दक्षता परीक्षा पर रोक लगाने का आग्रह

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दक्षता परीक्षा पर रोक लगाने का आग्रह

आलोक कुमार 
बेतिया. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोट गुट) से संबंधित बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने माननीय पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है.जबतक वाद संख्या - सीडब्लूजेसी 7459/2020 पर प्रस्ताव पारित नहीं हो जाता है तबतक अंतरिम व्यवस्था अन्तर्गत संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत कार्यपालक सहायकों के बेल्ट्रॉन के माध्यम से दिनांक 31.07.2021 को प्रस्तावित दक्षता परीक्षा पर रोक लगाने का आग्रह पश्चिम चम्पारण जिले के जिलाधिकारी कुंदन कुमार से किया गया है. 

पश्चिम चम्पारण जिले में कार्यरत 24 कार्यपालक सहायकों ने जिलाधिकारी कुंदन कुमार से बेल्ट्रॉन द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा में शामिल होने की अनिवार्यता से मुक्त करने की गुहार लगाया है.जिलाधिकारी कुंदन कुमार को दिए आवेदन में कार्यपालक सहायकों ने कहा है कि उनका नियोजन बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के नियमों के तहत लिखित परीक्षा लेकर की गई थी.विज्ञापन 31.03.2015 में निकाला गया था. लिखित परीक्षा 24 दिसम्बर 2017 में लिया गया था.उक्त परीक्षा में करीब 10000 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिसमें 900 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे.जिन्हें हिंदी टाइपिंग व अंग्रेजी टाइपिंग के लिए 4 फरवरी 2018 में बुलाया गया था. टंकण परीक्षा उपरांत आदर्श आरक्षण के नियमानुसार 500 अभ्यर्थियों का एक पैनल निर्माण किया गया था. जिसमें काउंसलिंग के पश्चात 472 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का नियोजन विभिन्न विभागों में सृजित पदों पर आदर्श आरक्षण नियम के नियमानुसार की गई थी.साथ ही 2018 में ही जिले के 315 पंचायतों में पैनल कैनिडेट के अलावा 25 वैसे लोगों का पुनर्नियोजन किया गया जो 2011 में नियोजनमुक्त किये गये थे,जिसके कारण बाकी लोग वेटिंग में ही रह गए. लगभग 2 साल इंतजार करने के बाद 2020 में 24 लोगों की नियोजन जिला पंचायती राज रिक्त पदों पर किया गया.बहाली के उपरांत वे कोरोना महामारी में भी अपने दायित्वों का इमानदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे हैं. 

लेकिन वर्ष 2017 में पश्चिम चम्पारण जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी अभ्यर्थियों वाली पैनल में वैसे 472 कार्यपालक सहायक जो जुलाई 2019 से पहले नियोजित किया गए उन्हें दक्षता परीक्षा में उत्तीर्णता की अनिवार्यता से मुक्त किया गया है. यहीं नहीं यदि वे दक्षता परीक्षा में सफल होते हैं तो उनके प्रोन्नति का भी प्रावधान किया गया है.जबकि उसी विज्ञापन पैनल से जुलाई 2019 के बाद नियोजित सभी 24 कार्यपालक सहायकों के लिए बेल्ट्रॉन द्वारा आयोजित की जाने वाली दक्षता परीक्षा में शामिल होने व उत्तीर्णता के अनिवार्यता की शर्त रखी गई है.दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होने की स्थिति में हटाने की बात कही जा रही है.जबकि एक विज्ञापन/पैनल रहने पर नियोजन प्रक्रिया में फेरबदल नहीं किया जा सकता. 

बावजूद इसके बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी ऐसा कर हम सभी कार्यपालक सहायकों को प्रताड़ित कर हमलोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ व भविष्य को अंधकार में डालने का प्रयास किया जा रहा है. नियोजन के पश्चात बहुत से कार्यपालक सहायकों ने कर्ज लेकर लैपटॉप, प्रिंटर खरीदा है.ऐसे में यदि उन्हें दक्षता के नाम पर हटाया जाता है तो वे आर्थिक शोषित हो जाएंंगे. उनके ऊपर परिवार चलाने के साथ कर्ज चुकाने की भी जिम्मेदारी है.ऐसे में जिलाधिकारी से आग्रह है कि एक पैनल में शामिल कार्यपालक सहायकों से अलग- अलग व्यवहार न किया जाए. ज्ञापन सौंपनेे वालों अजय कुमार राम,पुष्पा कुमारी,नंदनी कुमारी, रवि कुमार गुप्ता ,सुनील कुमार ,श्रेया कुमारी,रेखा कुमारी,त्रिलोक राम,जैनेंद्र कुमार,पप्पू राम,मुकेश कुमार आदि शामिल हैं. 

इस बीच इस मामले में बिहार राज कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने भी जिलाधिकारी से अंतरिम व्यवस्था अंतर्गत संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत कार्यपालक सहायकों के बेल्ट्रॉन के माध्यम से दक्षता परीक्षा के विरोध में उच्च न्यायालय पटना में दायर याचिकाओं में अंतिम न्यायादेश पारित होने तक अंतरिम व्यवस्था अंतर्गत संविदा पर नियोजित एवं कार्यरत कार्यपालक सहायकों के बेल्ट्रॉन के माध्यम से 31 जुलाई को प्रस्तावित दक्षता परीक्षा पर रोक लगाने की अपील की है। संघ के जिलाध्यक्ष हिमांशु कुमार एवं प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार ने जिलाधिकारी कुंदन कुमार को इस संबंध में पत्र भी भेजा है. 
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