम उठाना चाहिए.अपमानित करने वाले गठबंधन व दल को बाईबाई करके सम्मानित करने गठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए.  
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :